नौ माह सिर्फ 43 शवों का हो सका विच्छेदन,जयारोग्य का कम नहीं हो रहा भार

ग्वालियर, न.सं.। जयारोग्य चिकित्सालय के शव विच्छेदन गृह का भार कम हो सके। इसी उद्देश्य से मुरार जिला अस्पताल में शव विच्छेदन गृह शुरू कराया गया है। लेकिन जिम्मेदारों की अंदेखी के कारण जयारोग्य का भार कम होने का नाम नहीं ले रहा है। जिस कारण पिछले नौ माह में महज 43 शव विच्छेदन ही किए जा सके हैं।
दरअसल जयारोग्य चिकित्सालय के शव विच्छेदन गृह के अधिक्तम भार को देखते हुए मुरार जिला अस्पताल में शव विच्छेदन गृह का निर्माण कराया गया था। जिसका शुभारम्भ 1 सितम्बर 2021 को सांसद विवेक नारायण शेजवलकर के मुख्य आतिथ्य में हुआ था। लेकिन नौ माह से अधिक समय होने के बाद भी मुरार के महज 43 शवों का ही विच्छेदन किया जा सका है। इस हिसाब से प्रतिमाह सिर्फ चार से पांच शवों का ही विच्छेदन मुरार में किया जा रहा है। जबकि जयारोग्य चिकित्सालय की बात करें तो यहां प्रतिदिन दस से पन्द्रह शवों का विच्छेदन किया जाता है। ऐसा नहीं है कि स्वास्थ्य विभाग के पास चिकित्सकों की कमी है। विभाग के पास पर्याप्त चिकित्सक मौजूद भी हैं। उसके बाद भी काम से बचने के शवों को जयारोग्य चिकित्सालय भेज दिया जाता है। इतना ही नहीं जिला अस्पताल में अधिकांश मामले मुरार थाने से ही पहुंचते हैं और अन्य थानों की बात करें तो कभी कबार ही शव पहुंचे हैं। जयारोग्य के चिकित्सकों का कहना है कि मुरार में भले ही शव विच्छेदन शुरू हो गया हो, लेकिन उनका कोई भार कम नहीं हुआ है। जब तक मुरार में थानों की संख्या नहीं बढ़ाई जाती तब तक स्थिति जस की तस रहेगी।
स्टाफ भी नहीं करा पा रहे उपलब्ध
जिला अस्पताल के शव विच्छेदन गृह में पिछले नौ माह से एक ही स्वीपर के भरोसे संचालित हो रहा है। जिसको लेकर कई बार शव विच्छेदन गृह के प्रभारी डॉ. सुनील शर्मा द्वारा आउट सोर्स पर स्टाफ उपलब्ध कराने की बात भी कही। लेकिन आज दिन तक स्वीपर भी उपलब्ध नहीं कराया गया।
डला रहता है ताला
शव विच्छेदन गृह में अधिकांश समय ताला लटका रहता है। ऐसे में अगर किसी थाने के पुलिसकर्मी शव लेकर पहुंचते भी हैं तो उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है। क्योंकि शव को रखने के लिए फोन पर स्टाफ को बुलाया जाता है, जिस कारण पुलिसकर्मियों को कई बार एक-एक घंटे तक इंतजार तक करना पड़ता है।
खुले में रखे डिप फ्रिजर
जिला अस्पताल के जिम्मेदारों की अंदेखी यहीं नहीं थमती। शव विच्छेदन गृह में दो डीप फ्रिजर भी रखे हुए हैं। जिनमें शवों को सुरक्षित रखा जा सकता है। लेकिन इन पिछले कई दिनों से एक फ्रिजर बंद पड़ा हुआ है। इतना ही नहीं फ्रिजरों को खुले में बाहर ही रखा गया है। जबकि जयारोग्य में शवों की संख्या अधिक होने के कारण शवों को रखने के लिए फ्रिजर कम पड़ जाते हैं और कई बार शवों को खुले में ही रखना पड़ता है।
शव विच्छेदन गृह के लिए जल्द ही स्टाफ उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही अधिक शवों का विच्छेदन हो सके। इसके लिए थाने भी बढ़ाए जाएंगे।
डॉ. आर.के. शर्मा
सिविल सर्जन
