पंडित देशबंधु शर्मा की 91वी जयंती समारोह आयोजित

ग्वालियर। स्वर्गीय देशबंधु शर्मा एडवोकेट की 91वी जयंती के अवसर पर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर के परिसर में स्थित मध्य प्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद भवन में समुचित पेयजल व्यवस्था का लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के माननीय न्यायमूर्ति आनंद पाठक जी उपस्थित रहे कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रेम सिंह भदोरिया अध्यक्ष राज्याधिवक्ता परिषद ने की एवं कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में एमपीएस रघुवंशी अतिरिक्त महाधिवक्ता व प्रवीण निवास कर डिप्टी सॉलिसिटर जनरल भारत सरकार उपस्थित रहे एवं राजेश कुमार शुक्ला सदस्य मध्य प्रदेश राज्याधिवक्ता परिषद द्वारा मंच का संचालन किया गया।
मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति आनंद पाठक द्वारा जल के महत्व को बताया गया और सृजनात्मक कार्य के दूरगामी परिणामों पर भी सूक्ष्मता से बताया गया वही अध्यक्षता कर रहे प्रेम सिंह भदोरिया ने मध्य प्रदेश राज्याधिवक्ता परिषद के भवन में अधिवक्ताओं के चेंबर के बाहर हरियाली की भी समुचित व्यवस्था को इस संबंध में आने वाले समय में वन विभाग के साथ मिलकर काम करने की बात कही |
श्री शुक्ला द्वारा अपने परिचय उद्बोधन में बताया की शिवपुरी के छोटे कस्बे लुकवासा से निकलकर बंबई से वकालत पढ़ने वाले ग्वालियर के वरिष्ठ अधिवक्ता देशबंधु शर्मा जी राजस्व और दीवानी मामलों के प्रख्यात एवं कुशल अधिवक्ता थे, वह प्रखर प्रतिभा के धनी थे एवं उनके व्यक्तित्व के कई आयाम रहे हैं। वे ग्वालियर में अनेक सामाजिक, शैक्षिक एवं धार्मिक संस्थाओं के संस्थापक सदस्य रहे हैं। समाजसेवा के लिए वे कई मंचों के माध्यम से सक्रिय रहे।
उन्होंने बाल्यावस्था में उन्हें अपने मामाजी एवं गांधीजी की रचनात्मक धारा के अग्रणी विद्वान स्वतंत्रता सेनानी पंडित गोपालकृष्ण पौराणिक जी का जो सानिध्य मिला वो आजीवन उनका पथ प्रदर्शक रहा। वे पौराणिकजी द्वारा स्थापित राष्ट्रीय स्वतंत्रताआंदोलन एवं क्रांतिकारी गतिविधियों के गढ़ आदर्श विद्यालय पोहरी में 1943-49 तक अध्ययन किया। उन्होंने 1955 में विक्टोरिया कॉलेज, ग्वालियर से कला स्नातक (बी.ए.) की पढ़ाई पूरी की तत्पश्चात् सन् 1956-57 में गवर्नमेंट लॉ कॉलेज, बॉम्बे से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की। वह बम्बई विश्वविद्यालय के पुस्तकालय सचिव रहे।
एक एडवोकेट के रुप में अपनी विशिष्ट पहचान के अलावा वे सामाजिक, धार्मिक एवं शैक्षणिक क्षेत्र में भी सक्रिय रहे। उन्होंने सन् 1969 में ग्वालियर का पहला धार्मिक सार्वजनिक बाबा गंगा दास की बड़ी शाला के राम जानकी ट्रस्ट का गठन कराया और साथ ही ग्वालियर में आराधना एजुकेशनल सोसाइटी के संस्थापक सदस्य के रूप में ग़रीब कन्याओं के लिए प्राथमिक, मध्य, उच्च और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना की साथ ही वह सामाजिक गतिविधियों में सतत कार्यरत रह कर लायंस क्लब, ग्वालियर के पूर्व अध्यक्ष और ग्वालियर में आरोग्यम एवं पंडित गोपाल कृष्ण पुराणिक अनुसंधान संस्थान के संस्थापक भी रहे। कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन यश बंधु शर्मा बंधु & एसोसिएट्स द्वारा किया गया।
