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दाता बंदी छोड़ गुरुद्वारा पर शुरू हुआ 400वां प्रकाश पर्व, देश-विदेश से ग्वालियर पहुंचे श्रद्धालु

महोत्सव की शुरुआत सुबह अखंड साहब के पाठ के साथ हुई

दाता बंदी छोड़ गुरुद्वारा पर शुरू हुआ 400वां प्रकाश पर्व, देश-विदेश से ग्वालियर पहुंचे श्रद्धालु
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ग्वालियर/वेब डेस्क। दाताबंदी छोड़ के 400वें वर्ष के उपलक्ष्य में किला स्थिति गुरुद्वारे पर आज सोमवार से तीन दिवसीय प्रकाश पर्व शुरू हो गया है। उरवाई गेट से गुरुद्वारे तक कई राज्यों से आये श्रद्धालुओं को लाने व ले जाने के लिए गुरुद्वारा समिति द्वारा 20 बसें चलाईं हैं। इन बसों में भक्त बैठकर आ और जा सकेंगे। वाहनों की पार्किंग जलालपुर में की जाएगी। दो और चार पहिया वाहनों का प्रवेश पूर्ण रूप से वर्जित रहेगा। इस प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में संपूर्ण गुरुद्वारे को आकर्षक ढंग से सजाया गया है।


प्रकाश पर्व के पहले दिन आज सोमवार को सुबह से शाम तक विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। महोत्सव की शुरुआत सुबह अखंड साहब के पाठ के साथ हुई।इसके बाद प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन। दोपहर 12 बजे से 2.30 बजे तक श्री सज पाठ साहिब भोग हुआ। यह सभी कार्यक्रम दीवान हॉल के मुख्य स्टेज पर चल रहे हैं। प्रकाश पर्व के लिए विशेष व्यस्थाएं की गई हैं।

फूलबाग गुरुद्वारे पर भी सजावट -

रात के समय कवि दरबार लगाया जाएगा। वहीं दूसरी ओर उरवाई गेट से लेकर गुरुद्वारे तक के रास्त को बैनर व पंडालों द्वारा सजाया गया है। शहर में फूलबाग स्थित गुरुद्वारे पर भी आकर्षक सजावट की गई है। शहर में जगह-जगह इस महोत्सव के पोस्टर लगे हुए हैं।

28 दिन बाद पहुंचे गुरुद्वारा -

गुरुद्वारा दाता बंदीछोड किला ग्वालियर 400 वां शताब्दी समागम बड़ी ही श्रद्धाभाव से मनाया जा रहा है। अमृतसर से 6 सितम्बर (28 दिन) को जो शब्द चौकी 100 लोगो के जत्थे के साथ चली थी वो रविवार को ग्वालियर पुरानी छावनी गुरुद्वारा पहुंच गई। शब्द चौकी के साथ पैदल आ रहे सिख संगत का बाबा सेवा सिंघ ने सिरोपा भेंट कर उनका सवागत किया। अमृतसर से शब्द चौकी में आई संगत को लेने ग्वालियर की संगत पुरानी छावनी बाबा जी के साथ पहुंची थी जो दोपहर 3 बजे गुरुद्वारा दाता बंदीछोड गुरुद्वारा पहुंच कर सभी ने माथा टेका।

जगह-जगह हो रहे हैं लंगर-


गुरुद्वारे पर आने वाले भक्तों और संगतों के लिए जगह-जगह लंगर की विशेष व्यवस्था की गई है। लंगर की सेवा में अपनी हाजिरी लगवा रहे बाबा सतनाम सिंह गुरु के बाग अमृतसर, बाबा दयाल सिंह आनंदपुर साहिब वाले लंगर की सेवा कर रहे हैं। बाबा अमरीक सिंह पटियाला वाले जिन्होंने चाय का लंगर लगाया। इनके साथ बाबा जोगा सिंह जी दराजके वाले, बाबा भोला सिंह जी सहराली वाले, बाबा लख्खा सिंघ जी कोटा राजस्थान वाले लंगर लंगर में अपनी सेवा दे रहे हैं। वहीं बाबा सतनाम सिंह जी गुरुद्वारा दाता बंदीछोड दरबार में ही लंगर की सेवा निभा रहे है। बाहर से आई संगत के लिए लंगर की व्यवस्था भरपूर की गई है। श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की सेवा में कोई कमी नहीं रखी जा रही है।

Updated : 12 Oct 2021 10:06 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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