नगर निगम में लगभग 40 करोड़ के भुगतान अटकने पर ठेकेदारों में आक्रोश

नगर निगम में लगभग 40 करोड़ के भुगतान अटकने पर ठेकेदारों में आक्रोश
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वहीं ठेकेदारों के दबाव के चलते यहां-वहां से 10-15 प्रतिशत भुगतान करने की जुगत लगाई जा रही है।

ग्वालियर | नगर निगम में लगभग 40 करोड़ के भुगतान अटकने पर ठेकेदारों में आक्रोश है। जिसके चलते उन्होंने भुगतान न होने पर काला त्यौहार मनने के चलते निगमायुक्त हर्ष सिंह से मुलाकात की। जानकारों की कहना है कि बातचीत में निगमायुक्त ने वित्त विभाग द्वारा मनमाने भुगतान की बात स्वीकार कर पैसा न होने का हवाला दिया है। वहीं ठेकेदारों के दबाव के चलते यहां-वहां से 10-15 प्रतिशत भुगतान करने की जुगत लगाई जा रही है।

नगर निगम की वित्त शाखा अधिकारियों की माने तो प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2023 की आचार संहिता लगने के पहले मनमानें भुगतान के करने के चलते खजाना खाली हो गया है और इसके चलते वर्तमान में जनकार्य विभाग के लगभग 25 करोड, पीएचई विभाग के लगभग 07 करोड़, पीआरओ-भण्डार सहित अन्य विभागों के 01-01 करोड़ की राशि सहित लगभग 40 करोड़ के भुगतान वाले बिल निगम की लेखा शाखा में पेडिग़ हैं और जिम्मेदार अधिकारी खाली खजाने के चलते भुगतान देने पर हाथ खड़े किए हुए है। जिसके चलते निगमायुक्त से मुलाकात करने के लिए बुधवार को नाराज ठेकेदारों के दल पहुंचा था। इस मुलाकात के बारे में जानकारों का कहना है कि बातचीत में निगमायुक्त ने वित्त विभाग द्वारा किए करोड़ों के भुगतान पर अनभिज्ञता जाहिर की और मामला संज्ञान में आते ही भुगतान रोकने की बात बताई। जिसके बाद ठेकेदारों ने पहली बार बिना किसी भुगतान के दीपावली की बात पर निगम के पास पैसा न होने की बात कर कुछ स्थिति बनने पर 10-15 प्रतिशत राशि दिलाने का आश्वासन दिया।

चुंगी क्षतिपूर्ति ने दिलावा दिया कर्मचारियों को वेतन

नगर निगम में लगभग 7 हजार से ज्यादा नियमित, विनियमित व राज सिक्ट्यूरिटी के आउटसोर्स कर्मचारियों को दीपावली से पहले वेतन देने के लिए निगम ने 12 करोड़ चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि, 4 करोड़ संपत्तिकर विभाग से मिली वसूली व निगम खाते में शेष रकम से लगभग 19 करोड़ से ज्यादा की राशि अभी दो-तीन दिन पहले ही दी गई है।

भुगतान में फिर मुंह देखे व्यवहार की तैयारी

जानकारों की मानें तो ठेकेदारों की दीपावली काली होने से बचाने के लिए लगभग 4 से 6 करोड़ के कुछ भुगतान देने की तैयारी की जा रही है। जिसमें वित्त विभाग कायाकल्प, पीएमएवाय, 15वें वित्त आयोग वाले हेडों की राशि से काम करने पर भुगतान लेने वालों को जनकार्य शाखा के भुगतान देने में छोडऩे की प्लानिंग है और इस राशि को भी मनचाहे ठेकेदारों को दी जाएगी।

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