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कोरोना संक्रमितों के साथ लापरवाही संक्रमित की जगह निगेटिव रिपोर्ट वाले को कराया भर्ती

कोरोना संक्रमितों के साथ लापरवाही संक्रमित की जगह निगेटिव रिपोर्ट वाले को कराया भर्ती
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ग्वालियर, न.सं.। जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमित मामलों के बीच जिम्मेदार अधिकारियों की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। गत दिवस आई जांच रिपोर्ट में संक्रमित मरीज की जगह निगेटिव मरीज को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। उसके बाद भी अधिकारी किसी पर कार्रवाई करने की जगह लापरवाही पर परदा डालने में लगे हुए हैं। गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय द्वारा गत दिवस रविवार को जारी की गई रिपोर्ट में सीरियल नम्बर 559 पर चार शहर का नाका स्थित सुभाष नगर में 20 वर्षीय युवक को कोरोना संक्रमित बताया गया।

इसी तरह इसी सूची के सीरियल नम्बर 1683 पर हजीरा चार शहर का नाका निवासी 27 वर्षीय युवक की रिपोर्ट निगेटिव आई थी। लेकिन रिपोर्ट आते ही संबंधित क्षेत्र के इंसीडेंट कमाण्डर ने बिना बात करे ही संक्रमित की जगह निगेटिव रिपोर्ट वाले युवक को कोरोना संक्रमित बताते हुए एम्बुलेंस से बैठाकर सिथौली स्थित आईटीएम महाविद्यालय के अस्पताल में भर्ती करा दिया। जबकि संक्रमित निकले व्यक्ति के यहां टीम पहुंची ही नहीं। इतना ही नहीं निगेटिव युवक ने कई बार अधिकारियों को बताया कि उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई है, उसके बाद भी युवक की एक भी नहीं सुनी गई। इस पर युवक के परिजनों ने क्षेत्र के संबंधित अधिकारियों व थाने में भी गुहार लगाई। उधर जब संक्रमित युवक को सोमवार की सुबह तक जब टीम लेने नहीं पहुंची तो उसने खुद फोन लगाकर अस्पताल में भर्ती कराने की बात कही। जिसके बाद अधिकारियों को अपनी गलती का एहसास हुआ और निगेटिव रिपोर्ट वाले युवक को सुबह 11 बजे बीआईएमआर अस्पताल में कोरेन्टाइन किया गया। जबकि संक्रमित को कोविड सेन्टर पहुंचाया गया। निगेटिव आई रिपोर्ट वाले युवक का कहना है कि उसे बिना वजह अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जबकि उसे कुछ है ही नहीं।

छह एम्बुलेंस के भरोसे जिले के संक्रमित मरीज

जिले में जहां रिकॉर्ड तोड संक्रमित निकल रहे हैं। वहीं सारे संक्रमित सिर्फ छह एम्बुलेंस के ही भरोसे हैं। जिले में कुल पन्द्रह 108 एम्बुलेंस संचालित हो रही हैं। इसमें छह एम्बुलेंस को संक्रमित मरीजों व ठीक हुए मरीजों को घर से अस्पताल व अस्पताल से घर पहुंचाने के लिए लगाया गया है। लेकिन इन दिनों संक्रमित की संख्या प्रतिदिन 100 के आस-पास आ रही है, जिस कारण संबंधित क्षेत्र के अधिकारियों सहित एम्बुलेंस के स्टॉफ के भी पसीने छूट जाते हैं और कई संक्रमित तो अस्पताल भी नहीं पहुंच पाते। इतना ही नहीं स्वास्थ्य विभाग के पास भी करीब दस से अधिक एम्बुलेंस है। लेकिन विभाग के अधिकारियों न तो उन्हें कोविड के लिए लगाया है और न ही विभाग की एम्बुलेंस को। इतना ही नहीं संक्रमितों की संख्या अधिक होने के कारण एक ही एम्बुलेंस में चार से पांच संक्रमितों को बैठा दिया जाता है। जिसको लेकर कई बार संक्रमितों से विवाद भी होता है। 108 के स्टॉफ का कहना है कि अगर एम्बुलेंस बढ़ाई जाएं तो कई परेशानी दूर हो जाएंगी। साथ ही प्रशासन को ऐसे क्षेत्रों में मिनी बस भेजना चाहिए, जहां 20 से अधिक संक्रमित निकल रहे हैं।

Updated : 14 July 2020 1:35 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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