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दो चिकित्सकों के भरोसे बिरला नगर प्रसूती गृह, मरीजों हो रहे परेशान नहीं मिल रहा उपचार

दो चिकित्सकों के भरोसे बिरला नगर प्रसूती गृह, मरीजों हो रहे परेशान नहीं मिल रहा उपचार
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ग्वालियर, न.सं.। शासन द्वारा प्रदेश सहित जिले के चिकित्सकों को भले ही पदोन्नत कर दिया गया है। लेकिन चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। जिस कारण शहर की स्वास्थ्य सेवाएं बिगडऩे लगी है। बिरला नगर प्रसूती गृह की बात करें तो यहां पहुंचने वाली गर्भवती महिलाएं व प्रसूताएं दो चिकित्सकों के ही भरोसे हैं। जिस कारण चिकित्सक भी परेशान हैं।

दरअसल पदोन्नती के बाद चिकित्सकों को मेडिकल विशेषज्ञों के खाली पदों पर भेज दिया गया है। इसमें बिरला नगर प्रसूति गृह की दो महिला चिकित्सकों का भी स्थानांतरण किया गया है। इसमें डॉ. नवीता आर्य को दीनदयाल नगर स्वास्थ्य केन्द्र और डॉ. सुप्रिया रोहित को मोहना भेजा गया है। इसके अलावा डॉ. संध्या बांगर, डॉ. शालिनी खान, डॉ. रानी कुशवाह इन दिनों छुट्टी पर चल रही हैं। ऐसे में अस्पताल में सिर्फ दो चिकित्सक डॉ. अमित सक्सेना व डॉ. ऊषा चौरसिया ही बचे हैं। जबकि अस्पताल में प्रतिदिन की ओपीडी 150 से 200 के बीच रहती है। जिस कारण अस्पताल में पहुंच रहीं गर्भवती महिलाओं व प्रसूताओं को उपचार के लिए परेशान होना पड़ रहा है। उधर चिकित्सकों की कमी के चलते अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र भी लिखे गए, लेकिन अधिकारी भी अस्पताल में चिकित्सक उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं।

अटेचमेंट पर आई डॉ. सक्सेना भी अवकाश पर

अस्पताल में चिकित्सकों की कमी को देखते हुए स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा डॉ. नीलम सक्सेना को बिरला नगर प्रसूती गृह में अटेच किया गया। लेकिन पती का स्वास्थ्य खराब होने के कारण डॉ. नीलम सक्सेना भी छुट्टी पर चल रही हैं।

16 दिन में सात से अधिक शिकायतें

अस्पताल में चिकित्सक न मिलने और उपचार के लिए परेशान होने के कारण मरीज व उनके परिजन मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर भी शिकायतें दर्ज करा रहे हैं। पिछले पन्द्रह दिनों में सात से अधिक शिकायतें बिरला नगर प्रसूती गृह में पहुंचे मरीजों व उनके परिजनों द्वारा की गई हैं।

गम्भीर मरीजों को नहीं किया जा रहा भर्ती

चिकित्सकों की कमी के कारण चिकित्सकों द्वारा ऐसी गर्भवती महिलाओं को भर्ती ही नहीं किया जा रहा, जिन्हें ऑपरेशन की जरूरत पड़ती है। इतना ही नहीं रात के समय तो सामान्य प्रसव के लिए भी महिलाओं को भर्ती नहीं किया जा रहा। जिसको लेकर अस्पताल में विवाद की स्थिति भी बनती है। लेकिन चिकित्सकों का कहना है कि जब तक उन्हें चिकित्सक नहीं मिलते वह मरीजों को भर्ती नहीं कर सकते।

जांचों के लिए भी भटक रहे मरीज

अस्पताल में जांचें कराने के लिए भी मरीजों को भटकना पड़ रहा है। अस्पताल में रखी सीबीसी मशीन लम्बे समय से खराब पड़ी हुई है। ऐसे में मरीजों के नमूने जांच के लिए सिविल अस्पताल पहुंचाए जाते हैं। इतना ही नहीं अगर किसी मरीज को इमरजेंसी में भर्ती कराया जाता है तो उसकी जांचे बाहर निजी लैब से करानी पड़ती हैं।

चिकित्सकों की कमी को देखते हुए भोपाल पत्र लिखा गया है। जल्द ही शासन स्तर पर पर संविदा पर चिकित्सकों की नियुक्ति की जाएगी। जिसके बाद चिकित्सकों की कमी दूर होगी।

डॉ. मनीष शर्मा

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी

Updated : 11 Aug 2022 6:03 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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