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चीन से निपटने के लिए खुली छूट, विपरीत परिस्थितियों में जवान हथियारों से दें जवाब

चीन से निपटने के लिए खुली छूट, विपरीत परिस्थितियों में जवान हथियारों से दें जवाब
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नई दिल्ली। गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ खूनी झड़प के बाद सरकार ने सेना का हौसला बढ़ाने के लिए कुछ ठोस कदम उठाए हैं। चीनी सैनिकों से दो-दो हाथ करने जैसी विपरीत परिस्थितियों में जवानों को हथियारों का इस्तेमाल करने की इजाजत दी गई है। रक्षा सूत्रों के मुताबिक सेना के नियमों में बदलाव के तहत फील्ड कमांडरों को यह अधिकार दिया गया है कि वे विशेष परिस्थितियों में अपने जवानों को हथियारों का इस्तेमाल की इजाजत दे सकें।

रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद के बीच चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ लद्दाख में हालात पर उच्च स्तरीय बैठक की। सोमवार को अपनी रूस यात्रा से पहले रक्षा मंत्री की सेना अध्यक्षों के साथ की गई इस बैठक को कूटनीतिक लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। गौरतलब है कि पिछले सप्ताह दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई झड़प में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद व्याप्त तनाव के बीच यह बैठक की गई।

अपने निवास पर आधे घंटे की चर्चा में सिंह ने लद्दाख में चल रही स्थिति के मद्देनजर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हाल में पनपे हालातों के बाद किसी भी अभूतपूर्व कार्रवाई करने के लिए सीडीएस और तीनों सेना प्रमुखों को पूरी तरह से तैयार रहने को कहा है। यह पता चला है कि सेना को रक्षा मंत्री ने गश्त ड्यूटी के दौरान बहुत सतर्क रहने और चीन के साथ सीमा पर कड़ी चैकसी बढ़ाने की सलाह दी है।

बैठक के दौरान सेनाओं को जमीन से लेकर समुद्री मार्ग पर भी उचित निगरानी रखने के लिए कहा गया है। मंत्री ने कुछ महत्वपूर्ण रक्षा सौदों पर भी चर्चा की, जिनके रूस की यात्रा के दौरान परवान चढ़ने की उम्मीद है। सिंह की बैठक 24 जून को रूस की उनकी यात्रा से पहले हुई, जहां वे द्वितीय विश्व युद्ध में रूस की जीत की 75वीं वर्षगांठ पर मास्को में आयोजित विजय दिवस सैन्य परेड का हिस्सा बनेंगे।

तीनों सेनाओं की 75 सदस्यीय भारतीय सैन्य टुकड़ी पहले ही रूसी टुकड़ी और अन्य आमंत्रित सैन्य टुकड़ियों के साथ विजय परेड में भाग लेने के लिए मास्को पहुंच चुकी है। विजय दिवस परेड में हिस्सा लेने वाली टुकड़ी का नेतृत्व वीर सिख लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट के एक मेजर रैंक के अधिकारी द्वारा किया जाएगा। यह रेजिमेंट द्वितीय विश्व युद्ध में वीरता के साथ लड़ी थी और इसे वीरता पुरस्कारों में चार युद्ध सम्मान और दो सैन्य क्रॉस अर्जित करने का गौरव प्राप्त है।

रक्षा मंत्री की यात्रा से भारत और रूस के बीच लंबे समय से चली आ रही विशेष रणनीतिक साझेदारी को बल मिलेगा।पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी पर चीन की संप्रभुता के चीन के दावे को भारत की मजबूत अस्वीकृति के एक दिन बाद यह बैठक आयोजित की गई। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने 15 जून की रात भारतीय जवानों पर बर्बरतापूर्ण हमला किया था, जिसमें देश के 20 जवानों ने शहादत दी है। विदेश मंत्रालय ने चीन के दावे का मजबूती से खंडन किया है और गलवान घाटी पर हमेशा की तरह अपनी संप्रुभता बनाए रखने की बात कही है।

Updated : 24 Jun 2020 8:48 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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