पहली बार हुआ आरवीओटी स्टेनटिंग विधि से ऑपरेशन
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भोपाल की 8 वर्षीय सोनाक्षी का हुआ सफल ऑपरेशन
भोपाल/मध्य स्वदेश संवाददाता। भोपाल में हृदय रोगी 8 वर्षीय कुमारी सोनाक्षी का जटिल ऑपरेशन किया गया है। इसमें उपयोग की गई विधि (आरवीओटी स्टेनटिंग) संभवत: मध्यप्रदेश में पहली बार उपयोग में लाई गई है। ऑपरेशन के बाद सोनाक्षी को स्वस्थ बताया जा रहा है।
राजधानी के एलएन मेडिकल कॉलेज और जेके अस्पताल के हृदय रोग विभाग द्वारा हाल ही में एक जटिल हृदय की अनुवांशिक विसंगती वाली मरीज के जीवन को बचाने का सफल प्रयास किया गया है। टेट्रोलोजी ऑफ फैलोट से पीडि़त सोनाक्षी की अवस्था सर्जरी के लायक नहीं थी। सोनाक्षी के जीवन को बचाने के लिए हृदय की धमनियों में डलने वाले स्टेंट से फेफड़ों में रक्त संचार को सुनिश्चित किया गया। यह एक जटिल प्रक्रिया थी, जिसे डॉ. जीसी गौतम (कार्डियोलोजिस्ट), डॉ. आन्नद यादव (कार्डियक सर्जन) और डॉ. आशीष सरावगी (एनेस्थिसियोलोजिस्ट) की टीम ने सफलतापूर्वक किया। उल्लेखनीय है कि टेट्रोलोजी ऑफ फैलोट एक जटिल आनुवांशिक बीमारी है। इसमें हृदय के दोनों वेंट्रीकल के बीच में छेद होता है और फेफड़ों में हृदय से रक्त ले जाने वाली धमनी के वॉल्ब एवं वॉल्ब के नीचे वाले ऑक्सीजेनेशन के लिए रक्त फेफड़ों तक समुचित मात्रा में नहीं पहुंच पाता। इस विसंगति में बच्चे के होठों एवं ऊंगलियों में नीलिमा सॉइनोलिस्ट दिखाई देता है।
8-10 प्रतिशत बच्चे होते हैं पीड़ित
यह अनुवांशिक बीमारी 8-10 प्रतिशत बच्चों में पाई जाती है। ये बच्चे के विकास में बाधक होती हैं। हृदय के छेद जैसे एएसडी वीएसडी और पीडीए जैसी अनुवांशिक बीमारियों का उपचार अब बिना ओपन हार्ट सर्जरी के पैर की धमनियों के रास्ते कैथ लेब में कार्डियोलोजिस्ट द्वारा संभव है। इस प्रक्रिया में सर्जरी का कोई निशान नहीं दिखता है और आईसीयू में भी एक या दो दिन से अधिक नहीं रखना पड़ता है। एलएन मेडीकल कॉलेज एवं जेके अस्पताल की हृदय रोग की ईकाई में इस तरह के 300 से अधिक बच्चों का उपचार किया जा चुका है।
Naveen Savita
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