तबादलों से खाली हुए सांदीपनि विद्यालय: कई जगह एक भी शिक्षक नहीं...

कई जगह एक भी शिक्षक नहीं...
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भोपाल: शिक्षा विभाग में इन दिनों सब कुछ उल्टा-पुल्टा चल रहा है। खासकर शिक्षकों के तबादलों में जिस तरह नियमों की अनदेखी की गई है, उसने शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकार की महत्वपूर्ण योजना के तहत खोले गए सीएम राइज स्कूलों में आंख मूंदकर तबादले किए गए हैं। इसके बाद ये स्कूल शिक्षक विहीन हो गए हैं।

सूत्रों ने बताया है कि प्रदेश में वर्ष 2021-22 में सीएम राइज स्कूल शुरू किए गए थे। हाल ही में इन स्कूलों का नाम बदलकर सांदीपनि विद्यालय किया गया है। इन स्कूलों के लिए नियम तय किया गया था कि इनमें पदस्थ शिक्षकों का पांच साल तक स्थानांतरण नहीं किया जाएगा। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। इन स्कूलों में से कई में एक साथ सभी शिक्षकों का तबादला कर दिया गया है। मजे की बात ये है कि इन स्कूलों को शुरू हुए अभी पूरे पांच साल हुए भी नहीं है।

कुरवाई विदिशा : विदिशा जिले के कुरवाई में एक साथ 16 शिक्षकों का स्थानांतरण कर दिया गया। अब यहां एक भी शिक्षक नहीं है। खबर है कि तबादला वाले शिक्षक अब न्यायालय जाने की तैयारी में है।

चरगवां : उधर जबलपुर-रीवा क्षेत्र के चरगवां में स्थित सीएम राइज स्कूल में भी आठ शिक्षकों का स्थानांतरण कर दिया गया है। यहां अब ये स्थिति है कि पढ़ाई ठप है।

अशोकनगर : उधर अशोकनगर के सीएम राइज स्कूल में भी चार शिक्षकों के तबादले किए गए हैं। यह 62 शिक्षकों की जरूरत के बीच सिर्फ 25 शिक्षक हैं। उनमें भी चार का तबादला कर दिया गया।

प्राचार्यों ने जताई आपत्ति : खबर है कि सीएम राइज स्कूल के प्राचार्यों ने आयुक्त लोक शिक्षण संचनालय को पत्र लिखकर थोकबंद तबादलों पर आपत्ति और चिंता जाहिर की है। प्राचार्यों का कहना है कि इन स्कूलों में पहले से ही शिक्षकों की कमी है,उस पर शिक्षकों के तबादले किए जाने से शिक्षण कार्य बुरी तरह प्रभावित होगा। कई स्कूल ऐसे हैं जहां हायर सेकेण्डरी व मिडिल कक्षाओं के लिए शिक्षक ही नहीं हैं।

परिवीक्षाधीन शिक्षकों के भी कर दिए

तबादले, अब रोकने के आदेश

उधर, जनजातीय कार्य विभाग से सम्बद्ध स्कूलों में भी तबादलों में नियमों की अनदेखी की गई। खबर है कि इन स्कूलों में ऐसे शिक्षकों के थोक में तबादले कर दिए जो परिवीक्षा अवधि में थे।

सूत्रों ने बताया है कि शासन का नियम है कि तीन साल की परिवीक्षा अवधि के दौरान शिक्षकों के तबादले नहीं किए जा सकते। लेकिन आंखे मूंदकर काम करने वाले अधिकारियों ने तबादला करने से पूर्व यह नियम देखा ही नहीं और धड़ाधड़ तबादले कर दिए। इसके बाद जब इसका विरोध हुआ तब अधिकारियों की आंखे खुली। अब जनजातीय कार्य विभाग के आयुक्त श्रीमन शुक्ला ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वे ऐसे शिक्षकों के तबादले रद्द कर दें जो परिवीक्षा अवधि में है। निर्देशों में कहा गया है कि विभागीय नीति के अनुसार प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों (परिवीक्षाधीन) कार्यमुक्त न किया जाए।

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