जीवनभर कांग्रेस को कोसने वाले बृजेंद्र तिवारी जा बैठे उन्हीं की गोद में

जीवनभर कांग्रेस को कोसने वाले बृजेंद्र तिवारी जा बैठे उन्हीं की गोद में
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कांग्रेस की सदस्यता लेकर घोषणा की कि वे अब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए कार्य करेंगे।

ग्वालियर। समाजवादी नेता एवं पूर्व विधायक बृजेंद्र तिवारी जीवन भर जिस कांग्रेस को कोसकर गालियां देते रहे वही अब उसी कांग्रेस की गोद में बैठकर उनके लिए कार्य करने के दावे ठोक रहे हैं। गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की मौजूदगी में ऋषिराज गार्डन महल गिरवाई में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता लेकर घोषणा की कि वे अब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए कार्य करेंगे।

यहां बता दें कि प्रख्यात समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया के आदर्शों पर चलकर छात्र राजनीति से श्री तिवारी ने राजनीति में कदम रखा। सिद्धांतवादी राजनीति के लिए जाने जाने वाले श्री तिवारी जनता दल में रहते गिर्द से चुनाव लड़े लेकिन विजयी नहीं हुए। बाद में वर्ष 2003 में भाजपा में आने के बाद वह विधायक चुने गए। लेकिन वर्ष 2008 में वह कांग्रेस के लाखन सिंह यादव से पराजित हो गए। वर्ष 2013 में भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो वह भाजपा छोडक़र निर्दलीय मैदान में उतरे और पराजित हुए। वर्ष 2018 का चुनाव नहीं लड़ा लेकिन 2023 में फिर से भाजपा से टिकट मांगा। टिकट नहीं मिलने से खफा होकर अब वह कांग्रेस की गोद में जा बैठे हैं। यानीकि जिस लाखन सिंह के खिलाफ हमेशा उन्होंने लड़ाई लड़ी अब भी उसी लाखन सिंह के पक्ष में कार्य करते दिखेंगे।

कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के अलावा नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह, राष्टीय प्रवक्ता सुुरेन्द्र राजपूत व विंग कमांडर अनुमा आचार्य, शिव भाटिया, पूर्व मंत्री भगवान सिंह यादव, विधायक लाखन सिंह, प्रवीण पाठक, ग्रामीण अध्यक्ष प्रभुदयाल जौहरे आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह चुनाव कांग्रेस नहीं जनता लड़ रही है। सभी ओर देखा जा रहा है कि भाजपा प्रत्याशियों के लिए पुलिस और प्रशासन पूरी एकजुटता के साथ कार्य कर रहे हैं हमें इनसे भी लडऩा होगा। पूर्व विधायक बृजेंद्र तिवारी ने कहा कि वर्ष 2013 में मुझे जब भाजपा ने टिकट नहीं दिया तब मैंने भाजपा को सबक सिखाने के लिए चुनाव लड़ा और कांग्रेस के लाखन सिंह यादव जीते। अब फिर भाजपा को सबक सिखाने के लिए कांग्रेस के साथ आ गया हूं।उन्होंने यह भी कहा कि वह अब चुनावी राजनीति से दूर रहकर मैदान में जनता की लड़ाई लड़ते रहेंगे। साथ ही उन्होंने कांग्रेस के समक्ष शर्त रखी कि उनके सहयोगियों के साथ सौतेला व्यवहार नहीं होना चाहिए। स्थानीय चुनाव में एकतरफा फैसले न हो। सबको मौका मिलना चाहिए।

मैं डीजीपी भगवान से डरता हूं

पूर्व मुख्यमंत्री ने मंच पर आसीन पूर्व मंत्री भगवान सिंह यादव को अपना डीजीपी बताते हुए कहा कि वे अपने गुरु स्व. अर्जुन सिंह से नहीं बल्कि इनसे डरता रहा हूं। इनकी कार्यशैली सबसे अलग रही है। उनके इस अंदाज पर जमकर तालिया बजी।

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