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विश्वविद्यालय वैश्विक बाजार की मांग के अनुसार उत्पादन बढ़ाने के उपाय बताएं : राज्यपाल

राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय का भव्य दीक्षांत समारोह आयोजित

विश्वविद्यालय वैश्विक बाजार की मांग के अनुसार उत्पादन बढ़ाने के उपाय बताएं :  राज्यपाल
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ग्वालियर। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि हमारे कृषि विश्वविद्यालय कृषि विकास और परिवर्तन के केन्द्र बिंदु हैं। विश्वविद्यालयों को वैश्विक बाजार की मांग के अनुसार राज्य में कृषि उत्पादन बढ़ाने के उपाय बताना चाहिए। राज्यपाल श्री पटेल शनिवार को ग्वालियर में राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।


यहां कृषि महाविद्यालय के सभागार में राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री मंगुभाई पटेल की अध्यक्षता में आयोजित हुए भव्य दीक्षांत समारोह में प्रदेश के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल और उद्यानिकी व खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भारत सिंह कुशवाह बतौर विशिष्ट अतिथि मौजूद थे। एक मई 2019 से 30 अप्रैल 2021 के बीच पढ़ाई पूरी करने वाले विद्यार्थियों को दीक्षांत समारोह में उपाधियां प्रदान की गईं। कृषि संकाय के 8 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। साथ ही स्नातक के 600, स्नातकोत्तर के 374 एवं पीएचडी के 33 विद्यार्थियों सहित कुल 1007 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गईं। इसके अलाव आधा दर्जन विद्यार्थियों को सिरताज बहादुर सिन्हा स्मृति नगद पुरस्कार भी दिए गए। अतिथियों ने कृषि विश्वविद्यालय की स्मारिका का भी विमोचन किया।


राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि किसानों की आय को दोगुना करने के प्रयासों को कृषि विश्वविद्यालय व्यवहारिक रूप प्रदान करें। विश्वविद्यालय गांवों में पायलट प्रोजेक्ट को मूर्त रूप देकर किसानों को उन्नत कृषि के लिये प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कृषि मानव सभ्यता के उद्भव और विकास का आधार है। इसलिए यह जरूरी है कि कृषि के क्षेत्र में अध्ययन और अनुसंधान परिवर्तनशील चुनौतियों के अनुरूप हों।

दीक्षांत समारोह में राज्यपाल पटेल ने यह भी कहा कि प्रदेश की कृषि प्रधान व्यवस्था को सक्षम और सम्पन्न बनाने के लिये राज्य सरकार किसानों को सम्मान निधि के रूप में प्रतिवर्ष 10 हजार रूपए दे रही है। साथ ही कृषि के क्षेत्र में कई नवाचार किए हैं। कृषि अधोसंरचना को मजबूत बनाने के लिये सरकार ने कृषि अवसंरचना कोष की स्थापना की है। इसके माध्यम से वर्ष 2020-21 में 7 हजार 500 करोड़ रूपए उपलब्ध कराए गए हैं। सिंचाई सुविधा को आगामी पांच वर्षों में 65 लाख हैक्टेयर क्षेत्र तक पहुंचाने का लक्ष्य भी रखा है। उन्होंने कहा कि किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य की बजाय अधिकतम खुदरा मूल्य पर फसल बेचें और देश-विदेश के बड़े बाजारों तक कृषि उत्पाद पहुँचें, इसके लिये प्रदेश में आधुनिक मंडियां, फूड पार्क और आधुनिक वेयर हाउस की श्रृंखला का निर्माण मिशन मोड पर हो रहा है।

दूसरी हरित क्रांति की जरूरत -

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि देश में दूसरी हरित क्रांति की आवश्यकता है। दूसरी हरित क्रांति अधिक व्यापक, अधिक समावेशी और अधिक टिकाऊ हो। साथ ही हमारे प्राकृतिक संसाधनों का कम से कम उपयोग किए बिना उत्पादन में बढ़ोत्तरी संभव हो। इसके लिये किसानों को उपयुक्त तकनीक और कृषि की नवीन प्रथाओं के जरिए उन्हें जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को अनुकूलित करने के लिये सक्षम बनाकर खाद्य सुरक्षा में बढ़ोत्तरी के प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा किसानों को कृषि उद्यमियों के रूप में देखा जाए, जो कॉर्पोरेट उद्यमियों के साथ व्यापार करने में सक्षम और कुशल हों।

किसानों की खुशहाली होगी शिक्षा की सार्थकता का मापदण्ड -

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने दीक्षांत समारोह में स्वर्ण पदक और उपाधियां प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई, शुभकामनायें और आशीर्वाद दिया। साथ ही उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों से कहा कि आप सबकी शिक्षा की सार्थकता का मापदण्ड किसानों की खुशहाली ही है। उन्होंने उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों पर भरोसा जताया कि वे स्वयं की प्रगति करने के साथ-साथ किसानों के जीवन में बदलाव लाने और देश की प्रगति में योगदान देने के लिये उत्साहपूर्वक आगे बढ़ेंगे।

कुलपति प्रो. राव ने दिया दीक्षोपदेश

राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस के राव ने दीक्षोपदेश दिया। साथ ही विश्वविद्यालय का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री मंगुभाई पटेल सहित अन्य अतिथिगणों ने सभागार में दीक्षांत शोभा यात्रा के साथ प्रवेश किया। जिसमें राज्यपाल सहित सभी अतिथिगण पारंपरिक भारतीय वेशभूषा में सज-धजकर शामिल हुए। सभी विद्यार्थियों ने भी भारतीय पारंपरिक अंगवस्त्र व पोषाक पहनकर अतिथियों से अपनी उपाधि प्राप्त की।

छात्राओं के हिस्से में आए अधिकांश स्वर्ण पदक

प्रदेश में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये किए जा रहे प्रयास अब फलीभूत हो रहे हैं। इसकी वानगी राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भी देखने को मिली। दीक्षांत समारोह में कुल 8 प्रतिभावान विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। इनमें से 7 स्वर्ण पदकों पर छात्राओं ने कब्जा जमाया। इनमें स्नातक के 4 एवं स्नातकोत्तर व पीएचडी के 2-2 विद्यार्थी शामिल हैं। स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाली छात्राओं में यशी सिंह तोमर, शिवानी यादव, रवीना सिंह, पारूल उपाध्याय, निशा मिश्रा, रीमा व कविता भादू शामिल हैं। इनके अलावा हरणे अमोल रमेश को स्वर्ण पदक मिला है।

Updated : 22 Nov 2021 7:00 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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