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मप्र के दमोह में इस्‍लामिक भीड़ की खुले आम धमकी, 'हिन्‍दुओं के न हाथ रहेंगे न सिर सलामत रहेंगे', देखें वीडियो

मप्र के दमोह में इस्‍लामिक भीड़ की खुले आम धमकी, हिन्‍दुओं के न हाथ रहेंगे न सिर सलामत रहेंगे, देखें वीडियो
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भोपाल । मध्‍यप्रदेश में एक बार फिर इस्‍लामिक भीड़ का ताण्‍डव देखने को मिला है, इस बार निशाने पर पुलिस प्रशासन रहा और दबाव ये कि यदि पुलिस ने उसकी बात नहीं मानी तो वे उन (हिन्‍दुओं) के न हाथ रहने देंगे न सिर सलामत रखेंगे, जिनके विरुद्ध वे कार्रवाई करने के लिए थाने को चारों ओर से घेरने के लिए आए हैं। मामला इतना बड़ा कि पहले पुलिस ने उन लोगों पर एफआईआर दर्ज की जिनके लिए ये भीड़ मांग कर रही थी, लेकिन उसके बाद भी जब इनका बवाल शांत नहीं हुआ तो आखिरकार पुलिस को डंडे बरसाने पड़े और लगभग 10 किलोमीटर पर शहर की एक-एक गली विशेषकर मुस्‍लिम बहुल क्षेत्र में फ्लेगमार्च निकाला पड़ा।

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दरअसल, घटना राज्‍य के दमोह जिले की है, शनिवार-रविवार की देर रात घटे इस मामले में अब वीडियो फुटेज सामने आ चुके हैं। इनमें साफ देखा जा सकता है कि कैसे मुस्‍लिम भीड़ के बीच भड़काऊ भाषण चल रहे हैं, वह भी सिटी कोतवाली में पुलिस स्‍टेशन को चारो ओर से घेर के शासकीय परिसर के भीतर । जिसमें कि वहां मौजूद सभी मुसलमान इस्‍लाम के नाम पर भड़कानेवालों की हां में हां मिला रहे हैं और पुलिस को 24 घण्‍टे का वक्‍त देते हुए अल्‍ला हू अकबर के नारे लगाने के साथ अंजाम भुगतने को तैयार रहने की धमकी दे रहे हैं। जबकि मामला इतना बड़ा कुछ था ही नहीं कि इस पर इतना बड़ा बवाल खड़ा किया जाता।

दरअसल, विवाद की मूल वजह दर्जी द्वारा तय समय पर कपड़े सिलकर नहीं देना था, जिसमें कि हिन्‍दू ग्राहक लल्लू शर्मा जो अपने एक साथी के साथ मुस्‍लिम दर्जी अंसार के पास कपड़े लेने गए थे ने दर्जी से कहा कि जब आपने वादा कर दिया था कि मैं कपड़े सिलकर दूंगा तो आपने कपड़े क्‍यों नहीं सिले, अब मुझे जिस आयोजन में उन्‍हें पहनना थे, वहां मैं क्‍या पहनकर जाऊं? इतना पूछने पर मुस्‍लिम दर्जी अंसार से जो जवाब दिया तो बात बिगड़ गई और आगे ऐसी बिगड़ी कि पहले मुंहवाद पर फिर हाथ-पैरों से एक दूसरे को मारने तक नौबत आ पहुंची। तभी किसी ने ये मैसेज कर दिया कि मौलवी (इमाम) विवाद में बीच बचाव करने पहुंचे थे तभी उनके साथ इन हिन्‍दू लोगों ने मारपीट कर दी है । बस, फिर क्‍या था! ये मुस्‍लिम भीड़ इंसाफ के नाम पर थाने का घेराव करने पहुंच गई और भड़काऊ भाषण शुरू हो गए।

पुलिस ने काफी देर समझाने का प्रयास किया। पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दो को तत्‍काल गिरफ्तार भी कर लिया था। पुलिस ने लल्लू शर्मा, राजू ठाकुर, भरत नायक, विक्की शर्मा निवासी इंदिरा कॉलोनी सिविल 2 दमोह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की । अपराध क्रमांक 103 / 24 में धारा 294, 323, 506, 34, 427 में पुलिस ने ये अपराध पंजीबद्ध किया । लेकिन ये हंगामा फिर भी रुकने का नाम नहीं ले रहा था। मुसलमान समूह में सरेआम देख लेने की धमकी दे रहे थे । जिसके बाद दमोह के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संदीप मिश्रा ने मोर्चा संभाला और विशेष समुदाय की इस हंगामा करने वाली भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए स्वयं आगे आकर भीड़ को खदेड़ दिया। दमोह के अनुविभागीय दंडाधिकारी राज ललन बागरी, सीएसपी अभिषेक तिवारी, तहसीलदार उदेनिया के साथ थाना प्रभारी अरविंद सिंह देहात थाना प्रभारी विजय सिंह राजपूत के साथ बड़ी संख्या में पुलिस ने दमोह नगर के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र के साथ नगर के प्रमुख मार्गों पर देर रात्रि तक फ्लैग मार्च करती रही ।

इस संबंध में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संदीप मिश्रा का कहना है कि कानून की नजर में सब बराबर हैं। कानून को किसी को भी हाथ में लेने का अधिकार नहीं है । कार्रवाई दोषियों पर की जा रही है । बिगड़े हालात को नियंत्रित करने के लिये फ्लेगमार्च किया गया है। प्रशासन एवं पुलिस अपना कार्य कर रही है। वहीं, पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई को हिन्‍दू संगठन एक तरफा करार दे रहे थे, इन संगठनों का कहना था कि जब झगड़ा हुआ तो दर्जी अंसार और उसके साथियों ने हिन्‍दू ग्राहक एवं उसके सहयोगी के साथ जो मारपीट की, उसका क्‍या? पुलिस को उसके खिलाफ भी कार्रवाई करनी चाहिए। वहीं, उन तमाम भीड़ में शामिल लोगों पर भी कानूनी कार्रवाई हो जोकि खुले में सरेआम (हिन्‍दुओं के) हाथ काटने और सिर कलम करने की बात कहते हुए अल्‍ला हू अकबर के नारे लगा रहे थे। जब इस मामले में पुलिस अधीक्षक संदीप मिश्रा से बात की गई तो उनका साफ कहना था कि वीडियो फुटेज देखकर कार्रवाई करना शुरू कर दिया गया है।

रविवार को मामले में अब पुलिस द्वारा बड़ा एक्‍शन लिया जाना भी सामने आया है। पुलिस ने इस्‍लामिक भीड़ पर कड़ा एक्‍शन लेते हुए रविवार शाम को लगभग 30-40 लोगों के खिलाफ झड़प, सदभाव बिगाड़ने समेत विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है। इस संबंध में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संदीप मिश्रा ने बताया कि वीडियो में पहचान करा कर हमारी टीम अरेस्‍ट करने का काम कर रही हैं। 153 समेत कई अन्‍य धाराओं में आरोपितों पर कार्रवाई की जा रही है। इस दौरान उन्‍होंने फिर दोहराया कि कानून की नजर में सब बराबर हैं, जो अपराध करेगा, पुलिस उसे छोड़नेवाली नहीं है। फिलहाल इस संपूर्ण मामले में वीडियो खगाले जा रहे हैं और इसी के आधार पर पुलिस की धरपकड़ रविवार शाम से लगातार जारी है।

Updated : 13 April 2024 12:46 PM GMT
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डॉ. मयंक चतुर्वेदी

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