जिला पंचायत सीईओ ने ग्रामीणों को पढ़ाया स्वच्छता का पाठ

जिला पंचायत सीईओ ने ग्रामीणों को पढ़ाया स्वच्छता का पाठ
ग्वालियर। गांवों को कीचड़मुक्त बनाने और किसानों को जैविक खेती के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए ग्वालियर जिले में 'स्वच्छपूर्णा अभियान' जारी है। इस अभिनव अभियान के तहत मॉर्निंग फॉलोअप के लिए जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी शिवम वर्मा के नेतृत्व में सरकारी अमले ने अलसुबह पांच ग्राम बडक़ी सराय व एराया पहुंचकर ग्रामीणों को स्वच्छता के लिये प्रेरित किया। जिला पंचायत परियोजना अधिकारी नरवरिया ने बताया कि स्वच्छपूर्णा अभियान के तहत ग्राम पंचायतों में ओडीएफ प्लस गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। अर्थात हर गांव को कीचड़मुक्त बनाने के लिये ग्रामीणों को नाडेप टांके व बायोगैस प्लांट के जरिए गोबर व कचरे को जैविक खाद में तब्दील करने के लिये प्रेरित किया जा रहा है। गंदे पानी को नाली के जरिए एक सेंट फिल्टर टैंक से जोड़ा जायेगा। इससे शुद्ध हुए पानी से सिंचाई की जा सकेगी।
आरंभ में जिले की एक दर्जन ग्राम पंचायतों में यह अभियान शुरू किया गया है। अगले एक माह में सभी ग्राम पंचायतों में इस अभियान को लागू कर दिया जायेगा। प्रथम चरण में मुरार विकासखण्ड के अंतर्गत मुगलपुरा, वीरमपुरा, सोनी व बंधोली, घाटीगांव हार व बागवाला गांव, डबरा में टेकनपुर, मकोड़ा व जौरासी तथा भितरवार विकासखण्ड में बनवार व पुराबनवार ग्राम में स्वच्छपूर्णा अभियान शुरू किया गया है। अभियान के तहत जिला व जनपद स्तरीय दल गाँवों में पहुँचकर ग्रामीणों को ओडीएफ प्लस गतिविधियों के लिये प्रेरित कर रहे हैं। साथ ही लोगों को शौचालयों के इस्तेमाल के लिये भी जागरूक किया जायेगा।
नरवरिया ने बताया कि तीन साल तक खेतों को जैविक खाद देने से खेती पूर्णत: जैविक हो जाती है। जैविक खेती से उत्पादित फसलें रासायनिक खाद से उत्पादित फसलों की तुलना में दो से ढ़ाई गुने दाम पर बिकती हैं। निजी कंपनियों द्वारा किसानों से जैविक खेती से उत्पादित अनाज खरीदने के लिये सीधा अनुबंध किया जाता है। साथ ही सरकार भी किसानों से दोगुनी कीमत पर जैविक खेती से उत्पादित फसल खरीदती है।
पंचायतों के बीच होगी स्वच्छता प्रतिस्पर्धा, मिलेंगे नकद पुरस्कार
केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर की पहल पर जिले की सभी ग्राम पंचायतों के बीच स्वच्छता प्रतिस्पर्धा भी आयोजित होगी। उन्होंने इसके लिए अपनी सांसद निधि से धनराशि मुहैया कराने की घोषणा की है। जिला स्तरीय स्वच्छता प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली ग्राम पंचायत को 5 लाख, द्वितीय को 3 लाख व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाली पंचायत को 2 लाख रुपये का नगद पुरस्कार दिया जायेगा। इसी तरह प्रत्येक विकासखण्ड में तीन पंचायतें पुरस्कृत होंगीं। जिसमें प्रथम पुरस्कार 3 लाख, द्वितीय 2 लाख व तृतीय पुरस्कार एक लाख रुपये का रहेगा।
