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ग्वालियर पूर्व में दो-दो हाथ को तैयार कांग्रेस-भाजपा

कांग्रेस में प्रत्याशी को लेकर एक अनार सौ बीमार

ग्वालियर पूर्व में दो-दो हाथ को तैयार कांग्रेस-भाजपा
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ग्वालियर। प्रदेश की 24 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस में लगातार मंथन और रणनीतियां बन रही हैं। इनमें से ग्वालियर पूर्व में भाजपा ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं और संभावित प्रत्याशी जनता के बीच पहुंच रहे हैं। वहीं कांग्रेस में फिलहाल प्रत्याशी पद को लेकर ही आपस में खींचतान चल रही है। यहां एक अनार सौ बीमार की स्थिति है।

उल्लेखनीय है कि नवंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां से कांग्रेस प्रत्याशी मुन्नालाल गोयल विजयी हुए थे। उन्होंने भाजपा के डॉ. सतीश सिंह सिकरवार को पराजित किया था। किंतु 15 महीने बाद ही पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ श्री गोयल विधायक पद से इस्तीफा देकर कांग्रेस छोड़ भाजपा में आ गए। ऐसे में सीट खाली होने पर यहां उप-चुनाव होना हैं। श्री गोयल को भाजपा में आए दो महीने हो गए हैं और वे जनता के साथ संगठन के पदाधिकारियों से भी मेल-जोल बढ़ा रहे हैं। वहीं कांग्रेस में अभी प्रत्याशी चयन को लेकर कोई स्पष्ट नीति या प्रत्याशी का नाम सामने नहीं आया है। ऐसे में ग्वालियर पूर्व से कांग्रेस में लगभग एक दर्जन नेता अपनी दावेदारी पेश करने हाईकमान और भोपाल तक दौड़ लगा रहे हैं।

यह रहा था परिणाम-

इस विधानसभा में पिछले चुनाव में 3.05 लाख मतदाता थे, जो बढ़कर अब 3.10 लाख हैं। नवंबर 2018 में हुए चुनाव में कांग्रेस के मुन्नालाल गोयल को 90,153 और भाजपा के डॉ. सतीश सिंह सिकरवार को 72,302 मत मिले थे। इस तरह हार जीत का फासला 17,851 मतों का रहा। इसके पूर्व वर्ष 2013 के चुनाव में भाजपा की श्रीमती माया सिंह ने कांग्रेस के मुन्नालाल गोयल को 1100 मतों और वर्ष 2008 के चुनाव में भाजपा के अनूप मिश्रा ने कांग्रेस के ही मुन्नालाल गोयल को 1500 मतों से पराजित किया था। श्री गोयल के साथ लगातार दो चुनाव हारने पर जनता की हमदर्दी रही, जिसकी बदौलत वे तीसरी बार चुनाव जीत गए। वर्ष 2013 से 2018 तक इस क्षेत्र से विधायक चुनने के बाद मंत्री रहीं श्रीमती माया सिंह ने भी यहां विकास कार्य कराने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी।

लोकसभा चुनाव में स्थिति-

मई 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में ग्वालियर पूर्व विधानसभा से भाजपा के विवेक नारायण शेजवलकर को एक लाख, एक हजार तीन और कांग्रेस के अशोक सिंह को इकसठ हजार सौ मत मिले। श्री सिंह इस विधानसभा से लगभग 40 हजार मतों से पराजित हुए।

यह है जातिगत समीकरण

क्षेत्र में दलित 80-90 हजार, अल्पसंख्यक 15 हजार, पिछड़ा वर्ग लगभग एक लाख। जिसमें यादव 20 हजार, गुर्जर 15 हजार, कुशवाहा 15 हजार, बघेल 12 हजार, किरार 6 हजार। सामान्य लगभग सवा लाख, जिसमें क्षत्रिय 30 हजार, ब्राह्मण 35 हजार, वैश्य 25 हजार।

भौगोलिक स्थिति

ग्वालियर पूर्व में नगर निगम के 19 वार्ड हैं। जिसमें से छह आरक्षित हैं। लश्कर क्षेत्र में इंदरगंज, दाल बाजार, लोहिया बाजार, ललितपुर कॉलोनी, आमखो, नाका चंद्रवदनी, झांसी रोड, विक्की फैक्ट्री, हरिशंकरपुरम, बसंत विहार, चेतकपुरी, सिटी सेंटर, महलगांव, सिरौल, ओहदपुर, मुरार, हुरावली, थाटीपुर, दीनदयाल नगर, पिंटो पार्क, गोला का मंदिर आदि आते हैं। इन क्षेत्रों में कर्मचारी और व्यापारियों की बाहुलता है।

क्या हैं मुन्ना की मुश्किलें

मुन्नालाल गोयल सपा में रहते कई बार चुनाव लड़े, किंतु पार्षद से बढ़कर कोई चुनाव नहीं जीत पाए थे। इसके बाद वे वर्ष 2008 में कांग्रेस में आ गए। यहां से दो बार टिकट मिलने पर पराजित हुए और पिछला चुनाव जीतने में कामयाब रहे। किंतु विधायक रहते जिस तरह से पाला बदलकर वे भाजपा में आए हैं, उसे लेकर उन पर लांछन भी लग रहे हैं, जो उनके लिए मुश्किल भी पैदा कर सकता हैं। वहीं सिंधिया का प्रभाव और भाजपा वोट बैंक उनके पक्ष में है।

कांग्रेस के दावेदार: अशोक सिंह, चंद्रमोहन नागौरी, मितेंद्र दर्शन सिंह, डॉ. देवेंद्र शर्मा, रश्मि पवार शर्मा, वासुदेव शर्मा, आनंद शर्मा, उमेश श्रीवास्तव, हेवरन सिंह कंसाना आदि। इनमें एक नाम वरिष्ठ पत्रकार डॉ. राकेश पाठक का उभरा है।

संगठन से पूरा तालमेल है: गोयल

पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल कहते हैं कि वे भाजपा संगठन के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के लगातार संपर्क में हैं। इसी के साथ जनता के बीच पहुंचकर उनके समर्थकों द्वारा कोरोना काल में अब तक 40 से 50 हजार भोजन के पैकेट वितरित किए हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस का अब कोई वोट बैंक नहीं है, वह जिन दलित, गरीब, पिछड़ा वर्ग, सवर्ण, मुस्लिम समाज के दिन-रात काम आते हैं, वहीं उनके लिए सब कुछ हैं।

गोयल के लिए काम करने में कोई दिक्कत नहीं: डॉ. सिकरवार

भाजपा नेता डॉ. सतीश सिंह सिकरवार से जब पूछा गया कि क्या वे उनके प्रतिद्वंदी रहे मुन्नालाल गोयल को भाजपा से टिकट मिलने पर उनके लिए काम करेंगे। इस पर डॉ. सिकरवार ने कहा कि श्री गोयल उनके बड़े भाई समान हैं। वे जब कांग्रेस से सब कुछ छोड़कर हमारे परिवार में आ गए हैं, तब उनसे कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने कहा कि उनका पूरा परिवार पिता, भाई और पत्नी भाजपा में हैं तो वे भी एक सिपाही की तरह डटे हुए हैं। क्या इस बीच कांग्रेस के किसी नेता ने आपसे संपर्क किया है, इस पर बोले कि उनकी किसी से कोई बात नहीं हुई है।

पार्टी जिसे चाहेगी वही लड़ेगा: अशोक सिंह

कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष, अपेक्स बैंक के पूर्व प्रशासक एवं हाल ही में ग्वालियर ग्रामीण के अध्यक्ष बनाए गए अशोक सिंह का कहना है कि पार्टी जिताऊ चेहरों को टिकट देगी। फिर जिसका नाम अंतिम होगा उसके लिए संगठन पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ेगा। दल बदलुओं को जनता कतई पसंद नहीं कर रही।

भाजपा एक बड़ा कार्यकर्ता आधारित राजनीतिक दल है। श्री मुन्नालाल गोयल भाजपा की विचारधारा को चुनकर यहां आए हैं। भाजपा वैसे भी वसुधैव कुटुम्बकम की नीति पर चलती है और जो यहां आ जाता है उसे सहज ही स्वीकार कर लिया जाता है। जहां तक चुनाव की बात है तो ग्वालियर पूर्व ही नहीं बल्कि उप-चुनाव में जहां-जहां भाजपा प्रत्याशी खड़े होंगे, वे सभी विजयी होकर विधानसभा पहुंचेगे। भाजपा का हर कार्यकर्ता जी-जान से चुनाव में जुटेगा और भाजपा प्रत्याशी को जिताएगा।

-श्रीमती माया सिंह

पूर्व मंत्री, मप्र शासन

Updated : 25 May 2020 8:57 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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