दीपावली पर 50 हजार नगदी की धरपकड़ से व्यापारियों में आक्रोश

दीपावली पर 50 हजार नगदी की धरपकड़ से व्यापारियों में आक्रोश
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पुलिस की लग रही उचटकर, 40 प्रतिशत व्यापार प्रभावित

ग्वालियर। एक ओर जहां दशहरे से ही दीपावली का त्योहार शुरू हो जाता है वहीं दूसरी ओर विधानसभा चुनाव के कारण आचार संहिता लगने से 50 हजार रुपए से अधिक नगदी लाने ले जाने वालों की, की जा रही धरपकड़ से व्यापारी आक्रोशित हैं। पुलिस द्वारा नाके लगाकर वाहनों की पड़ताल की जा रही है, जिसमें उनकी उचटकर लग रही है। वहीं इससे दीपावली का त्योहार 40 प्रतिशत तक प्रभावित हो रहा है। इस सिलसिले में मप्र चेम्बर ऑफ कॉमर्स एवं कैट सहित तमाम व्यापारी इसका विरोध कर अपनी भावनाओं से जिला प्रशासन को अवगत करा चुके हैं लेकिन फिलहाल इसमे कोई राहत नहीं दिए जाने से व्यापारियों में आक्रोश पनप रहा है। स्वदेश ने शहर के नामचीन व्यापारियों से चर्चा की है।

चेम्बर लिख चुका है पत्र:-

पुलिस प्रशासन द्वारा 50 हजार से अधिक की नगदी पर की जा रही धरपकड़ को लेकर चेम्बर ऑफ कॉमर्स भी निर्वाचन अधिकारी और पुलिस अधिक्षक को पत्र लिख चुका है। चेम्बर पदाधिकारियों ने कहा है कि दीपावली व वैवाहिक सहालग प्रारंभ होने के कारण एक लंबे अंतराल के बाद व्यापार में तेजी आ रही है, जिससे शासन का राजस्व भी बढ़ेगा और लोगों को रोजगार भी बढ़ेगा। शहर के सराफा कारोबारी, थोक में कार्य करने वाले कपड़ा, दाल बाजार, सेनेट्री आदि व्यवसायियों द्वारा अंचल में माल का विक्रय किया जाता है और उसका भुगतान करने के लिए रिटेल कारोबारी को एक अवधि दी जाती है, उस अवधि में वह किश्तों में उसका भुगतान करता है। यह व्यापार एवं उद्योग की पुरानी परंपरा है।

इसी परंपरा के अंतर्गत मुनीम और एजेंट वसूली पर जाते हैं जो तिथि अनुसार निर्धारित थोड़ा-थोड़ा पैसा खुदरा कारोबारियों से संग्रहित करते हैं। जब वह पैसा संग्रहित करते हैं तो उसकी एक रसीद भी जिसने पैसा दिया है उसके नाम काटकर पैसा देने वाले को देते हैं जो इस बात का पुख्ता प्रमाण है कि किस व्यापारी ने कितना पैसा दिया है। वहीं स्थानीय व्यवसाईयों द्वारा बैंकों में पैसा जमा करने भेजा जाता है। सहालग होने के कारण कई बार नगदी अधिक हो जाती है लेकिन उसका प्रमाण जमा करने ले जाने वाले व्यक्ति के पास होता है। अब स्थिति ऐसी हो गई है कि सभी प्रमाण होने के बाद भी चैकिंग दल उसे मान्य नहीं कर अनावश्यक कार्यवाही कर रहा है। जिससे व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

इनका कहना है:-

राशि ऐसी हो जिसमें सभी व्यापारी समाहित हो जाए: मुकेश

समर्थ सौम्या ग्रुप के चेयरमेन मुकेश अग्रवाल ने कहा कि 50 हजार से अधिक की राशि पर लेनदेन को लेकर जिस प्रकार से जांच की जा रही है वह व्यापारी और ग्राहक दोनों के लिए नुकसानदायक है। त्योहार के समय नगदी का लेनदेन अधिक हो ही जाता है। ऐसी राशि का निर्धारण होना चाहिए जिसमें छोटा और बड़ा व्यापारी समाहित हो जाए और व्यापार भी गलत प्रभाव नहीं पड़े।

यह पैसा चुनाव के लिए नहीं व्यापार के लिए है: दीपक

मप्र चेम्बर ऑफ कॉमर्स के मानसेवी सचिव दीपक अग्रवाल ने कहा कि व्यापारी जो पैसा लेकर आ रहा है वह व्यापार का पैसा है न कि चुनाव के लिए पैसा है। चुनावी आड़ में व्यापारियों को परेशान किया जा रहा है। इस संंबंध में चेम्बर द्वारा निर्वाचन अधिकारी और पुलिस अधिक्षक को पत्र लिखा जा चुका है। पुलिस के इस रवैए का हम व्यापारी विरोध करते हैं।

40 प्रतिशत व्यापार प्रभावित हो चुका है: दिलीप

व्यापार समिति दाल बाजार के अध्यक्ष दिलीप पंजवानी का कहना है कि बैवजह की चैकिंग से 40 प्रतिशत व्यापार प्रभावित हो चुका है। व्यापारी इतना डर चुका है कि वह नगदी को लाने और ले जाने से डरने लगा है। त्योहारी सीजन पर अतिरिक्त मांग निकलती है और पैसे का लेनदेन भी अधिक हो जाता है। मजबूरन पैसे को बैंको में पहुंचाना होता है क्योंकि इतना पैसा दुकानों और घर में नहीं रखा जा सकता है। ऐसे में बेवजह की जांच होना गलत है।

पूरे वर्ष इंतजार रहता है इस त्योहार का: रवि

कैट के प्रदेश महामंत्री रवि गुप्ता ने कहा कि दीपावली त्योहार का व्यापारियों को वर्ष भर इंतजार रहता है। इस समय ही उनका व्यापार फलता और फूलता है। आचार संहिता के दौरान 50 हजार से अधिक के लेनदेन पर इस प्रकार की चैकिंग अव्यवहारिक है। चैकिंग के दौरान प्रमाण लेना चाहिए, अगर प्रमाण सही हैं तो व्यापारियों को परेशान नहीं करना चाहिए। पुलिसकर्मी कई बार आयकर का नाम लेकर भी व्यापारियों को डराते हैं।

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