Gwalior : 250 एकड़ जमीन मिलने के बाद ही मुरार छावनी क्षेत्र होगा विकसित

ग्वालियर। सोमवार को रक्षा मंत्रालय और नगरीय विकास विभाग के अधिकारियों की बैठक दिल्ली में आयोजित हुई। जिसमें मुरार छावनी क्षेत्र के सिविल एरिया को नगर निगम सीमा में शामिल करने को लेकर चर्चा की गई। बैठक में केंद्रीय रक्षा सचिव गिरधर अरामाने को नगरीय विकास विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई, उप सचिव व्हीएस चौधरी और नगर निगम आयुक्त हर्ष सिंह ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया कि छावनी क्षेत्र के सिविल एरिया को विकसित करने के बदले बड़ागांव और मोहनपुर की लगभग 250 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी, क्योंकि क्षेत्र में सडक़, सीवर, स्ट्रीट लाइट, पेयजल लाइन आदि के लिए नए सिरे से काम कराना पड़ेगा। रक्षा सचिव ने प्रेजेंटेशन देखने के बाद कहा कि इस जमीन को देने के लिए केंद्र सरकार निर्णय लेगी।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि शुरू में निगम ने 15 करोड़ रुपए की एकमुश्त राशि मांगी थी, लेकिन उससे सिर्फ स्ट्रीट लाइट, सडक़ों की पैच रिपेयरिंग जैसे छोटे-मोटे काम ही हो सकेंगे। विस्तृत सर्वे में यह सामने आया है कि छावनी क्षेत्र में पानी और सीवर की लाइनें काफी पुरानी हो चुकी हैं। इन लाइनों को अब नया ही डालना होगा, क्योंकि पुरानी लाइनें कम आबादी के हिसाब से डाली गई थीं। इसके अलावा लोगों को सही दबाव से पानी देने पर पुरानी लाइनें फूटने की समस्या रहेगी। ऐसे में बड़ागांव और मोहनपुर में सेना की 250 एकड़ खाली भूमि को निगम को देना उचित रहेगा। निगम यहां आवासीय व अन्य प्रोजेक्ट लाकर राजस्व प्राप्त कर सकेगा, जिससे छावनी क्षेत्र के सिविल एरिया के विकास में पैसों की कमी नहीं आएगी। छावनी क्षेत्र के सात वार्ड भी निगम में शामिल कर लिए जाएंगे। इस जमीन की कलेक्टर गाइडलाइन के हिसाब से ही कीमत लगभग 600 करोड़ रुपए के आसपास है।
