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आयुष्मान कार्ड फर्जीवाड़ा : सिंधी साहित्य अकादमी के निदेशक के नाम से कार्ड बनवाकर 7 मुस्लिम ले रहे लाभ

- फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद मंत्रालय में की शिकायत

आयुष्मान कार्ड फर्जीवाड़ा : सिंधी साहित्य अकादमी के निदेशक के नाम से कार्ड बनवाकर 7 मुस्लिम ले रहे लाभ
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ग्वालियर/वेब डेस्क। केन्द्र सरकार की महती आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना के तहत आयुष्मान कार्ड बनवाने के नाम पर एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। मध्य प्रदेश सिंधी साहित्य अकादमी के निदेशक के नाम से 11 लोगों के आयुष्मान कार्ड बन गए, जिसमें से सात लोग मुसलमान हैं। यह लोग लंबे समय से फर्जी आयुष्मान कार्ड बनवाकर योजनाओं का लाभ ले रहे हैं। जबकि निदेशक व उनके परिवार के एक भी सदस्य का नाम पात्रता सूची में नहीं है। फर्जीवाड़े का पता चलते ही निदेशक ने इसकी शिकायत मंत्रालय एवं अन्य जगह की है लेकिन अभी तक इसमें कोई कार्रवाई नहीं हुई।

शासन-प्रशासन के लाख प्रयासों के बाद भी आयुष्मान कार्ड के नाम पर फर्जीवाड़ा रुकने का नाम नहीं ले रहा। फर्जीवाड़े से जुड़े लोग पात्र हितग्राहियों का हक छीनकर शासन की योजनाओं का गलत तरीके से लाभ उठा रहे हैं। कुछ ऐसा ही मप्र सिंधी साहित्य अकादमी के निदेशक राजेश वाधवानी के साथ भी हो रहा है। वे आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए लंबे समय से प्रयास कर रहे थे लेकिन पात्रता सूची में उनका नाम नहीं आया। लेकिन जब उन्हें इस फर्जीवाड़े का पता चला तो पैरों तले जमीन खिसक गई। उन्हें ज्ञात हुआ कि उनके नाम से पहले ही 11 लोगों के कार्ड बन गए हैं और वे बाकायदा शासन की योजनाओं का गलत तरीके से लाभ भी ले रहे हैं। जिन लोगों के फर्जी कार्ड बने हैं, उनमें से सात ग्वालियर एवं चार दतिया दिले के हितग्राही हैं। विशेषकर सात मुस्लिम समाज से हैं। इन लोगों के आयुष्मान कार्ड कैसे बन गए हैं यह जांच का विषय है। हालांकि इस संबंध में उन्होंने मंत्रालय में शिकायत भी की है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

ऐसे पकड़ में आया फर्जीवाड़ा

मध्य प्रदेश सिंधी साहित्य अकादमी के निदेशक ग्वालियर निवासी राजेश वाधवानी ने आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए सेंटरों पर संपर्क किया। पहले उन्होंने अपने नाम, राशनकार्ड एवं एचएसडी नंबर से मंत्रालय की वेबसाइट पर नाम सर्च किया तो उनका नाम पात्रता सूची में नहीं आया। उसके बाद श्री वाद्यवानी ने अपने मोबाइल नंबर 98262-34458 पर नाम देखा तो जो सूची आई उसे देखकर वह दंग रहे गए। सूची में कुल 11 लोगों के नाम थे, जिसमें से सात मुसलमान एवं चार अन्य लोग शामिल हैं। जबकि उनका व परिवार के किसी भी सदस्य का अभी तक कार्ड नहीं बना है।

पात्रता सूची में यह नाम

-जाफर हसन खान उम्र 43 वर्ष, ग्वालियर(मुखिया)

-हासिम खान उम्र 42 वर्ष, ग्वालियर

-रिजवाना खाना उम्र 38 वर्ष, ग्वालियर

-मोहसिन खान उम्र 33 वर्ष, ग्वालियर

-हादी हसन उम्र नौ वर्ष, ग्वालियर

-बाकर खान उम्र 41 वर्ष, ग्वालियर

-सुहेब खान उम्र 28 वर्ष, ग्वालियर

-महेश उम्र 41 वर्ष, काम्हर गांव, जिला दतिया(मुखिया)

-लीला उम्र 39 वर्ष, काम्हर गांव, जिला दतिया

-अभिषेक उम्र 14 वर्ष, काम्हर गांव, जिला दतिया

-मुस्कान उम्र 16 वर्ष, काम्हर गांव, जिला दतिया

इनका कहना है

मेरा एवं परिवार के किसी सदस्य का आयुष्मान कार्ड नहीं बना है और न ही पात्रता सूची में नाम है। जबकि मेरे नाम पर 11 लोगों फर्जी तरीके से कार्ड बने हैं। पात्रता सूची में भी उनका नाम है। इसकी शिकायत टोल फ्री नंबर एवं मंत्रालय से की है।

-राजेश वाधवानी, निदेशक, मप्र सिंधी साहित्य अकादमी

यदि किसी की समग्र आईडी या अन्य दस्तावेजों से दूसरे लोगों के आयुष्मान कार्ड बन गए हैं तो यह गंभीर विषय है। आप संबंधित व्यक्ति को मेरे कार्यालय में भेज दीजिए, जांच कराकर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

-आशीष तिवारी, नोडल अधिकारी, आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना

यह मामला धोखाधड़ी एवं आईटी से जुड़ा प्रतीत होता है। यदि इस संबंध में शिकायत आती है तो इसकी जांच कराई जाएगी।

-सुधीर अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक, राज्य साइबर सेल

Updated : 17 Jun 2021 10:26 PM GMT
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Rajlakhan Singh

Journalist, Swadesh Digital


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