निजी जमीन पर प्रधानमंत्री योजना के आवास मामले में जिला प्रशासन और नगर निगम आमने-सामने

निजी जमीन पर प्रधानमंत्री योजना के आवास मामले में जिला प्रशासन और नगर निगम आमने-सामने
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खटाई में पड़ सकता है निगम को मिलने वाला अवार्ड

ग्वालियर। जिला प्रशासन के बहोड़ापुर वृत के अपर तहसीलदार द्वारा सागरताल के पास निर्माणाधीन प्रधानमंत्री आवासों को निजी भूमि पर बताए जाने का मामला तूल पकड़ रहा है। अपर तहसीलदार द्वारा 24 मई 2022 को राजस्व आदेश अनुवृत्ति पत्र में जगनापुरा के सर्वे क्रमांक 2 पर प्रधानमंत्री आवास बनने की बात कहते हुए सीमांकन करने से इंकार कर दिया था। इस खबर का मंगलवार को स्वदेश में प्रमुखता के साथ प्रकाशन होने के पर जिला प्रशासन एवं नगर निगम में खलबली मच गई। क्योंकि नगर निगम द्वारा मानपुर में 1296 फ्लैट बनाकर आम जनता को बेचे जा चुके हैं। साथ ही निगम द्वारा अब तक शहर के अलग-अलग स्थानों पर लगभग 4000 आवास निर्मित किए जा चुके हैं जिससे उन्हें केंद्रीय मंत्रालय द्वारा अवार्ड दिया जाना प्रस्तावित है।

वहीं एक एक पाई जोडक़र राशि जमा करने वाले हितग्राहियों ने निगम कार्यालय पहुंचकर हंगामा खड़ा कर दिया। तब नगर निगम की ओर से यह स्पष्टीकरण दिया गया है कि उनके द्वारा जगनापुरा में प्रधानमंत्री आवास का निर्माण नहीं किया गया है बल्कि यह निर्माण मानपुर के सर्वे क्रमांकों पर हुआ है। यहां सवाल उठ रहा है कि यदि प्रधानमंत्री आवास मानपुर के सर्वे क्रमांक पर बनाए गए हैं तब बहोड़ापुर वृत के अपर तहसीलदार शिवदयाल धाकड़ द्वारा जगनापुरा के सर्वे क्रमांक 2 पर प्रधानमंत्री आवास बनने की बात क्यों कही गई। बेहद गंभीर मामला होने के बावजूद अभी तक अपर तहसीलदार और राजस्व निरीक्षक से जानकारी तलब नहीं किया जाना भी शंका को जन्म दे रहा है।उल्लेखनीय है कि भूमि स्वामी विजय पाल सिंह पुत्र रघुवीर सिंह द्वारा पिछले दिनों बहोड़ापुर तहसीलदार के यहां जगनापुरा के सर्वे क्रमांक 2 की अपनी जमीन के सीमांकन के लिए आवेदन दिया गया।

आवेदन आने के बाद अपर तहसीलदार शिवदयाल धाकड़ ने राजस्व निरीक्षक संजय अगरैया से प्रतिवेदन देने को कहा।तब अगरैया ने 17 मई 2022 को अपने प्रतिवेदन में लिखा कि विजय पाल सिंह पुत्र रघुवीर सिंह ग्वालियर द्वारा ग्राम जगनापुरा के सर्वे क्रमांक 2 रकवा 21 बीघा 1 बिस्वा भूमि का सीमांकन बावत दिए गए आवेदन की जांच के बाद राजस्व नक्शे का अवलोकन किया गया जिसमें पाया गया है कि सर्वे क्रमांक 2 जिस स्थान पर है उस भूमि पर प्रधानमंत्री योजना के क्वार्टर बने हुए हैं, इस कारण से सर्वे नंबर 2 का सीमांकन किया जाना उचित नहीं है। राजस्व निरीक्षक की रिपोर्ट मिलने के बाद अपर तहसीलदार शिवदयाल धाकड़ ने भी 21 मई 2022 को इस आशय का पत्र जारी कर दिया कि उक्त स्थान पर प्रधानमंत्री योजना के आवास बने होने के कारण सीमांकन नहीं किया जा सकता।

नगर निगम में खलबली

चूंकि नगर निगम द्वारा मानपुर क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1296 फ्लैट बनाकर बेचे गए हैं ऐसे में सर्वे क्रमांक 2 पर प्रधानमंत्री योजना के आवास निजी भूमि पर बनने की खबर के स्वदेश में प्रकाशन के बाद मंगलवार को निगम मुख्यालय में हडक़ंप मच गया। निगमायुक्त किशोर कान्याल ने अपर आयुक्त मुकुल गुप्ता से मामले की जांच करने को कहा। इस पर गुप्ता ने निगम के व्हाट्सएप ग्रुप पर संपदा अधिकारी एवं प्रोजेक्ट इंचार्ज अरविंद चतुर्वेदी से पूरी जानकारी तलब की।

जिला प्रशासन की चुप्पी

इस पूरे मामले में अभी तक जिला प्रशासन की ओर से किसी तरह की कार्रवाई करना उचित नहीं समझा गया है जबकि प्रधानमंत्री आवास को निजी भूमि पर बताए जाने का पत्र अपर तहसीलदार द्वारा जारी करने से भ्रम की स्थिति बनी हुई है। ऐसी में फिलहाल जिला प्रशासन और नगर निगम आमने-सामने आ गए हैं।

इनका कहना

स्वदेश में प्रधानमंत्री योजना के आवास निजी जमीन पर बनाए जाने की खबर पढऩे के बाद जांच कराई जा रही है।

कौशलेंद्र विकम सिंह

जिलाधीश

नगरीय प्रशासन एवं आवास विकास विभाग द्वारा 6 दिसंबर 2017 को पत्र जारी किए जाने और ग्वालियर विकास प्राधिकरण द्वारा भूमि को योजना से निष्पादन (डिनोटिफाइड) किए जाने के बाद मानपुर के सर्वे क्रमांक 422, 423, 424/2,425, 427, 449, 450 कुल रकबा 17.688 हैक्टेयर पर प्रधानमंत्री योजना के आवास बनाए गए हैं। जगनापुरा का सर्वे क्रमांक 2 इस क्षेत्र में नहीं आता।

किशोर कन्याल

नगर निगम आयुक्त

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