जिन्होंने खुद अस्पताल बंद करने का दिया आवेदन, उन्ही पर की कार्रवाई

ग्वालियर। शहर भर में गली-गली नियम विरूद्ध तरीके से निजी अस्पताल संचालित हो रहे हैं। जिसमें से कुछ अस्पतालों को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश के पास न तो पर्याप्त चिकित्सक है और न ही स्टाफ। उसके बाद भी मरीजों को भर्ती कर उन्हें जमकर लूटा जा रहा है। लेकिन उक्त अस्पतालों पर जिले के जिम्मेदार स्वास्थ्य अधिकारियों की न तो नजर जाती है और न ही कोई कार्रवाई करते हैं। इतना ही नहीं पिछले दिनों जिन अस्पताल संचालकों ने खुद ही अस्पताल बंद करने के लिए आवेदन दिया, उन पर कार्रवाई कर अधिकारी वाहवाही लूटने में लगे हुए हैं। जिसका उदाहरण रविवार के दिन तीन अस्पतालों पर की गई कार्रवाई ही है।
दरअसल सीएमएचओ डॉ. आर.के. राजौरिया द्वारा रविवार को तीन अस्पतालों के पंजीयन निरस्त किए गए। इसमें प्रताप हास्पीटल, जयारोग्य हास्पीटल के पास आमखो बस स्टेण्ड कम्पू, वैष्णवी हास्पीटल न्यू अभय प्रताप सिंह चिकित्सा शिक्षा एवं समाज कल्याण समिति द्वारा संचालित गुडा गुडी का नाका लश्कर एवं भारत हास्पीटल डी 9 बंसल बिहार प्रेम मोटर्स रोड लश्कर शामिल हैं। सीएमएचओ ने बताया कि उक्त तीनों अस्पताल का औचक निरीक्षण किया गया था।
निरीक्षण के दौरान तमाम अव्यवस्थाएं मिली थी, इसलिए नोटिस जारी कर जबाव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे और जब जबाव प्रस्तुत नहीं किया गया तो तीनों के पंजीयन निरस्त कर दिए गए। लेकिन मजे की बात तो यह है कि उक्त तीन अस्पतालों में से दो अस्पताल संचालकों ने पूर्व में ही सीएमएचओ कार्यालय में आवेदन देकर अस्पताल बंद करने की सूचना दी थी। ऐसे में अब सीएमएचओ द्वारा की गई कार्रवाई सवालों के घेरे में हैं।
