आरोन का बन्हेरी गांव आपसी दुश्मनी में सुलग उठा

आरोन का बन्हेरी गांव आपसी दुश्मनी में सुलग उठा
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ढाई साल पहले विक्रम को थाने में था पीटा, अब शहर में रैकी कर हत्या, रंगदारी और मामूली झगड़े में होने लगा खून-खराबा

ग्वालियर। बन्हेरी गांव वैसे तो पत्थरों की खदान और उबड़ खाबड़ रास्तों के लिए जाना जाता है लेकिन आज इस गांव में कांग्रेस समर्पित सरपंच विक्रमङ्क्षसह रावत की हत्या के कारण तनाव पसरा हुआ है। विक्रम की हत्या के बाद आक्रोशित परिजनों ने गांव में आरोपियों के घरों को आग के हवाले कर दिया। विक्रम की ढाई वर्ष पहले पोषण रावत ने थाने में ही मारपीट कर दी थी। मृतक गांव के एक युवक का पक्ष लेकर गया था जहां पर विवाद होने पर उसे पुलिस के सामने ही धुन डाला था। विक्रम ने पोषण से बदला लेने के लिए अपने परिजनों को बुला लिया था लेकिन कार से पोषण ने विक्रम के ताऊ को कुचलने का प्रयास किया जिसे बचाने के लिए बेटा आया तो उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। ढाई वर्ष से चली आ रही दुश्मनी में आरोपियों ने विक्रम को भी मौत के घाट उतार दिया।

27 मई 2021 को ग्राम बन्हेरी में रहने वाले विक्रम सिंह रावत की आरोन थाने में पोषण रावत ने उस समय मारपीट कर दी थी जब वह अरविंद रावत का पक्ष लेकर उसके साथ पहुंचा था। दरअसल पोषण राजू और रामसिया ने मिलकर अरविंद की मारपीट कर दी थी जिसकी शिकायत अरविंद ने थाने में कर दी थी। अरविंद की जब पुलिस ने सुनवाई नहीं की तो पूर्व सरपंच गिरिजादेवी के बेटे विक्रम थाने पहुंचा था। यहां पर पोषण ने विक्रम की लात-घूसों से पुलिस के सामने ही धुनाई कर दी थी। विक्रम ने अपने परिजनों को सूचना कर दी। वह गांव के रास्ते में पोषण को घेरने के लिए खड़े हो गए। पोषण रावत ने भी अपने परिवार के लोग बुला लिए। यहां पर दोनों पक्षों में झगड़ा होने पर गोलियां चल गईं। झगड़े में विक्रम के चचेरे भाई रामनिवास उर्फ रामू की गोली मारकर हत्या कर दी थी। विक्रम बाद में स्वयं सरपंच का चुनाव जीत गया और रामनिवास की हत्या का प्रमुख चश्मदीद भी था। दोनों परिवारों में रामनिवास की हत्या के बाद दुश्मनी ठन गई थी। विक्रम सोमवार को रामनिवास के प्रकरण के सिलसिले में ही अधिवक्ता प्रशांत शर्मा के घर आया था। यहां पर पुष्पेन्द्र पुत्र भारत रावत, अतेन्द्र पुत्र उदयभान रावत, बंटी पुत्र रामनिवास रावत और मुकेश रावत और दो अज्ञात ने घेर लिया। विक्रमसिंह की हमलावरों ने गोलियां मारकर हत्या कर दी। विक्रम की हत्या बदला लेना बताया जा रहा है। इस प्रकरण को लेकर ग्रामीण चुप्पी साध गए हैं।

कॉलेज के छात्र बनकर आए हत्यारे

बदमाश कॉलेज के छात्र बनकर मौके पर पहुंचे थे। विक्रम कार से उतरने के बाद कार की पीछे वाली सीट से दस्तावेज उठा रहा था, उसका आधा शरीर कार के अंदर था। नकाबपोश बदमाशों ने कार के बगल से गाडिय़ां रोकीं और फिर विक्रम पर गोलियांं बरसाना शुरु कर दीं। पीठ में गोलियां लगते ही विक्रम ढेर हो गया। विक्रम को कार से बाहर खींचकर जमीन पर पटका और एक बार फिर उसके सिर को निशाना बनाकर गोलियां बरसाईं। बदमाश उसको किसी भी कीमत पर जिंदा नहीं छोडऩा चाहते थे। दो बदमाशों ने तो मौके पर ही कट्टों को लोड भी किया।

जेल में बढ़ाई दाढ़़ी

सूत्रों की माने तो पुष्पेन्द्र रावत ने जेल में दाढ़ी बढ़ा ली थी। विक्रम और उसके परिवार से पुष्पेन्द्र बंटी, अतेन्द्र बदला लेना चाहते थे। उनका कहना था कि रामनिवास की हत्या में उनको झूठा फंसाया गया है। इन दिनों पुष्पेन्द्र अतेन्द्र बंटी जेल से बाहर आए हुए थे।

रामनिवास व विक्रम की हत्या के आरोपी

रामनिवास की हत्या में पोषम रावत, बंटी, धर्मवीर, राजवीर, पुष्पेन्द्र, मुकेश, अतेन्द्र अशोक सहित अन्य आरोपी थे। जबकि विक्रम की हत्या में बंटी रावत, पुष्पेन्द्र, अतेन्द्र मुकेश और दो अन्य को आरोपी बनाया गया है।

रैकी कर रहे थे दो बदमाश

गली के दूसरी ओर दो युवक एक्टिवा पर पहले से ही रैकी कर रहे थे। चारों बदमाशों ने हत्या को अंजाम दिया वह बाद में एक्टिवा वाले युवकों के साथ भाग गए। पुलिस अब सीसीटीवी से रैकी करने वालों की पहचान के प्रयास कर रही है।

गांव में घर खाक, पुलिस बैकफुट पर

बन्हेरी गांव में विक्रम के परिजन जमकर आंतक बरपा रहे हैं। उन्होंने पुष्पेन्द्र अतेन्द्र बंटी के अलावा उनके संबंध रखने वालों के घरों में भी आग लगा दी। एक दर्जन वाहन फंूक दिए। पुलिस भी ग्रामीणों के आक्रोश के चलते दो घंटे से ज्यादा समय तक गांव में नहीं घुसी थी। गांव के थानों का बल और शहर से वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे तब उन्होंने स्थिति को संभाला। एक मौहल्ला पूरी तरह खाक कर दिया गया है। पत्थरों के मकान सिलेण्डर फटने से चटक गए हैं।

पहली बार आया था अकेला, सुरक्षा हटाई

विक्रम की जान को खतरा होने पर उसे सुरक्षा प्रदान की गई थी लेकिन उसे कुछ दिन पहले ही हटा लिया गया था। विक्रम ने अपने साथ कुछ गनर रख लिए थे लेकिन सोमवार को वह जल्दबाजी में अकेला ही कार लेकर अधिवक्ता से मिलने आ गया और यही गलती उसकी जान पर भारी पड़ गई।

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