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छग की बेरुखी के कारण अधर में लटके मप्र के पेंशनर्स

छग की बेरुखी के कारण अधर में लटके मप्र के पेंशनर्स
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वित्त मंत्री तरुण भानोत के प्रयास भी हुए नाकाम

प्रशासनिक संवाददाता भोपाल

मध्यप्रदेश के पेंशनर्स को एक बार फिर निराशा ही हाथ लगी है, इसका प्रमुख कारण छत्तीसगढ़ में पेंशनर्स के बढ़ते आक्रोश के कारण सरकार ने महंगाई भत्ता (डीए) बढ़ाना रहा है। इसके आदेश लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले ही जारी कर दिए गए है। आदेश के अनुसार, सरकार ने एक जनवरी 2018 से दो प्रतिशत बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दिया। वित्त मंत्री तरुण भनोट द्वारा पत्र लिखे जाने पर भी अब तक छत्तीसगढ़ सरकार ने मध्यप्रदेश में इसकी सहमति नही दी है। जिसके कारण पेंशनर्स में सरकार के प्रति आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। अब लोकसभा चुनाव के बाद ही इस पर कोई निर्णय हो पाएगा। चुनाव से पहले यह कदम सरकार को भारी पडऩे वाला है। पेंशनर्स इसको लेकर धमकी भी दे चुके है।

अधर में लटके मप्र के पेंशनर्स

मध्यप्रदेश में सरकार ने हाल ही में कर्मचारियों को वृद्धि के साथ नौ प्रतिशत महंगाई भत्ता देने का आदेश जारी किया है। इसका फायदा पेंशनर्स को नहीं मिल रहा है, क्योंकि छत्तीसगढ़ ने इस पर अभी तक सहमति नहीं दी है। बिना सहमति के दोनों सरकार कोई फैसला नहीं कर सकती हैं। जबकी छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने यहां दो प्रतिशत महंगाई भत्ता बढाने के आदेश आचार संहिता के पहले ही जारी कर दिए है।इसके लिए मध्यप्रदेश के वित्त विभाग ने छग सरकार को दो से तीन बार पत्र भी भेजे है।

सहमति आ गई तब भी नहीं बढ़ पाएगा महंगाई भत्ता

वित्तमंत्री तरुण भनोत के पत्र लिखने के बावजूद मध्यप्रदेश में इसकी सहमति देने की जगह छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने यहां के पेंशनर्स का महंगाई भत्ता दो प्रतिशत बढ़ा दिया। अब वहां एक जनवरी 2018 से पेंशनर्स को सात प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलेगा। हालांकि, यह भी दो प्रतिशत कम है क्योंकि कर्मचारियों को जुलाई 2018 का दो प्रतिशत महंगाई भत्ता भी दिया जा चुका है। जबकि मध्यप्रदेश के पेंशनर्स महंगाई भत्ता के मामले में राज्य कर्मचारियों से चार प्रतिशत पीछे चल रहे हैं। इसको लेकर पेंशनर्स एसोसिएशन सरकार को लोकसभा चुनाव में साथ न देने की चेतावनी भी दे चुकी है पर कोई निर्णय नहीं हो पा रहा है। वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अब यदि छत्तीसगढ़ सरकार से सहमति आ भी जाती है तो भी महंगाई भत्ता नहीं बढ़ पाएगा। इसके लिए चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होगी, जो शायद ही मिले, क्योंकि महंगाई भत्ता में वृद्धि का लाभ व्यक्तिगत मिलता है।

वित्तमंत्री ने लिखा था पत्र

मध्य प्रदेश के पेंशनर्स को 4 प्रतिशत महंगाई राहत का भुगतान करने के लिए वित्त मंत्री तरुण भनोट ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखा है। वित्त मंत्री ने अपने पत्र में कहा कि मध्यप्रदेश के पेंशनर्स का 1 जनवरी और 1 जुलाई 2018 से 22 प्रतिशत महंगाई राहत बकाया है। वित्तमंत्री ने कुल 4 प्रतिशत महंगाई राहत बढ़ाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की सहमति मांगी है। चूंकि मध्य प्रदेश के पेंशनर्स को 4 प्रतिशत महंगाई राहत देने के लिए छत्तीसगढ़ की सहमति जरुरी है। छत्तीसगढ़ सरकार ने अभी तक मध्य प्रदेश को पेंशनर्स का महंगाई भत्ता बढ़ाने की सहमति नहीं दी है। इसके कारण राज्य सरकार कोई फैसला नहीं ले पा रही है। प्रदेश के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता हाल में दो प्रतिशत बढ़ाकर 9 प्रतिशत कर दिया गया है। प्रदेश के करीब 4.64 लाख पेंशनर्स को इसका लाभ मिलना है।देरी के चलते पेंशनर्स में आक्रोश बढने लगा था।

यह है पेंच

पेंशनरों को बढ़े हुए महंगाई भत्ते को देने के लिए राज्य पुनर्गठन आयोग के नियमो के तहत छत्तीसगढ़ समेत मध्य प्रदेश राज्य को अपनी सहमति देनी होती है। वित्त मंत्री के मुताबिक छत्तीसगढ़ के साथ साथ मध्यप्रदेश ने भी इसकी स्वीकृति दे दी है। छत्तीसगढ़ में पेंशनरों को बढा हुआ महंगाई भत्ता के आदेश हो चुके हैं, ऐसे में मध्य प्रदेश में भी कोई परेशानी नही होनी चाहिए।

चेतावनी भी दे चुके है पेंशनर्स

दो दिन पहले ही कमलनाथ सरकार ने कर्मचारियों का दो प्रतिशत महंगाई भत्ता बढाकर नौ प्रतिशत करने के आदेश जारी किए थे, जबकि पेंशनर्स को अभी तक पांच प्रतिशत ही महंगाई भत्ता मिल रहा है। जिसके कारण पेंशनर्स में सरकार के प्रति आक्रोश व्याप्त हो गया है। पेंशनर्स एसोसिएशन ने सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा है कि बीते साल शिवराज सिंह ने मुख्यमंत्री निवास में हुई पेंशनर्स पंचायत में ऐलान किया था। इसके बाद भी वित्त विभाग ने खजाने की हालात का हवाला देते हुए इसे क्रियान्वित नहीं किया। पेंशनर्स ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का साथ इस उम्मीद के साथ दिया था कि उनके साथ न्याय होगा। वचन पत्र में भी पार्टी ने इसका जिक्र किया है। अब कांग्रेस सरकार बनने के बाद पेंशनर्स को उम्मीद थी कि लंबित महंगाई भत्ता के साथ सातवें वेतनमान के एरियर को लेकर भी सरकार फैसला करेगी लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ। जल्द इस पर फैसला ना लेने पर पेंशनर्स ने सरकार को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि जो पेंशनर्स के साथ नहीं, वे भी उनके साथ नहीं हैं। इसके बाद सरकार ने छत्तीसगढ़ सरकार को पत्र लिख मंहगाई भत्ता बढाने की सहमति मांगी है। लेकिन सरकार ने मध्यप्रदेश को लेकर अब तक कोई फैसला नही लिया है, जबकि छत्तीसगढ़ में दो प्रतिशत भत्ता बढ़ा दिया गया है।

बोले वित्त मंत्री नहीं होगा अन्याय


मध्यप्रदेश के पेंशनरों को बढे हुए महंगाई भत्ता (डीए) न मिलने पर उठ रहे सवालों पर वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया है कि छत्तीगढ़ राज्य की तरह मध्यप्रदेश के पेंशनरों को भी बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता मिलने मे कोई दिक्कत नही है। प्रदेश के पेंशनर्स के साथ किसी प्रकार का कोई अन्याय नही होगा।

Updated : 14 March 2019 3:15 PM GMT
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Naveen Savita

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