नवनिर्वाचित महापौर का चेम्बर ने किया सम्मान, कहा - गारबेज शुल्क एवं सम्पत्तिकर का होगा पुनरीक्षण

ग्वालियर, न.सं.। मध्य प्रदेश चेम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा गुरुवार को चेम्बर भवन में नवनिर्वाचित महापौर डॉ. शोभा सिकरवार का सम्मान किया गया। इस अवसर चेम्बर अध्यक्ष विजय गोयल एवं विधायक डॉ. सतीश सिकरवार विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम में महापौर द्वारा 92वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम सैनानी गनपतराम नीखरा को पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया गया।
नवनिर्वाचित महापौर डॉ. शोभा सिकरवार ने अपने उद्बोधन में कहा कि आप सभी ने मुझे भारी मतों से महापौर निर्वाचित किया है। इसके लिए मैं आप सभी का हृदय से आभार व्यक्त करती हूं। गारबेज शुल्क से राहत देने का वायदा हमने अपने वचनपत्र में किया था। साथ ही सम्पत्तीकर की दरों का भी पुनरीक्षण कर, शहरवासियों को राहत प्रदान की जाएगी। शहरवासियों की किसी भी प्रकार की समस्या के लिए हम तत्परता से कार्य करेंगे। केन्द्र सरकार द्बारा गरीब वर्ग की मूलभूत आवश्यकताओं पर जीएसटी आरोपित की है। मैं और कांग्रेस पार्टी आपके इस संघर्ष में आपके साथ खड़े हैं। इस अवसर पर पूर्व अध्यक्ष डॉ. वीरेन्द्र कुमार गंगवाल, पूर्व उपाध्यक्ष जीएल भोजवानी, राधाकिशन खेतान, जगदीश मित्तल, रामनिवास अग्रवाल, गोकुल बंसल, महेश मुदगल, उमेश उप्पल, संजीव अग्रवाल, मनीष बांदिल, संदीप नारायण अग्रवाल, ओमप्रकाश गोयल, अंजलि बत्रा, रमेश गोयल, अश्विनी सोमानी आदि उपस्थित थे। संचालन मानसेवी सचिव डॉ. प्रवीण अग्रवाल और आभार कोषाध्यक्ष वसंत अग्रवाल ने व्यक्त किया।
जलकर के बिलों को माफ करने का प्रस्ताव लाया जाएगा:-
डॉ. सतीश सिकरवार ने कहा कि परिषद का पदेन सदस्य होने के नाते मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि तीन वर्ष से अधिक पुराने जलकर के बिलों को माफ करने का प्रस्ताव लाया जाएगा। डॉ. सिकरवार ने कहा कि ग्वालियर के विकास का रोडमैप बनाने के लिए चेम्बर ऑफ कॉमर्स, पूर्व महापौरगण एवं पूर्व निगम अधिकारियों को समाहित कर, समिति का गठन किया जाएगा। इस समिति की बैठक प्रतिमाह होगी और उसमें विकास के बिन्दुओं को तय कर, कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह शहर भाजपा-कांग्रेस का नहीं हम ग्वालियरवासियों का है और हम सब मिलकर ग्वालियर विकास के नए आयाम स्थापित करेंगे। स्वागत भाषण देते हुए चेम्बर अध्यक्ष विजय गोयल ने कहा कि विगत तीन वर्ष से ग्वालियर शहर की जनता गारबेज शुल्क से परेशान है। वहीं ट्रेड लायसेंस व प्रतिष्ठानों के बोर्ड एक समान किए जाने से भी कारोबारियों को परेशानी है। ट्रेड लायसेंस अनावश्यक है क्योंकि कारोबारी पूर्व से ही शॉप एक्ट के तहत रजिस्टर्ड होते हैं। हम आशा करते हैं नवनिर्वाचित महापौर कारोबारियों को इससे मुक्ति दिलाएंगी।
