सतीश से मिली संजीवनी से दोबारा जिला अध्यक्ष बने देवेंद्र शर्मा

सतीश से मिली संजीवनी से दोबारा जिला अध्यक्ष बने देवेंद्र शर्मा
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ग्वालियर। पौने पांच वर्ष पूर्व जब ग्वालियर चंबल संभाग में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की कांग्रेस में तूती बोला करती थी तब 26 भी 2018 को डॉ देवेंद्र शर्मा को शहर जिला कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था। इसके बाद विधानसभा चुनाव में शहर की तीनों सीटें कांग्रेस के खाते में आने और 57 वर्ष बाद महापौर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी शोभा सिकरवार के विजयी होने का इनाम डॉ देवेंद्र शर्मा को देते हुए उन्हें पुन: अध्यक्ष बनाया गया है। इसके लिए ग्वालियर पूर्व के विधायक डॉ सतीश सिंह सिकरवार ने संजीवनी का काम किया।

पिछले दिनों दोनों नेताओं ने भोपाल जाकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की थी, जिसमें आश्वासन दिया गया था कि ग्वालियर जिले की चारों विधानसभा और फिर लोकसभा सीट जीतना है तो डॉ शर्मा को अध्यक्ष बनाए रखा जाए। यही कारण रहा कि वरिष्ठ नेता वासुदेव शर्मा के लिए विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह द्वारा की गई पेरोकारी विफल रही। सांत्वना स्वरूप वासुदेव शर्मा को प्रदेश महासचिव बनाया गया है। इसके पहले वह प्रदेश उपाध्यक्ष हुआ करते थे। वहीं ग्रामीण अध्यक्ष बनाए गए प्रभुदयाल जोहरे पर वैसे तो अशोक सिंह का हाथ रहता था लेकिन उनकी नियुक्ति में भी डॉ सिकरवार और ग्रामीण से टिकट की चाह रखने वाले साहब सिंह गुर्जर की भूमिका बताई गई है

वैसे भी जोहरे पूर्व सांसद बाबूलाल सोलंकी के नजदीकी रिश्तेदार हैं। उनकी रिश्तेदार मुरैना से महापौर भी हैं। इस तरह शहर और ग्रामीण में दो अध्यक्षों की नियुक्ति से ऐसा दिखाई देता है कि ग्वालियर में कांग्रेस का एक नया गुट खड़ा हो गया है इसकी अगुवाई डॉ सतीश सिकरवार कर रहे हैं। यह गुट महापौर सीट जीतने के बाद से ही ताकतवर हो गया है। डॉ शर्मा जो कभी सिकरवार के विरोधी हुआ करते थे वह भी अब सुनील शर्मा और विधायक प्रवीण पाठक का साथ छोड़ सिकरवार के साथ हो गए हैं। इसके पहले भी सतीश गुट ने ग्वालियर पूर्व में प्रभारियों और फिर ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति अपने हिसाब से कराई जिसमें अशोक सिंह की सिफारिश काम नहीं आ सकी।

डॉ सिंह व रावत का कद बढ़ा

राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपालन द्वारा प्रदेश में राजनीतिक मामलों की हाई पावर कमेटी बनाई गई है जिसमें ग्वालियर चंबल अंचल से डॉ गोविंद सिंह एवं रामनिवास रावत को रखा गया है। रावत अभी तक प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष हुआ करते थे। इसी के साथ प्रदेश कमेटी में अशोक सिंह, बालेंदु शुक्ला, फूल सिंह बरैया, खिजर मोहम्मद कुरेशी, रामलखन सिंह दंडोतिया और रामसेवक गुर्जर बाबूजी को उपाध्यक्ष व वासुदेव शर्मा, कमलापत आर्य, दशरथ सिंह गुर्जर, जय श्रीराम बघेल, वीर सिंह यादव को महासचिव बनाया गया है।

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