भाजपा-कांग्रेस नहीं खोल रही पत्ते

ग्वालियर। मौजूदा विधानसभा चुनाव- 2018 को जीतने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों दल कमर कसकर तैयार हैं और इन दोनों ही दलों के नेताओं ने अपने भाषणों के जरिए अस्त्र-शस्त्र भी खूब चलाए हैं। लेकिन चुनाव की घोषणा होने के बावजूद इन दोनों ही दलों ने अभी तक अपने दावेदारों के नाम घोषित नहीं किए हैं।हालांकि दोनों ही बड़े दलों ने कई स्तर की बैठकों और मंथन में तमाम नाम फाइनल तो कर लिए हैं, लेकिन सूची जारी करने में एक दूसरे का मुंह ताक रहे हैं।ताकि सामने वाले के प्रत्याशी को देखकर उसी वजनदारी एवं समीकरण के हिसाब से अपना प्रत्याशी उतारा जा सके।ऐसे में दोनों ही दलों के दावेदार दिल्ली और भोपाल की दौड़ लगा रहे हैं, उनकी धड़कने बढ़ी हुई हैं। जानकारी के मुताबिक प्रदेश के विधानसभा चुनाव 28 नवंबर को होना है और परिणाम 11 दिसंबर को आएंगे। 2 नवंबर को अधिसूचना जारी होते ही नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी।ऐसे में दोनों प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस अपने-अपने प्रत्याशियों को लेकर कई स्तर पर बैठकें और मंथन कर चुके हैं। दोनों ही दलों ने पहले कभी यह कहा था कि हम चुनाव के एक से डेढ़ महीने पहले अपने प्रत्याशियों के नाम घोषित कर देंगे। किंतु नामांकन प्रक्रिया शुरू होने में मात्र 7 दिन शेष हैं, लेकिन दोनों ही दलों ने अभी तक एक नाम की भी घोषणा नहीं की है।इससे माना जा रहा है कि दोनों ही दल एक दूसरे के ऊपर निगाह रखे हुए हैं। वे चाहते हैं कि सामने वाला पहले अपने पत्ते खोले,उसी हिसाब से दूसरा दल अपना नाम उजागर करेगा। ऐसे में दावेदार भी बड़ी मुश्किल में हैं और दिल्ली एवं भोपाल की दौड़ लगाकर अपने नाम के लिए हर स्तर पर प्रयासरत हैं। इसके लिए वे इधर-उधर की भागदौड़ कर अपनी वजनदारी के लिए सिफारिशें करा रहे हैं। यही कारण है कि भाजपा और कांग्रेस के बड़े नेता इस समय किसी की भी सिफारिश अथवा मीडिया के सामने आने से बच रहे हैं।
भाजपा के यह हैं दावेदार
ग्वालियर जिले में भाजपा के प्रत्याशियों की बात की जाए तो
ग्वालियर पूर्व:माया सिंह, अनूप मिश्रा, जय सिंह कुशवाह, सतीश सिंह सिकरवार।
ग्वालियर दक्षिण: नारायण सिंह कुशवाह, विवेक शेजवलकर, खुशबू गुप्ता, समीक्षा गुप्ता।
ग्वालियर:जयभान सिंह पवैया, वेदप्रकाश शर्मा,देवेंद्र प्रताप सिंह रामू,अनूप मिश्रा।
ग्वालियर ग्रामीण:भारत सिंह कुशवाह, महेंद्र सिंह यादव,जितेंद्र सिंह गुर्जर।
भितरवार:रणवीर सिंह रावत, जवाहर रावत, राकेश बघेल, अशोक पटसारिया, लोकेंद्र पाराशर,विवेक तोमर।
डबरा:हरीश मेवाफरोश, अमिताभ सिंह सहसारी, सरदार सिंह परिहार,दिनेश खटीक, राजू खटीक, रितु शेजवार, सुरेश राजे।
कांग्रेस ककांग्रेस के दावेदार े दावेदार
जिले की 6 सीटों पर कांग्रेस में वैसे तो अनेक दावेदार हैं लेकिन पैनल और दिल्ली की दौड़ में जो नाम उभरकर सामने आए हैं उनमें-
ग्वालियर पूर्व:मुन्नालाल गोयल, मितेंद्र दर्शन सिंह, सुरेंद्र शर्मा, रामसुंदर सिंह रामू ।
ग्वालियर दक्षिण: किशन मुदगल, भगवान सिंह यादव, रश्मि पवार शर्मा, रमेश अग्रवाल, प्रवीण पाठक, देवेंद्र शर्मा,अनूप कुशवाह।
ग्वालियर ग्रामीण: साहब सिंह गुर्जर,भीकमम सिंह गुर्जर, मदन सिंह कुशवाह, उदयवीर सिंह।
भितरवार:लाखन सिंह,राघवेंद्र सिंह तोमर गुड्डू।
डबरा:इमरती देवी सुमन।
'मप्र की मजबूरी है, कुशवाहा मुख्यमंत्री जरूरी है'
वहीं कांग्रेस में छह सीटों मे से किसी एक सीट पर कुशवाहा समाज को प्रतिनिधित्व दिए जाने की चर्चा है। जिसमें बसपा से विधायक रहे मदन कुशवाहा का नाम ग्वालियर ग्रामीण और ग्वालियर दक्षिण से चल रहा है। जयविलास पैलेस में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उन्हें इन दोनों विधानसभाओं के लिए अंदर बुलवाया था। लेकिन उनके विवादास्पद बोल उनके टिकट के आड़े आ रहे हैं।18 दिसंबर 2017 को फूलबाग पर आयोजित कुशवाहा समाज के सम्मेलन में उन्होंने यह भाषण दिया था कि इस बार कोई भी दल सामने हो मुख्यमंत्री तो कुशवाहा समाज का ही बनेगा। उन्होंने नारा दिया था कि 'मप्र की मजबूरी है कुशवाहा मुख्यमंत्री जरूरी हैÓ। इसके लिए उन्होंने हाथ खड़े करवाकर समाज के लोगों को संकल्प भी दिलाया था। इसी के साथ उन्होंने यह भी दावा किया था कि उन्हें टिकट नहीं मिला तो वह कांग्रेस के खिलाफ भी ताल ठोकने से नहीं झुकेंगे।उनके विवादास्पद बोल का वीडियो वायरल हो रहा है।इसीलिए यह विवादास्पद बोल उनके लिए कांटा बन रहे हैं।यदि उन्हें टिकट नहीं मिला तो कुशवाहा समाज में इनके अलावा दर्शन सिंह कुशवाहा का नाम था, लेकिन उन्हें प्रदेश महामंत्री बनाए जाने से उनका पत्ता भी कट हो गया है। ऐसे में अनूप सिंह कुशवाह और प्रेम सिंह कुशवाहा के नामों पर विचार हो सकता है।
ग्वालियर पूर्व में भी विवाद
पिछले दिनों कांग्रेस की छानबीन समिति में जो निर्विवादित 71 नाम सामने आए थे। उसमें ग्वालियर पूर्व में दो हजार से कम मतों से हारने वाले मुन्नालाल गोयल का नाम भी था।लेकिन यहां से मितेंद्र दर्शन सिंह ने काफी जोर-आजमाइश की और युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष केशवचंद्र यादव के जरिए वीटो लगवा दिया है। इसीलिए इस सीट पर विवाद उठ खड़ा हुआ है। ऐसे में निर्विवादित नाम रामसुंदर सिंह रामू का उछल रहा है।
अरजरिया और मोदी के भी नाम
कांग्रेस में तरह-तरह के नाम विधानसभा टिकट के लिए सामने आ रहे हैं।इसमें पूर्व आईएएस अखिलेंद्र अरजरिया का नाम भी शामिल है।उनके बारे में कहा जा रहा है कि वह विधानसभा टिकट के लिए कमलनाथ एवं ज्योतिरादित्य सिंधिया से संपर्क कर चुके हैं। इसी तरह सिंधिया के नजदीकी माने जाने वाले जस्टिस निशीथ कुमार मोदी का नाम भी चर्चाओं में आया है।इन दोनों को किस विधानसभा से उतारा जाएगा इसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं।
