Home > राज्य > मध्यप्रदेश > भोपाल > काश, राहुल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और शहीदों का इतिहास पढ़ लेते

काश, राहुल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और शहीदों का इतिहास पढ़ लेते

'भारत जोड़ो' यात्रा पर निकले राहुल गांधी ने एक बार फिर अपने अज्ञान का परिचय दिया

काश, राहुल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और शहीदों का इतिहास पढ़ लेते
X

वेब डेस्क। कांग्रेस को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से 'भारत जोड़ो' यात्रा पर निकले राहुल गांधी ने एक बार फिर अपने अज्ञान का परिचय दिया। गुरुवार को उन्होंने मध्यप्रदेश की धरती पर ऐसा झूठ परोसा, जिसका न तो कोई आधार है और न ही प्रदेश और देश की जनता इसे आत्मसात कर सकती। पहले तो उन्होंने जनजातीय समाज के बीच वनवासी और आदिवासी संबोधन को लेकर भ्रम फैलाने का प्रयास किया। फिर उन्होंने कहा कि भाजपा आदिवासियों को उनके अधिकार से वंचित कर रही है। राहुल गांधी को शायद पता नहीं कि मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद से ही जनजातीय समाज के उत्थान के लिए लगातार प्रयास हुए हैं। जल, जमीन और जंगल से जुड़ा पंचज अभियान मप्र में भाजपा की सरकार ने ही शुरू किया। पेसा कानून भी जनजातीय समुदाय को अधिकार संपन्न बनाने के लिए ही है।

राष्ट्रोत्थान के लिए समर्पित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर भी राहुल ने मनगढंत आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि 'टंट्या मामा और बिरसा मुंडा को अंग्रेजों ने फांसी दी। जब हम अंग्रेजों से लड़ाई लड़ रहे थे, तब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अंग्रेजों के साथ खडा था।' राहुल गांधी यह भूल गए कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने जातिवाद और छुआछूत के कारण बिखरे हिन्दू समाज को एकजुट उसे स्वातंत्रय आंदोलन से जोडने के उद्देश्य से ही की थी। टंट्या मामा और बिरसा मुंडा को फांसी के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर अंग्रेजों का साथ देने का आरोप लगाने वाले राहुल को शायद किसी ने यह नहीं बताया कि संघ की स्थापना 27 सितबर 1925 को नागपुर में हुई। जबकि शहीद बिरसा मुंडा को अंग्रेजों ने रांची कारागार में 9 जून 1900 को जहर देकर मारा। और टंट्या भील को मप्र के जबलपुर में गिरतार कर 4 दिसंबर 1889 फांसी दी गई। यानी बिरसा मुंडा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना से 25 साल पहले और टांट्या भील 'मामा' 36 साल पहले शहीद हुए। पहले वीर सावरकर के बारे में अनर्गल बातें बोलकर और अब बिरसा मुंडा और टंट्या भील के साथ गलत तरीके से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को जोडकर राहुल अपनी यात्रा की सार्थकता को खुद ही संदिग्ध बना रहे हैं। उन्हें अपने आसपास जुटे कथित 'बुद्धिजीवियों' की नीयत को अच्छे से जांच लेने की जरूरत है।

Updated : 25 Nov 2022 12:03 PM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh News

Swadesh Digital contributor help bring you the latest article around you


Next Story
Top