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विद्याभारती कर रही है एकल विद्यालयों का संचालन

दुर्गम आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा की अलख जगा रहे आचार्य

विद्याभारती कर रही है एकल विद्यालयों का संचालन
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भोपाल, विशेष संवाददाता। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर आज पूरा देश गुरुओं के योगदान को याद कर रहा है। गुरु और शिष्य के संबंधों को जीवंत करने का ऐसा ही एक प्रयास विद्या भारती मध्य भारत प्रांत एकल विद्यालयों के माध्यम से कर रहा है। विद्या भारती सुदूर वनांचल और दुर्गम क्षेत्रों के छात्र छात्राओं को शिक्षा तक शिक्षा की अलख पहुंचा रही है। विद्या भारती द्वारा प्रदेश के 4 जिलों में एकल विद्यालयों का संचालन किया जाता है, जिनमें ना केवल विद्यार्थियों को विषयगत शिक्षा दी जाती है बल्कि संस्कार एवं छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास हेतु विद्या भारती के आचार्य विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करते हैं।

650 एकल विद्यालय, 12 हजार से अधिक विद्यार्थी

विद्या भारती मध्य भारत प्रांत दुर्गम क्षेत्र में रहने वाले ऐसे विद्यार्थी जिन तक सुविधाएं नहीं पहुँच पातीं उनको शिक्षा के साथ संस्कार से जोडऩे के उद्देश्य से रायसेन, होशंगाबाद, बैतूल और हरदा जिले में 650 से अधिक एकल विद्यालय संचालित करती है। इन एकल विद्यालयों में क्षेत्र के लगभग 12000 से अधिक विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे। एकल विद्यालयों को विशेष तौर पर आदिवासी व वनांचल बहुल जिलों में संचालित किया जा रहा है। बैतूल जिले के जनजातीय क्षेत्रों में 165 से अधिक एकल विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं।

तीन घंटे की होती है कक्षा

एकल विद्यालयों में शिक्षक विद्यार्थियों की आवश्यकता अनुसार 3 घंटे की कक्षा लेते हैं, जिसमें विद्यार्थियों को 30-30 मिनट के कालांश में कक्षा अनुसार विषय की पढ़ाई कराई जाती है। इसके साथ हीं शिक्षक विद्यार्थियों को बौद्धिक रूप से मजबूत करने हेतु प्रत्येक दिन अलग-अलग बौद्धिक कथाएं, देशभक्ति गीत आदि का गृहकार्य भी दिया जाता है।


Updated : 5 July 2020 7:49 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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