Home > राज्य > मध्यप्रदेश > भोपाल > मुख्यमंत्री के नाम से धमकाकर रिश्वत मांग रहे हैं अधिकारी

मुख्यमंत्री के नाम से धमकाकर रिश्वत मांग रहे हैं अधिकारी

मुख्यमंत्री के नाम से धमकाकर रिश्वत मांग रहे हैं अधिकारी
X

लोकायुक्त से शिकायत में शराब ठेकेदार ने अधिकारियों पर लगाया गंभीर आरोप...

भोपाल/विशेष संवाददाता। करीब ढाई करोड़ रुपये लायसेंस फीस जमा किए जाने के बावजूद आबकारी विभाग ने एक फुटकर शराब विक्रता की शराब आपूर्ति रोक दी है। परेशान ठेकेदार ने शपथ-पत्र के साथ पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त से अधिकारियों द्वारा अनुचित राशि मांगे जाने की शिकातय की है। शिकायत में लिखा गया है कि अधिकारी उन्हें मुख्यमंत्री कमलनाथ के नाम से भी धमका रहे हैं। अधिकारी कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री कमलनाथ की ओर से उन्हें स्पष्ट निर्देश हैं कि चुनाव के लिए आबकारी विभाग के अनुसार यदि फंड नहीं दिया गया तो लूप लाइन में डाल दिए जाओगे और नौकरी करना मुश्किल कर देंगे।

कमला इन्फ्राट्रेडकॉम प्रा. लि. के संचालक प्रवीण शिवहरे ने पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त संगठन ग्वालियर को दिए गए शिकायती शपथ-पत्र में बताया है कि वह वर्ष 2018-19 में आबकारी विभाग ग्वालियर के समूह क्रमांक त्रङ्खरु/स्न-08 (जिंसी नाला) की विदेशी मदिरा दुकान जिंसी नाला, लायसेंस नं. 4 एवं विदेशी मदिरा दुकान नई सडक़ लायसेंस नंबर 14 का ठेकेदार है। 31 अगस्त 2018 तक उसके द्वारा 2,47,87,800 रुपये आबकारी विभाग में जमा कराए जाने के बाद भी आबकारी आयुक्त रजनीश श्रीवास्तव, अपर आबकारी आयुक्त मुकेश नेमा और संभागीय उडऩदस्ता प्रभारी उपायुक्त शैलेष सिंह द्वारा मदिरा का प्रदाय मात्र इसलिए नहीं किया जा रहा है क्योंकि अनुचित रकम की मांग की पूर्ति करने से उसने इंकर कर दिया है। शराब आपूर्ति नहीं करने के पीछे अधिकारियों का तर्क है कि उसके द्वारा लायसेंस फीस लेट जमा की गई है, इसलिए मदिरा का प्रदाय नहीं किया जाएगा। वहीं पीडि़त ठेकेदार ने अधिकारियों को बताया कि आरक्षण और न्यूसेंस के कारण कई दिनों बाजार बंद रहा है। एवं ऐसी ही समान परस्थितियों में अन्य ठेकेदारों को मदिरा के प्रदाय की अनुमति दी गई है। इसलिए असमान्य दृष्टिकोण अनुचित मांग के लिए अपनाया जाना ठीक नहीं है। इस पर अधिकारियों का कहना है कि हमारी मजबूरी है लोकसभा चुनाव सर पर हैं हमें मुख्यमंत्री कमलनाथ की ओर से स्पष्ट निर्देश हैं कि चुनाव के लिए आबकारी विभाग के अनुसार यदि फंड नहीं दिया गया तो लूप लाइन में डाल दिए जाओगे और नौकरी करना मुस्किल कर देंगे।

पीड़ित ठेकेदार ने शिकायत में कहा है कि उसे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि चुनाव व मुख्यमंत्री की आड़ में उक्त अधिकारी अवैध मांग कर रहे हैं। ठेकेदार ने शिकायत की यथोचित जांच कर आबकारी विभाग के अधिकारियों के विरुद्ध उचित कार्रवाई कर प्रार्थी को न्याय दिलाने की मांग की है। इस संबंध में आबकारी आयुक्त रजनीश श्रीवास्तव से मोबाइल पर संपर्क कर उनका पक्ष जनना चाहा तो उन्होंने मोबाइल रिसीव नहीं कर काट दिया।

इनका कहना है

मुख्यमंत्री के नाम पर अधिकारी मुझसे अनुचित राशि की मांग कर रहे हैं। मेरे पास पैसा होता तो लायसेस फीस जमा करने में ही देरी क्यों होती? देरी मेरी तरह लायसेंस फीस देरी से राशि जमा करने वाले अन्य ठेकेदारों को मदिरा प्रदाय की अनुमति किस आधार पर दी गई है। इस बात की शिकातय मैंने लोकायुक्त में की है।'

-प्रवीण शिवहरे, संचालक कमला इन्फ्राट्रेडकॉम प्रा.लि.

Updated : 24 March 2019 3:42 PM GMT
author-thhumb

Naveen Savita

Swadesh Contributors help bring you the latest news and articles around you.


Next Story
Top