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अनुष्का शर्मा की पाताललोक वेब सीरीज में हिन्दू संस्कृति का दुष्प्रचार

पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देकर आपराधिक मुकदमा दर्ज करने की मांग

अनुष्का शर्मा की पाताललोक वेब सीरीज में हिन्दू संस्कृति का दुष्प्रचार
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ग्वालियर, विशेष प्रतिनिधि। देशव्यापी लॉकडाउन के चलते सिनेमाघर बंद होने से फिल्म इंडस्ट्री में इन दिनों कोई नई फिल्म नहीं बन रही है, किंतु इस बीच कुछ कुत्सित मानसिकता के लोगों ने अमेजॉन प्राइम प्लेटफार्म पर पाताललोक फिल्म का निर्माण कर वेब सीरीज के जरिए प्रदर्शन शुरू कर दिया। जिस पर हिन्दू संस्कृति के अनुयायियों को घोर आपत्ति है, क्योंकि इसमें न सिर्फ साधु-संतों को गलत ढंग से प्रस्तुत किया गया है, बल्कि देवतुल्य सती सावित्री का नाम एक जानवर का रख दिया गया है, जिससे हिंदू संगठनों में रोष है। इस मामले में भरत परमार पुत्र उदय सिंह परमार ने सोमवार को पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन से मुलाकात कर एक शिकायती आवेदन दिया। जिसमें फिल्म निर्माता एवं अदाकारा अनुष्का शर्मा और लेखक, निर्देशक आदि के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की गई।

जानकारी के मुताबिक भरत परमार द्वारा दिए आवेदन में कहा गया है कि मै. क्लीन स्लेट फिल्म की निर्माता अनुष्का शर्मा, लेखक सुदीप शर्मा, निर्देशक अविनाश अर्जुन, प्रोषित रॉय आदि ने हिन्दू संस्कृति के दुष्प्रचार के लिए वेब सीरीज पाताललोक का टीवी चैनल पर प्रसारण कराया है। जिसमें हिन्दू धर्म के अनुयायियों के विरुद्ध प्रचार करते हुए साधु-संतों को गलत ढंग से, यहां तक की गाली-गलौज देते दिखाया गया है। सती सावित्री, जिनकी घर-घर में महिलाओं द्वारा वट पूर्णिमा मनाते हुए पूजा की जाती है, उनका नाम एक जानवर का रखा गया है। भगवा वस्त्र पहने लोगों को छुआछूत करते दिखाए गया है, ताकि लोग यह समझे कि हिन्दू आज भी इस प्रथा को मानते हैं, जबकि ऐसा नहीं है।

जुनैद नामक व्यक्ति की हत्या को मॉबलिचिंग कारण बताया गया है। जबकि न्यायालय में प्रकरण के बाद यह स्पष्ट हुआ है कि उसे रेल की सीट नहीं मिलने पर हुए विवाद में मौत हुई थी।इसी सी तरह शुक्ला नामक ब्राह्मण को आपत्तिजनक स्थिति में दिखाया गया है। इतना ही नहीं एक घटनाक्रम में चित्रकूट जैसे तीर्थ स्थल से गुंडे बुलाए जाना और नेपाली व सिख समाज पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई हैं। श्री परमार ने इस वेबसीरीज को फिल्म प्रमाणन बोर्ड का प्रमाण पत्र जारी नहीं होने पर सिनेटोग्राफ एक्ट 1952 का उल्लंघन, भारतीय दंड संहिता की धारा 295 अपने,298,153अ, इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000 की धारा 67 अ का उल्लंघन बताते हुए निर्माता-निर्देशक लेखक आदि के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की है। इसमें कहा गया है कि इसमें अश्लील संवाद, गाने, दृश्य आदि दिखाए गए हैं, जिससे समाज में वैमनस्य पैदा होगी।

Updated : 3 Jun 2020 1:02 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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