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पुलिस मुख्यालय ने लिखा विधिक राय लेंगे, आयोग ने बुलाई 5 अप्रैल तक रिपोर्ट

पुलिस मुख्यालय ने लिखा विधिक राय लेंगे, आयोग ने बुलाई 5 अप्रैल तक रिपोर्ट
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एडीजी राजेंद्र कुमार मिश्रा के पिता कुलमणि मिश्रा का मामला

भोपाल/प्रशासनिक संवाददाता। एडीजी राजेंद्र कुमार मिश्रा के पिता कुलमणि मिश्रा के मामले में नया मोड़ आ गया है। दरअसल इस मामले में पुलिस मुख्यालय ने मानवाधिकार आयोग को एक पत्र लिखा, जिसमें आयोग ने विधिक राय लेने का हवाला बताते हुए जांच रिपोर्ट देने में असमर्थता जताई। लेकिन इस मामले में मानवाधिकार आयोग ने पुलिस महानिदेशक को हर हाल में 5 अप्रैल तक जांच रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। इधर एडीजी राजेंद्र कुमार मिश्रा के पिता कुलमणि मिश्रा की जांच के लिए डॉक्टरों का दल भी जाने वाला था।

जानकारी के अनुसार एडीजी राजेंद्र कुमार मिश्रा के पिता कुलमणि मिश्रा का उनके बंगले पर वैद्यों द्वारा इलाज किया जा रहा है। वे दो माह से अधिक समय से घर पर ही हैं। कुलमणि मिश्रा को बसंल अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा मृत घोषित कर दिया गया था। इसके बाद एडीजी मिश्रा उनका घर पर ही इलाज करवा रहे हैं। इस मामले में मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया था और पुलिस महानिदेशक से रिपोर्ट तलब की थी। आयोग ने इस मामले में डॉक्टरों की टीम बनाकर एडीजी मिश्रा के पिता कुलमणि मिश्रा की जांच के निर्देश भी दिए थे, लेकिन अब तक डॉक्टरों की टीम कुलमणि मिश्रा तक नहीं पहुंच सकी है। मंगलवार को भी डॉक्टरों की टीम को जांच के लिए पहुंचना था। यहां बता दें कि एडीजी राजेंद्र मिश्रा ने किसी भी बाहरी व्यक्ति को उनके बंगले में घूसने पर पूरी तरह से रोक लगा रखी है। उन्होंने अपने बंगले पर सुरक्षा गार्ड भी तैनात कर रखे हैं, इस कारण डॉक्टरों की टीम भी अंदर नहीं घुस पाई।

आयोग ने लिखा पत्र

इस मामले में मंगलवार 26 मार्च को पुलिस मुख्यालय द्वारा मानवाधिकार आयोग को एक पत्र लिखा गया। पत्र में पुलिस मुख्यालय द्वारा उपसंचालक अभियोजन विभाग भोपाल से इस मामले में विधिक राय लेने का उल्लेख किया गया है। उपसंचालक अभियोजन ने यह मामला माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में विचाराधीन होने के कारण उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार ही अगली कार्यवाही करना विधिसम्मत बताया है। पुलिस मुख्यालय द्वारा इसी विधिक राय के आधार पर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग से उच्च न्यायालय द्वारा इस मामले पर निर्णय लेने के उपरान्त ही कोई कार्यवाही करना उचित बताकर आयोग से इस आशय का अनुरोध किया है। आयोग के रजिस्ट्रार (ला) जेपी राव ने बताया कि चूंकि उच्च न्यायालय द्वारा मानव अधिकार आयोग की किसी भी कार्यवाही पर कोई अंतरिम स्थगन आदेश या अन्य कोई आदेश पारित नहीं किया गया है, इसलिए पुलिस मुख्यालय भोपाल का ऊपर लिखित अनुरोध उचित प्रतीत नहीं होता है। इसी क्रम में चूंकि आयोग द्वारा मामला अनिश्चितकाल के लिए लंबित नहीं रखा जा सकता है। इसलिए आयोग ने पुलिस महानिदेशक, मध्यप्रदेश को आयोग के आदेश दिनांक 11 मार्च 19 का पालन प्रतिवेदन शीघ्रताशीघ्र या 5 अप्रैल 19 के पहले आयोग कार्यालय को प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं। आयोग में इस मामले की सुनवाई अब 5 अप्रैल 2019 को होगी।

Updated : 26 March 2019 4:46 PM GMT
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Naveen Savita

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