इन्वेस्टर समिट नहीं, अब होगी राउंड टेबल, सरकार के मुखिया कमलनाथ करेंगे उद्योगपतियों से चर्चा

राजनीतिक संवाददाता ♦ भोपाल
प्रदेश में उद्योग स्थापित करने के नाम पर इन्वेस्टर समिट पर भाजपा सरकार द्वारा खर्च किए गए करोड़ों रुपयों से हासिल कुछ नहीं हुआ। कमलनाथ सरकार पर भी उद्योग स्थापित करने और रोजगार देने का दबाव है। लेकिन नाथ सरकार ग्लोबल इन्वेस्टर समिट की बजाय राउंड टेबल मीटिंग करेगी। मुख्यमंत्री ग्लोबल इन्वेस्टर समिट करने से पहले चुनिंदा उद्योगपतियों के साथ बैठना चाहते हैं। उन्होंने 19 फरवरी को मंत्रालय में मीटिंग बुलाई है। इसमें प्रदेश के औद्योगिक संस्थानों को चलाने वाले उद्योगपतियों को भी आमंत्रित किया गया है। कमलनाथ जानना चाहते हैं कि सरकार से उन्हें किस तरह की सुविधाएं मिल रही हैं। उनकी परेशानियां क्या हैं। वे उद्योगों के विस्तार पर भी बात करेंगे।
भाजपा ने कराई 5 समिट
भाजपा सरकार के समय उद्योगपतियों से निवेश कराने के लिए पांच इन्वेस्टर समिट का आयोजन हुआ था। यह पहला मौका है जब निवेशकों के साथ राउंड टेबल मीटिंग होगी। इसमें निवेश का रोडमैप भी फाइनल होगा। इसके तहत केवल उन उद्योगपतियों से अनुबंध किए जाएंगे, जो बड़े निवेश करके रोजगार दे सकें। मुख्यमंत्री ने निवेश और रोजगार को अपनी प्राथमिकता में रखा है। स्वयं उद्योगपति रहने के नाते कई उद्योगपतियों से उनका सीधा संवाद है। उन्होंने कई उद्योगपतियों से टेलीफोन पर बात करके निवेश की प्रारंभिक कार्ययोजना भी तैयार की है। इसके बाद राउंड टेबल मीटिंग में प्रदेश के चुनिंदा और देश के कुछ बड़े उद्योगपतियों को भी आमंत्रित किया है।
भाजपा की समिट का यह रहा हाल
भाजपा सरकार में 2007 से 2016 तक हुई पांच इन्वेस्टर्स समिट में से तीन इंदौर में और एक-एक ग्वालियर व खजुराहो में आयोजित की गईं। हर दूसरे साल यह समिट होती थी। इन समिट में देश-विदेश के सैकड़ों उद्योगपति शामिल हुए। इनमें कुल 20.24 लाख करोड़ रुपए के निवेश के करार हुए, लेकिन उद्योग लगाने के ये करार हकीकत में तब्दील नहीं हो सके। चंद उद्योगपतियों ने ही निवेश किया। प्रदेश को सबसे अधिक कृषि आधारित खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की थी, लेकिन पॉवर, सीमेंट, आइटी, ऑटोमोबाइल सहित अन्य मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में निवेश हुआ। वर्ष 2016 की इंवेस्टर्स समिट में 25 देशों के राजदूत सहित 42 देशों के 4000 निवेशक शामिल हुए। जबकि, दक्षिण अफ्रीका, मेक्सिको, चेक रिपब्लिक, कनाडा, सिंगापुर और फ्रांस पार्टनर देशों की हैसियत से शामिल हुए।
सिर्फ निवेश की घोषणा नहीं काम भी होगा: कमलनाथ
कमलनाथ कह चुके हैं कि निवेश की केवल घोषणा नहीं होगी, बल्कि ठोस काम होगा। दोवास से लौटने पर भी कमलनाथ ने यही कहा था, कि फरवरी में पता चलेगा कि मध्यप्रदेश में कितना निवेश आया। इसके तहत इस बैठक के बाद निवेश को लेकर बड़ा कदम उठ सकता है। कमलनाथ ने निवेश को लेकर नौकरशाही को तैयार रहने के लिए कह दिया है। इसके तहत पिछली सरकार की तरह औपचारिक सिंगल विंडो की बजाए व्यावहारिक रूप से सिंगल विंडो पर काम होगा। उद्योगपतियों को सारी मंजूरियां आसानी से तय समयावधि में मिलेंगी।
ये उद्योगपति करेंगे नाथ से चर्चा
अनुराग श्रीवास्तव, नेटलिंक, अभय फिरोदिया, फोर्स मोटर्स, अजय पिरामल, पिरामल इंटरप्राइजेस, अतुल पुंज, पुंज कंपनी, अशीष भरतराम, एसआरएफ, दिनेश पाटीदार, शक्ति पंप, दिनेश मुनोत, स्टीरिंग गियर इंडिया, सुधीर अग्रवाल, सागर मैन्युफैक्चरिंग, शिवानी नाडकर्णी, थिंक फार्मा, मिहिर विरानी, बालाजी वॉटर्स, रवि झुनझुनवाला, एचईजी, विनीत मित्तल, वेलस्पून एनर्जी, वीके अरोरा, एलटी फूड्स, सुधीर धिंगोरिया, ओरिएंट क्राफ्ट, मार्क जराउल्ट, लैप इंडिया, संजीव कालरा, दीपक फास्टेनर्स, श्रेयस्कर चौधरी, प्रतिभा सायनटेक्स, संजय मेहता, मोथेरसन सूमी सिस्टम, केआर गुप्ता, ल्यूपिन कंपनी, आरएस जौहर, जमना ऑटो इंडिया।
