भोपाल में 'मौत के मोड़' वाला ब्रिज बनकर तैयार: 90 डिग्री टर्न वाला ओवरब्रिज बना बहस का मुद्दा, मंत्री ने दिए जांच के आदेश…

90 डिग्री टर्न वाला ओवरब्रिज बना बहस का मुद्दा, मंत्री ने दिए जांच के आदेश…
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भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में करीब 18 करोड़ रुपए की लागत से बना ऐशबाग रेलवे ओवरब्रिज (ROB) अब जनता की सहूलियत के बजाय चिंता का कारण बनता नजर आ रहा है। ट्रैफिक जाम से राहत दिलाने के उद्देश्य से बनाए गए इस ओवरब्रिज में बने 90 डिग्री के खतरनाक मोड़ ने सोशल मीडिया से लेकर सरकार तक को सोचने पर मजबूर कर दिया है।

8 साल का इंतजार, लेकिन बना "एक्सीडेंटल ज़ोन"

शहर के ऐशबाग इलाके में रेलवे क्रॉसिंग पर रोजाना लगने वाले ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने के लिए मार्च 2023 में इस ROB का निर्माण शुरू हुआ था। करीब 648 मीटर लंबा और 8.5 मीटर चौड़ा यह ब्रिज अब बनकर तैयार है, लेकिन इसके टॉप पर दिया गया 90 डिग्री का तीखा मोड़ लोगों को डरा रहा है।

स्थानीय लोग और सोशल मीडिया यूजर्स इस मोड़ को "मौत का एंगल" कह रहे हैं। मीम्स और व्यंग्यात्मक टिप्पणियों की बाढ़ आ गई है। कोई इसे पीडब्ल्यूडी की ‘टेकनोलॉजिया’ बता रहा है तो कोई इसे दुर्घटनाओं का गढ़ करार दे रहा है।

अफसरों का तर्क: जमीन की कमी और मेट्रो स्टेशन बाधा

इस मोड़ को लेकर जब सवाल उठने लगे तो ब्रिज निर्माण से जुड़े अधिकारियों ने सफाई दी कि जमीन की कमी और पास में बने मेट्रो स्टेशन की वजह से ब्रिज के डिजाइन में बदलाव संभव नहीं था। उनके अनुसार, यह डिजाइन मजबूरी का परिणाम है।

मंत्री राकेश सिंह ने लिया संज्ञान, जांच के आदेश

मामला गरमाने के बाद PWD मंत्री राकेश सिंह ने गंभीरता दिखाई और बताया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की टीम ने स्थल का निरीक्षण कर लिया है। मंत्री ने कहा कि गुरुवार को टीम तकनीकी रिपोर्ट पेश करेगी, जिसके आधार पर आगामी निर्णय और जरूरी सुधार कार्य किए जाएंगे।

सुविधा के नाम पर तैयार हुआ यह ओवरब्रिज अब सवालों के घेरे में है। जहां एक ओर अधिकारियों की मजबूरी सामने रखी जा रही है, वहीं दूसरी ओर यह भी स्पष्ट है कि किसी भी बुनियादी ढांचे की सफलता उसकी सुरक्षा और उपयोगकर्ता अनुभव पर निर्भर करती है। आने वाले दिनों में इस ब्रिज की तकनीकी समीक्षा और सुधारात्मक कार्रवाई क्या रंग लाती है, इस पर सबकी निगाहें टिकी हैं।

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