पर्चा कटवाने मरीजों को घंटों लाइन में नहीं होना पड़ेगा परेशान,शुरू होगा एचएमएस सिस्टम

पर्चा कटवाने मरीजों को घंटों लाइन में नहीं होना पड़ेगा परेशान,शुरू होगा एचएमएस सिस्टम
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पॉटरीज की जमीन पर नवनिर्मित एक हजार बिस्तर के अस्पताल में विभिन्न विभागों की ओपीडी से लेकर आईपीडी शुरू कर दी गई है

ग्वालियर, न.सं.। एक हजार बिस्तर के अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों को पर्चा ेकटवाने से लेकर जांचों के लिए घंटों परेशान होना पड़ता है। लेकिन जल्द ही मरीजों की यह परेशानी दूर होगी। क्योंकि अस्पताल में एचआईएमएस सिस्टम लागू किया जा रहा है। जिसके बाद मरीजों के पर्चे कम समय में आसानी से बन जाएंगे।

दरअसल पॉटरीज की जमीन पर नवनिर्मित एक हजार बिस्तर के अस्पताल में विभिन्न विभागों की ओपीडी से लेकर आईपीडी शुरू कर दी गई है। इसी के चलते अब गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय प्रबंधन ने मरीजों की परेशानी को देखते हुए हॉस्पिटल इंफोर्मेशन एंड मैनेजमेंट सिस्टम (एचआईएमएस) लागू करने की पूरी तैयारी कर ली है। इसके लिए अस्पताल में कम्प्यूटर के अलावा नेटवर्किंग सहित सर्वर का काम पूरा कर लिया गया है और अब सिर्फ सॉफ्टवेयर इंस्टाल करना रह गया है। इसके लिए एजेंसी द्वारा दो से तीन दिन में इंजीनियर की नियुक्ति भी कर दी जाएगी। महाविद्यालय प्रबंधन का कहना है कि एचआईएमएस सिस्टम शुरू करने के लिए सारी व्यवस्थाएं कर ली गई है और अब सॉफ्टवेयर इंजीनियर का इंतजार किया जा रहा है। इंजीनियर के आने के बाद कम्प्यूटरों में सॉफ्टेवयर इंस्टॉल कर दिया जाएगा। एचआईएमएस लागू होने के बाद पर्चो बनाने भर्ती पर्ची कटवाने से लेकर जांच रिपोर्ट तक का काम ऑनलाइन हो जाएगा। पर्चा बनवाने के बाद मरीज को टोकन मिल जाएगा, जब नंबर आएगा तो माइक से अनाउंस करके बुलाया जाएगा। इसी प्रकार जांच रिपोर्ट भी चिकित्सक सॉफ्टवेयर के माध्यम से देख सकेंगे, जिससे मरीजों को काफी राहत मिलेगी।

सर्वर से जुडेंगे सभी विभाग, ऑनलाइन देख सकेंगे रिकॉर्ड

एक हजार बिस्तर के अस्पताल में एचआईएमएस लागू होने के पन्द्रह दिन में महाविद्यालय के अंतर्गत संचालित अन्य सभी विभागों को भी इस सिस्टम से लिंक किया जाएगा। इसमें सुपर स्पेशयलिटी, कैंसर, कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी-न्यूरोसर्जरी, गायनिक के अलावा बाल एवं शिशु रोग विभाग शामिल हैं। उक्त सभी विभागों में कंप्यूटराइज सिस्टम रहेगा। यह रिकार्ड रूम के मेन सर्वर से जुड़ा रहेगा। इसकी मानिटरिंग मेन सर्वर से होगी। यहीं से मरीज से संबंधित पूरी जानकारी मिलेगी। इसके साथ पैथालाजी को भी इस सिस्टम से जोड़ा जाएगा, ताकि मरीजों की लैब में होने वाली जांच को भी चिकित्सक अपने वार्ड या विभाग से आनलाइन देख सकेंगे।

स्टेशनरी हुई खत्म, सील लगा कर दिए जा रहे पर्चे

इधर एक हजार बिस्तर के सेन्ट्रल विन्डों पर पिछले एक सप्ताह से स्टेशनरी का टोटा बना हुआ है। ऐसे में उपचार के लिए पहुंच रहे मरीजों को अस्पताल की सील लगा कर पर्चे बनाए जा रहे हैं। जिसमें मरीजों का नाम तक भी ठीक से नहीं लिखा होता। जिस कारण चिकित्सक भी परेशान है। इस संबंध में सेन्ट्रले विन्डो प्रभारी नवीन दुबे का कहना है कि स्टेशनरी खत्म होने की जानकारी उन्हें नहीं है। अगर ऐसा है तो स्टेशनरी क्रय की जाएगी।

एमआईएमएस सिस्टम शुरू करने के लिए सारी व्यवस्थाएं पूरी कर ली है। सॉफ्टवेयर इंजीनियर के आने के बाद सम्भवत: सोमवार से सिस्टम शुरू कर दिया जाएगा, जिससे मरीजों को काफी राहत मिलेगी।

डॉ. के.पी. रंजन

प्रभारी एचआईएमएस सिस्टम, गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय

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