फर्जी रेंट एग्रीमेंट से आधार और वोटर फिर बनवाया पासपोर्ट,संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ FIR

भोपालः मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सुरक्षा चूक का गंभीर मामला सामने आया है। यहां फर्जी दस्तावेजों के आधार पर इंडियन पासपोर्ट हासिल करके दो बांग्लादेशी फरार हो गए हैं। कोलार पुलिस ने इन दोनों संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों पर धोखाधड़ी और पासपोर्ट अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है। फरार बांग्लादेशी कोलार इलाके में किराए के मकान पर रह रहे थे।
पुलिस की यह कार्रवाई तब शुरू हुई जब एक इंटेलिजेंस एजेंसी ने उनके पासपोर्ट वेरिफिकेशन से जुड़े दस्तावेजों की जांच के लिए पुलिस को पत्र भेजा। दोनों भाइयों की वर्तमान लोकेशन फिलहाल अज्ञात है और पुलिस उनकी तलाश कर रही है। पासपोर्ट वेरिफिकेशन की इस चूक ने पासपोर्ट विभाग और कोलार पुलिस को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है।
पासपोर्ट ऑफिस की सतर्कता से खुला मामला
फिलहाल कोलार पुलिस ने मोहम्मद रिहान अंसारी और मोहम्मद मकबूल अंसारी, पिता सफकूल हक अंसारी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इन दोनों ने कोलार रोड स्थित राजवैद्य कॉलोनी के पते के आधार पर भारतीय पासपोर्ट बनवाया था। एक प्रक्रिया के दौरान पासपोर्ट ऑफिस को उनके दस्तावेज संदिग्ध लगे। संदेह होने पर इंटेलिजेंस एजेंसी ने सहायक पुलिस आयुक्त अंजली रघुवंशी को जांच के लिए लेटर लिखा। इसके तहत पूरी साजिश का पर्दफाश हुआ।
फेक रेंट एग्रीमेंट की मदद से बने वोटर और आधार
सहायुक आयुक्त की जांच में पता चला कि दोनों ने 7 अगस्त 2014 को राजवैद्य कॉलोनी निवासी लक्ष्मी ठाकुर के नाम पर एक फर्जी रेंट एग्रीमेंट तैयार कराया। इसी किराएनामे अनुबंध के आधार पर वोटर आईडी कार्ड और आधार कार्ड बनवाया। फिर इन दोनों डॉक्यूमेंट की मदद से इंडियन पासपोर्ट हासिल कर लिया।
मकान मालिक के खुलासे ने चौंकाया
मामला सामने आने के बाद जब मकान मालिक से पूछताछ की गई तो उसने स्पष्ट किया कि दोनों आरोपित उसके घर में कभी नहीं रहे। यह तथ्य सामने आने के बाद पुलिस ने दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी और पासपोर्ट अधिनियम के प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज कर ली। हालांकि दोनों युवक पासपोर्ट जारी होने के बाद से फरार हैं। पुलिस तकनीकी और पारंपरिक तरीकों से उनकी लोकेशन ट्रेस करने की कोशिश कर रही है।
