पार्षद बोले निगम में गधे का काम घोड़े कर रहे है और घोड़ो का काम गधे

ग्वालियर,न.सं.। जो कर्मचारी व अधिकारी योग्य नहीं है उन्हें मलाईदार पदों पर बैठाया गया है। कई अधिकारी ऐसे है जो घर बैठे वेतन ले रह है। शासन ने नगर निगम के लिए नियम भी बनाए है, लेकिन नगर निगम में गधे का काम घोड़े कर रहे हैं और घोड़ों का काम गधों से कराया जा रहा है। यह बाते सोमवार को जल विहार स्थित नगर निगम परिषद की अभियाचित बैठक के दूसरे सम्मेलन में विपक्षी पार्षदों ने कही। निगमायुक्त की मौजूदगी में पार्षदों ने कहा कि कर्मचारी और अधिकारी कोई भी काम नहीं करना चाहता है। नगर निगम में उल्आ ही खेल चल रहा है। उपयंत्री को उपायुक्त का दर्जा दे दिया जाता है तो भृत्य को कर संग्रहक का दर्जा। सोमवार को अभियाचित बैठक में दस बिंदुओं में से सिर्फ दो बिंदुओं पर ही चर्चा हो सकी। विपक्ष के बोलने के बाद जैसे ही सत्ता पक्ष के पार्षद बोलने लगे तो हंगामा शुरु हो गया। जिस पर सभापति मनोज तोमर ने बैठक को 5 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। विधायक प्रतिनिधि गिर्राज कंसाना की माता जी के निधन के चलते परिषद की बैठक 17 मई तक के लिए स्थगित कर दी गई।
बैठक की शुरूआत में विपक्ष के पार्षद अनिल सांखला ने कहा कि निगम के पीएचइ में बिल बांटने वाले उपयंत्री हो गए हैं। पीएचइ अमले से रोड तैयार कराने के अलावा राजस्व वसूली कराई जा रही है। भृत्य से भर्ती हुए कर्मचारी स्वास्थ्य अधिकारी हो गए हैं। पार्षद मोहित जाट ने कहा कि अधिकारियों और कर्मचारियों को मूल विभाग में भेजने के लिए निर्णय लिया जाना चाहिए। उन्होंने सभापति से कहा कि अधिकारी व कर्मचारी मलाईदार पदो पर बैठने के लिए विधायकों के यहां चाय भी पीने जाते है। अभी तक आउटसोर्स मामले की जांच पूरी क्यों नहीं हुई। विधायक प्रतिनिधि कृष्णराव दीक्षित ने विपक्ष को बताया कि नगर निगम में पटवारी नहीं है तहसीलदार भी नहीं है। अगर अभियंताओं को प्रभार नहीं देंगे तो काम कैसे चलेगा। सभापति के निर्देश पर निगमायुक्त ने सभी पार्षदों से कहा कि
शासन के निर्देशों व नियम अनुसार जो अधिकारी कर्मचारी जिस पद की आहर्ता रखते हैं उसे उसी पद पर नियुक्ति की जाएगी। इसके साथ ही जो जानकारियां पार्षदगणों द्वारा की गई है। उनकी जांच कर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
उपायुक्त अतिबल के फार्म हाउस पर कर्मचारी काम करता है
बैठक में पार्षद मोहित जाट ने कहा कि नगर निगम एक कर्मचारी दीपक कुशवाह उपायुक्त डा. अतिबल सिंह यादव के इटावा स्थित फार्म हाउस पर नौकरी कर रहा है। वह पिछले तीन साल से वेतन ले रहा है। लेकिन आज तक नौकरी पर नहीं आया। उन्होंने कहा कि ऐसे एक नहीं कई मामले है।
विनियमित कर्मचारियों को अनुकंपा नियुक्ति देने का प्रविधान नहीं
14 अगस्त 2021 को महाराज बाड़ा पर हादसे में जान गंवाने वाले निगम के विनियमित कर्मचारियों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति देने के मामले में एमआइसी सदस्य अवधेश कौरव ने कहा कि घटना वाले दिन प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने अनुकंपा नियुक्ति की घोषणा की थी। लेकिन बाद में पता चला कि विनियमित कर्मचारियों को अनुकंपा नियुक्ति देने का प्रविधान ही नहीं है। चर्चा के बाद सभापति ने निर्देश दिए कि दुर्घटना में मृतक कर्मचारियों के परिजनों को नियुक्ति के संबंध में नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जाए।
पार्षद बोले अधिकारी फोन तक नहीं उठाते
-पार्षद भावना खटीक ने कहा कि वह सबसे कम उम्र की पार्षद है। अधिकारियों को फोन या पत्र लिखों तो उसका कोई जबाव नहीं देते।
-पार्षद मनोज राजपूत ने कहा कि अधिकारियों को जो पत्र लिखे जाते है उनका सात के दिन के अंदर जबाव दिया जाए।
-पार्षद अर्पणा पाटिल ने कहा कि वर्क ऑर्डर की जानकारी अधिकारी देते नहीं है। सीवर की सफाई के बाद मलबा सडक़ पर ही पड़ा रहता है, जनता हमें गाली देती है।
-पार्षद नागेन्द्र राणा ने कहा कि कार्यशाला प्रभारी को पत्र लिखा, वे जबाव नहीं देते। अधिकारियों को फोन लगाओं तो वह रिप्लाई भी नहीं करते।
-सभापति श्री तोमर द्वारा निर्देश दिए गए कि निर्माण कार्य से संबंधित समस्त कार्यादेश की प्रति संबंधित वार्ड के पार्षदगणों को दी जाए एवं निर्माण की जानकारी पार्षदगणों को दें। इसके साथ ही आयुक्त नगर निगम सभी अधिकारियेां को निर्देश करें कि पार्षदगणों के फोन उठायें और उनका जबाव दें।
