वर्षों से साफ नहीं हुए चिटनिस की गोठ के नाले, बारिश में होती है नरकीय स्थिति

वर्षों से साफ नहीं हुए चिटनिस की गोठ के नाले, बारिश में होती है नरकीय स्थिति
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ग्वालियर, न.सं.। जैसे-जैसे चुनाव पास आते जा रहे हैं वैसे-वैसे शहरवासियों की उम्मीदें और आकांक्षाएं बढ़ती जा रही हैं। कुछ शहरवासी पूर्व में रहे पार्षदों से खुश नहीं तो कुछ नए पार्षदों में विकास की उम्मीदें ढूंढ रहे हैं। शहर के बीचों बीच स्थित वार्ड 44 में आने वाले बालाबाई के बाजार में पिछले कई वर्षों से नाले साफ नहीं हुए हैं जिससे बरसात के समय इस पूरे क्षेत्र में पानी भर जाता है और लोगों के घरों तक में घुस जाता है। नालीयों और सीवरों की व्यवस्था तो बहुत ही खराब है। साफ-सफाई की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण यहां के रहवासियों को नरकीय जीवन जीना पड़ रहा है। यहां के रहवासियों का कहना है कि हमारे वार्ड का पार्षद कम से कम ऐसा होना चाहिए जो हमारी मूलभूत सुविधाएं तो हमें दिला सकें। जिसकी परिषद में चलती हो और जो हमारे लिए काम करा के ला सके।

वार्ड 44 का क्षेत्र शहर के बीचों-बीच आता है। इसके बावजूद में वार्ड में अव्यवस्थाओं का साम्राज्य है। इस वार्ड में काम तो हुए हैं मगर लोगों की आशाओं के अनुरूप नहीं हुए हैं, इसलिए यहां के लोग परेशान हैं। इस वार्ड में बालावाई का बाजार, चिटनिस की गोठ, साबुन वाली, परांडे जी का बाड़ा, गंगामाई की गली, माता वाली गली, हुजरात, बताशे वाली गली, जगताप की गोठ, निम्बालकर की गोठ, हनुमान नगर, फालका बाजार, हम्मालों का मौहल्ला, हुजरात कोतवाली, खुर्जेवाला मौहल्ला, भापकर की गोठ और राजाबाक्षर की गोठ आती है। इस वार्ड में मतदाताओं की संख्या लगभग 12 हजार है।

घर-घर पहुंचेगा भरपूर पानी:-

वार्ड के पूर्व पार्षद बाबूलाल चौरसिया ने बताया कि उन्होंने अपने कार्यकाल में काफी काम किए हैं। वार्ड में जगह-जगह बोरिंग कराई है। वार्ड की गलियों को पक्का करवाया है। नालियों को पक्का करवाकर शुलभ शौचालय आदि की व्यवस्था की है। श्री चौरसिया ने कहा कि हमारा यह वार्ड महिला वार्ड हो गया है इसलिए वह अब अपनी पत्नी को पार्षद का चुनाव लड़वाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वार्ड वासियों के लिए हुजरात कोतवाली में पानी की टंकी बन रही है। इसके बनते ही और पानी की आपूर्ति होने से वार्ड के घर-घर में भरपूर पानी पहुंचेगा।

इनका कहना है:

'काहे का स्वच्छ भारत, इस वार्ड की हालत बहुत ही खराब है। साफ-सफाई तो यदा कदा हो जाती है लेकिन यहां के नाले और गटर कचरे और गंदगी से भरे हुए हैं जिससे पानी की निकासी नहीं हो पाती है। बरसातों में गटर, नाली और सडक़ का पानी हमारे घर और दुकानों में घुस जाता है। पार्षद, सफाई कर्मचारियों और अधिकारियों से कई बार कह चुके हैं लेकिन हमारी कोई नहीं सुनता।'

नवीन खण्डेलवाल

निवासी

'75 वर्ष से इस वार्ड में रह रहे हैं। इस वार्ड में अमृत योजना का पता नहीं है। हर रोज यहां हमें मूलभूत समस्याओं से सामना करना पड़ता है। घरों में पानी न भरे इसलिए हमने घरों के दरवाजों पर छोटी-छोटी दीवारें बनवाकर रखी हैं।'

मोहम्मद रफीक अहमद

निवासी

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