शादी के मौसम में नकली खोवा व पनीर की कालाबाजारी जोरों पर

ग्वालियर, न.सं.। शादी के सीजन में शाही पनीर का चटकारा स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकता है। दूध के साथ मिठाई भी आपको अस्पताल पहुंचा सकती है। क्योंकि खाद्य विभाग के अधिकारियों की अंदेखी के कारण बाजारों में नकली मेवा और पनीर की कालाबाजारी जोर पकड़ा हुआ है। दरअसल ग्वालियर के आसपास के इलाकों मुरैना व भिण्ड के मिलावटखोर लोग शादियों का सीजन आते ही सक्रिय हो जाते हैं। यह मुनाफाखोर मोटा मुनाफा कमाने की एवज में लोगों के स्वास्थ्य के साथ जमकर खेल रहे हैं।
सूत्र बताते हैं कुछ लोग खाद्य विभाग के अधिकारियों में धूल झोंक कर यात्री बसों व लग्जरी चार पहिया गाडिय़ों के अलावा मोटरसाइकिलों से शहर में नकली पनीर व खोवा सप्लाई करने का काम कर रहे हैं। यह मुनाफाखोर बहुत ही कम दामों पर स्थानीय दुकानदारों को माल सप्लाई करते हैं। जो बाद में शादी विवाह में उचित दामों में बेचा जा रहा है। उसके बाद भी खाद्य विभाग के जिम्मेदार आंख बंद करे बैठे हुए हैं और कोई कार्रवाई नहीं करते। शायद यही वजह है कि शहर भर में यह धंधा दिन प्रतिदिन जोर पकड़ रहा है।
दो से तीन हजार किलो हो रही प्रतिदिन सप्लाई
एक अनुमान के अनुसार आम दिनों में जिले के समीपवर्ती जिले भिण्ड व मुरैना से 400 से 500 किलो मिलावटी पनीर शहर में सप्लाई होती है। लेकिन शादी की सीजन में यह डिमांड तीन से चार गुना बढ़ जाती है। सूत्रों के अनुसार अभी शहर भर में बाहर से दो से तीन हजार किलो मिलावटी पनीर शहर के डेयरियों व बड़े हलवाइयों की दुकान पर सप्लाई किया जा रहा है। यहां पर ये हलवाई असली पनीर के साथ इसको मिक्स कर बेचकर मोटा मुनाफा कमाकर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करते हैं। खाद्य सुरक्षा विभाग की कार्रवाई के बावजूद सफेद दूध के काले धंधे से जुड़े लोगों का कारोबार चलता रहता है।
समय पर रिपोर्ट न आने का भी उठाते हैं फायदा
खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से सैंपल लेने के बाद इसे जांच के लिए भोपाल लैब में भेजा जाता है। जांच रिपोर्ट में महीनों तक का समय लग जाता है। जबकि इस कारोबार से जुड़े लोग मिलावटी के खेल में लाखों प्रतिदिन कमाते हैं।
