मप्र में संगठन चुनाव के लिए केन्द्रीय नेतृत्व करेगा नई तारीखों का ऐलान: 62 संगठनात्मक जिलों में अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया हो चुकी है पूरी…

भोपाल। पहलगाम आतंकी हमले के बाद मप्र में संगठन चुनाव एक बार फिर से टल गया है। इससे पहले दिल्ली चुनाव और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के कारण भी इसकी तारीखें आगे बढ़ चुकी हैं। केन्द्रीय नेतृत्व के निर्देश पर अब संगठन चुनाव प्रभारी केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान एक बार फिर से चुनाव तारीखों की घोषणा करेंगे। ऐसा माना जा रहा है कि अभी एक-दो महीने तक इंतजार और करना पड़ सकता है।
उल्लेखनीय है कि मप्र सहित कई राज्यों में संगठन चुनाव दिसम्बर माह तक होने थे। जनवरी माह में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होना था। लेकिन राजस्थान, छत्तीसगढ़ सहित कुछ राज्यों को छोड़कर उप्र, मप्र जैसे अधिकांश बड़े राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव नहीं हो सके हैं। अलग-अलग कारणों से राज्यों के चुनावों के टलने से राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया भी करीब तीन महीने पीछे चल रही है।
मप्र में तीसरी बार टले चुनाव
मप्र में 30 जनवरी 2025 तक सभी 62 संगठनात्मक जिलों में अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इसके बाद माना जा रहा था कि फरवरी तक प्रदेश अध्यक्ष का निर्वाचन हो जाएगा। लेकिन केन्द्रीय नेतृत्व की दिल्ली विधानसभा चुनाव में व्यस्तता के चलते इसकी तिथि घोषित नहीं हो सकी। 8 फरवरी 2025 को घोषित हुए दिल्ली विधानसभा के चुनाव परिणामों के बाद माना जा रहा था कि फरवरी अंत तक प्रदेश इकाई के चुनाव कराए जा सकते हैं।
लेकिन 24-25 फरवरी को भोपाल में आयोजित हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियों के चलते एक बार फिर से मप्र में संगठन चुनाव टाल गया था। हाल में एक बार फिर से प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर संगठन चुनाव की सुगबुगाहट शुरू हुई ही थी कि पहलगाम में आतंकी हमले के चलते पार्टी नेतृत्व ने इसे एक बार फिर से टाल दिया।
ऐसा माना जा रहा है कि इस हमले का बदला लेने तक सरकार के साथ-साथ पार्टी भी कोई बड़ा आयोजन या निर्णय नहीं लेगी। इसलिए संगठन चुनाव कम से कम एक से दो माह और आगे बढ़ सकता है।
