श्री हरि के जागते ही गूंज उठी शहनाईयां, रात में हुई आतिशबाजी

ग्वालियर, न.सं.। ‘उठो देव बैठो देव क्वारों के ब्याह कराओ देव ब्याहों के गौने कराओ देव’ के साथ गुरुवार को चार माह की निद्रा के बाद भगवान श्री हरि जाग उठे। भगवान हरि के जागते ही और अबूछ मुहुर्त के कारण शहर मेें विवाहों की शहनाईयां गूंज उठी। विवाहों का दौर सुबह बारातों से शुरू हुआ जो रात तक चलता रहा। वहीं व्यापार जगत में भी बिक्री का जबरदस्त दौर भी शुरू हो गया।
देवउठनी ग्यारस के दिन शाम के समय घर-घर में गन्नों का मंडप बनाकर भगवान श्री हरि को उठाया गया। इस मौके पर भगवान को पटे पर बैठकार उनकी पूजा अर्चना की गई और उन्हें उठो देव-उठो देव कहकर उठाया गया। घरों में दीप प्रज्वलित किए गए और रात में आतिशबाजी भी हुई। इस दिन घरों में अन्नकूट और पकवान भी बनाए गए। मंदिरों में भी देव उठनी ग्यारस मनाई गई। वहीं हनुमान चौराहा स्थित श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में भगवान का विशेष श्रृंगार किया गया। कई लोगों द्वारा इस ग्यारस का व्रत किया गया।
श्री सनातन धर्म मंदिर में देवउठनी ग्यारस देव उठे:-
श्री सनातन धर्म मंदिर में कार्तिक शुक्ल एकादशी पर गुरुवार को हर्षोल्लास के साथ श्रृद्धाभाव से देव उठान एकादशी मनाई गई। प्रधानमंत्री महेश नीखरा एवं धर्म मंत्री ओमप्रकाश गोयल ने जानकारी देते हुए बताया की सायंकाल 6:30 बजे भगवान चक्रधर के सम्मुख गन्नों का मंडप लगा कर शालिग्राम भगवान को विराजमान किया। भगवान श्री हरि विष्णु का मुख्य पुजारी पंडित रमाकांत शास्त्री जी के आचार्यत्व में मंत्रोच्चार के साथ विधि विधान से वैदिक मंत्रों एवं स्तुतियों से आव्हान कर पूजन किया। पूजन में सभी भक्तगण, पदाधिकारी एवं कार्यकारिणी सदस्य सम्मिलित हुए। इस अवसर पर भगवान चक्रधर एवं श्री गिरिराजधरण का विशेष मनमोहक श्रृंगार हुआ। परंपरानुसार भगवान श्रीहरि को मौसम की सभी फल सब्जियों सिंघाड़े, बेर, शकरकंदी, अमरूद, मैथी, मूली, गाजर आदि का भोग अर्पित किया गया और गाय के घी का दीपक लगाया। उठो देव बैठो देव पांवडे चटकाओ देव गाकर देवों को जगाया। सभी भक्तों ने भगवान की परिक्रमा की एवं आरती के उपरांत प्रसाद वितरण हुआ। पूजन के मुख्य यजमान श्री विमल माहेश्वरी थे। इस अवसर पर अध्यक्ष कैलाश चंद्र मित्तल, प्रधानमंत्री महेश नीखरा, रमेश चंद गोयल, धर्ममंत्री ओमप्रकाश गोयल, विमल महेश्वरी, हरिशंकर सिंघल, राकेश बंसल, प्रदीप सिंघल, राजेश गर्ग, नरेश सिंघल, अजय गुप्ता, शशिकांत महेश्वरी, केदारनाथ गुप्ता, कैलाश नारायण गर्ग सहित सभी पदाधिकारी एवं कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित थे कार्तिक शुक्ल वैकुंठी चौदस 25 नवम्बर शनिवार को श्री तुलसी-शालिग्रामजी का विवाह उत्सव पूर्ण विधि विधान से आयोजित होगा।
जगह जगह हुए विवाह:-
भगवान श्री हरि के जागते ही शहर में विवाहों को शुरुआत हो गई। देव उठनी एकादशी के दिन अबूझ मुहूतमें कई लोगों ने दिन और रात में विवाह किए। इस दौरान विवाह वाटिकाओं में भी रंगत देखने को मिली। देव उठनी ग्यारस के दिन बाजारों में भी अच्छी खरीदारी हुई।
80 से 150 रुपए में बिके गन्नें:-
देव उठनी ग्यारस के दिन शहर में गन्नों की जमकर बिक्री हुई। इस दिन 80 से 150 रुपए में पांच-पांच गन्नें बिके। वहीं पूजा की दोनी 10 से 20 रुपए में बिकी। जगह-जगह अन्नकूट बनने के कारण सब्जियों की भी जमकर खरीदारी हुई।
