पिता के अरमानों के टुकड़े कर बेटी ने भागकर की शादी, दुखी परिजनों ने निकाली अंतिम यात्रा

पिता के अरमानों के टुकड़े कर बेटी ने भागकर की शादी, दुखी परिजनों ने निकाली अंतिम यात्रा
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विदिशा में प्रेम विवाह कर घर से भागी बेटी से आहत कुशवाह परिवार ने आटे का पुतला बनाकर प्रतीकात्मक अंतिम यात्रा और संस्कार कर समाज को भावुक कर दिया।

विदिशाः मध्य प्रदेश के विदिशा से शुक्रवार को एक ऐसा मामला सामने आया, जिसने पूरे शहर को भावुक कर दिया। यहां एक परिवार ने घर से भागी बेटी का प्रतीकात्मक रूप से अंतिम संस्कार कर दिया। मामला शहर की चूना वाली गली का है। यहां रहने वाले कुशवाह परिवार ने अपनी 23 वर्षीय बेटी के फैसले से आहत होकर यह कदम उठाया।

मिली जानकारी के अनुसार, कुशवाह परिवार की बेटी कविता कुशवाहा कुछ दिन पहले घर से चली गई थी। परिजनों ने पहले आसपास और रिश्तेदारी में उसकी काफी तलाश की, लेकिन जब कोई सुराग नहीं मिला। इसी दौरान जानकारी सामने आई कि वह एक युवक के साथ घर छोड़कर गई है। इस खबर से पूरा परिवार सदमे में आ गया।

दुखी परिजनों ने निकाली अंतिम यात्रा

दुख और पीड़ा में डूबे परिजनों ने कविता का आटे से पुतला बनाया। फिर उसकी अर्थी सजाई और शहर में प्रतीकात्मक रूप से उसकी अंतिम यात्रा निकाली। इसके बाद शमशान घाट पहुंचकर विधि-विधान से उसका प्रतीकात्मक अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान परिवार के कई रिश्तेदार भी मौजूद रहे।

लाड़ प्यार से पालने की मिली ऐसी सजा

लड़की के भाई ने बताया कि ‘हमने बहन को बहुत लाड़-प्यार से पाला, उसकी हर इच्छा पूरी की। उसे अच्छे से पढ़ाया-लिखाया, उससे हमें बहुत उम्मीदें थीं। लेकिन वह हम सबको छोड़कर चली गई। आज हमने बेटी नहीं, अपने अरमानों की अर्थी निकाली है।’ राजेश कुशवाहा ने कहा कि किसी परिवार की बेटी माता-पिता को धोखा ना दे। इसी संदेश को लोगों तक पहुंचाने के लिए यह अंतिम यात्रा निकाली है।

बेटी के ऐसा कदम उठाने का सबसे बड़ी चोट पिता रामबाबू कुशवाहा को लगी है। उन्होंने कहा ‘बेटी के इस फैसले से मैं पूरी तरह टूट गया हूं। यह मेरे जीवन का सबसे दुखद क्षण है।’

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