ग्वालियर - चम्बल अंचल के भाजपा - कांग्रेस के नेताओं पर सबकी नजर

ग्वालियर - चम्बल अंचल के भाजपा - कांग्रेस के नेताओं पर सबकी नजर
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बसपा, सपा और आप के संपर्क में
स्वदेश एक्सक्लूसिव

ग्वालियर । प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव कार्यक्रम घोषित होने के साथ ही राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। भाजपा के 136 व कांग्रेस के 144 उम्मीदवार सामने आ चुके हैं। इसके साथ ही इन दलों में असंतोष के स्वर तेज हो गए हैं। टिकट के दावेदार टिकट नहीं मिलने के बाद दूसरे दलों की ओर रुखसत होने लगे हैं। अंचल के ऐसे नाराज एक दर्जन नेताओं के अगले कदम पर सबकी निगाहें केन्द्रित हो गई हैं।

भारतीय जनता पार्टी ने चार सूचियों में 136 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है। एक-दो रोज में उसकी पांचवीं सूची आने वाली है। अभी 94 सीटें शेष हैं। अंचल में भी 34 में से एक दर्जन से अधिक सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों का कार्यकर्ताओं को इंतजार है। भाजपा में भी असंतोष के स्वर सामने आए हैं। जबकि जहां अभी उम्मीदवार घोषित नहीं हुए हैं,उन सीटों पर भी कुछ नेता टिकट नहीं मिलने पर इधर-उधर हो सकते हैं। ऐसी सीटों में भिंड, मेहगांव, जौरा, विजयपुर, अंबाह, मुरैना, अशोकनगर , पोहरी,ग् वालियर पूर्व, ग्वालियर दक्षिण जैसी सीटें शामिल हैं। इन सीटों में से कई सीटों पर पिछले चुनावों में भाजपा बगावत झेल चुकी है।

कांग्रेस की बात करें तो उसने भी नवरात्रि के पहले दिन 144 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी कर दी। सूची जारी होते ही असंतोष सडक़ों पर फूट पड़ा। दतिया में अवधेश नायक के खिलाफ राजेन्द्र भारती के समर्थक सडक़ों पर उतर आए। कांग्रेस के नाराज भारती समर्थकों ने पुतला दहन कर धरना शुरू कर दिया। वहीं भोपाल जाकर अपना असंतोष जता आए हैं। यहां पूर्व विधायक राधेलाल बघेल भी नाराज है। इसी प्रकार सेवढ़ा में दामोदार यादव भी नाराज हैं। इसी प्रकार शिवपुरी में भी वीरेन्द्र रघुवंशी आहत हैं।

भिंड में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष मानसिंह कुशवाह भी नाराज बताए जा रहे हैं। ग्वालियर ग्रामीण में केदार सिंह कंषाना नाराज होकर इस्तीफा दे चुके हैं।अभी कांग्रेस को शेष बची सीटों पर उम्मीदवार घोषित करने हैं। कांग्रेस के नाराज नेताओं पर भी सबकी नजर है। दूसरी ओर बसपा, आप और सपा की नजर भाजपा, कांग्रेस के नाराज नेताओं पर हैं, इन नेताओं से संपर्क भी साध रखा है।

इन्होंने बदला पाला

भाजपा-कांग्रेस की सूची आते ही नेताओं के इधर-उधर होने का सिलसिला शुरू हो गया। लहार में भाजपा के पूर्व विधायक रसाल सिंह और अटेर से पूर्व विधायक मुन्ना सिंह भदौरिया ने भाजपा छोड़ दी। लहार से रसाल सिंह बसपा के टिकट पर मैदान में उतर गए हैं। मुन्ना सिंह के भी बसपा से मैदान में आने की खबरें हैं। वहीं बसपा छोडऩे वाले पूर्व गृह मंत्री महेन्द्र बौध्द की कांग्रेस में फिर वापसी हुई है। मुंगावली में भाजपा के वरिष्ठ नेता स्वर्गीय राव देशराज सिंह के बड़े पुत्र यादवेन्द्र सिंह को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार घोषित किया है। स्वर्गीय देशराज सिंह की धर्म पत्नी बाई साहब यादव व उनके छोटे पुत्र मप्र पिछड़ा वर्ग वित्त विकास निगम के उपाध्यक्ष राव अजय प्रताप सिंह ने भी मंगलवार को भाजपा छोड़ दी। अजय प्रताप सिंरोज से टिकट की दावेदारी कर रहे थे।

इन पर है खास नजर

चुनावी मौसम में दलबदल आम बात है, लेकिन अगर प्रमुख नेता दलबदल करें तो पार्टी को नुकसान होना लाजिमी है। अभी भाजपा के 94 और कांग्रेस की ओर से 86 सीटों पर उम्मीदवार घोषित होना है। इनमें से कई सीटों पर अनेक दावेदार टिकट की लाइन में हैं। कुछ तो हर हाल में चुनाव लडऩे की भी तैयारी में हैं।

फिलहाल अभी सबकी नजर

महावीर सिंह सिसौदिया श्योपुर, अशोक गर्ग विजयपुर, वीरेन्द्र रघुवंशी, जितेन्द्र जैन गोटू शिवपुरी, जजपाल सिंह जज्जी , लड्डूराम कोरी अशोकनगर, राधेलाल बघेल, राजेन्द्र भारती दतिया, दामोदर यादव सेवढा़, मुन्ना भदौरिया अटेर, राकेश शुक्ला, केपी सिंह मेहगांव, नरेन्द्र कुशवाह, संजीव कुशवाह, रविसेन जैन भिंड, रोमेश, सोमेश महंत लहार, रुस्तम सिंह मुरैना, मानवेन्द्र सिंह सिकरवार सुमावली, पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा, पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाह, पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता ग्वालियर दक्षिण, पूर्व विधायक मदन सिंह कुशवाह ग्वालियर ग्रामीण, ग्वालियर से मितेन्द्र दर्शन सिंह, बृजेन्द्र तिवारी भितरवार, रणवीर जाटव गोहद जैसे नाम शामिल हैं।

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