अधिकारियों की खींचतान के बीच बिगड़ी जयारोग्य की व्यवस्था, दवा के लिए भटक रहे मरीज

अधिकारियों की खींचतान के बीच बिगड़ी जयारोग्य की व्यवस्था, दवा के लिए भटक रहे मरीज
X

ग्वालियर, न.सं.। अंचल का सबसे बड़ा जयारोग्य चिकित्सालय इन दिनों अधिकारियों के बीच छिड़े विवाद के कारण अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ता जा रहा है। अस्पताल अधीक्षक व गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय अधिष्ठाता के बीच लगातार आरोप प्रत्यारोप चल रहे हैं। जिसका एक मामला पिछले दिनों ही सामने आया जब अस्पताल अधीक्षक डॉ. आर.के.एस. धाकड़ द्वारा महाविद्यालय अधिष्ठाता डॉ. समीर गुप्ता पर सहयोग न करने के आरोप लगाते हुए संभागायुक्त को पत्र लिखा। पत्र के माध्यम से उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि अधिष्ठाता द्वारा सहयोग न किए जाने के कारण अस्पताल चलाने में परेशानी हो रही है। उधर अस्पताल की व्यवस्थाओं की बात करें तो यहां मरीजों को दवाएं तक नसीब नहीं हो पा रही हैं। ओपीडी में पहुंचने वाले मरीजों को बाजार से दवाएं खरीदनी पड़त रही है। अस्पताल के सेन्ट्रल दवा स्टोर की बात करें तो यहां 52 प्रकार की ऐसी दवाएं हैं, जिनका स्टाक सिर्फ दिखावे के लिए रखा हुआ है। क्योंकि उक्त दवाओं का स्टॉक 100 से कम है।

निजी अस्पताल से नहीं फुर्सत

इधर महाविद्यालय के अधिष्ठाता की बात करें तो इनका भी अस्पताल की व्यवस्थाओं से कोई लेना देना नहीं है। अधिष्ठाता द्वारा न तो अस्पताल का निरीक्षण किया जाता है और न ही व्यवस्थाओं को लेकर समीक्षा। सूत्रों का कहना है कि अधिष्ठाता डॉ. गुप्ता की शहर के एक बड़े निजी अस्पताल में हिस्सेदारी है। इसलिए वह अपना अधिकांश समय निजी अस्पताल में ही बिताते हैं।

छह में से मिलीं महज तीन दवाएं

कम्पू निवासी जितेन्द्र पीलिया की शिकायत के चलते जयारोग्य में उपचार के लिए पहुंचे थे। यहां उन्हें घंटों लाइन में परेशान होने के बाद चिकित्सक का परामर्श नसीब हुआ। लेकिन चिकित्सक द्वारा पर्चे पर लिखी गई छह प्रकार की दवाओं में से उन्हें सिर्फ तीन दवाएं ही नसीब हुई। जबकि अन्य तीन प्रकार की दवाओं को बाजार से खरीदने के लिए कहा गया।

नहीं मिली एन्टीवायोटिक

जलालपुर निवासी सुनील मेडिसिन में उपचार के लिए पहुंचे थे। चिकित्सक द्वारा लिखी गई दवाओं का पर्चे लेकर जब वह दवा वितरण केन्द्र पर पहुंचे तो उन्हें एन्टीबायोटिव लिवोफ्लोक्सोसिन दवा बाजार से खरीदने के लिए कहा गया।

अल्ट्रासाउण्ड के लिए भी वेटिंग

अस्पताल के अल्ट्रासाउण्ड सुविधा की बात करें तो यहां भी मरीजों को जांच कराने के लिए 14 दिन तक का इंतजार करना पड़ रहा है। मरीज चिकित्सक द्वारा लिखी गई अल्ट्रासाउण्ड जांच की पर्ची लेकर जांच कराने पहुंचता है तो उसे 14 दिन बाद आने की बात कही जाती है।

कमलाराजा अस्पताल की मशीन भी बंद

कमलाराजा अस्पताल के स्त्री रोग विभाग में भर्ती होने वाली महिलाओं को परेशानी न हो। इसके लिए कमलाराजा में ही अल्ट्रासाउण्ड मशीन उपलब्ध कराई गई है। लेकिन यह मशीन अधिकांश समय बंद ही रहती है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउण्ड के लिए माधव डिस्पेंसरी तक जाना पड़ता है।

चिकित्सकों को निर्देश दिए गए हैं कि अगर कोई दवा उपलब्ध नहीं है तो उसकी जगह उपलब्ध वैकल्पिक दवा लिखी जाए। अल्ट्रासाउण्ड में पर्याप्त मशीनें होने के बाद भी वेटिंग क्यों दी जा रही है। इसपर कार्रवाई की जाएगी।

डॉ. आर.के.एस. धाकड़

अधीक्षक, जयारोग्य अस्पताल

Tags

Next Story