मध्यप्रदेश पुलिस के लिए DGP का नया आदेश: MPs और MLAs को करना होगा सैल्यूट...

MPs और MLAs को करना होगा सैल्यूट...
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भोपाल। मध्य प्रदेश में अब पुलिसकर्मियों को नेताओं को सैल्यूट करना अनिवार्य कर दिया गया है। राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) कैलाश मकवाना ने इस संबंध में एक सख्त और स्पष्ट आदेश जारी करते हुए कहा है कि सांसदों और विधायकों (MPs और MLAs) के साथ शिष्टाचार में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। चाहे वो किसी सरकारी आयोजन में शामिल हों या थाने का दौरा करें, उन्हें सम्मानपूर्वक सलाम करना अब हर पुलिसकर्मी का कर्तव्य होगा।


DGP के आदेश की खास बातें:

- MPs और MLAs को हर आयोजन या थाने में आने पर पुलिसकर्मी सैल्यूट करेंगे।

- पुलिस अधिकारी यदि वर्दी में हैं और जनप्रतिनिधि सामने हैं, तो सैल्यूट देना जरूरी होगा।

- जनप्रतिनिधियों के पत्रों का समय पर जवाब देना, वो भी संबंधित अधिकारी के हस्ताक्षर के साथ, अब आवश्यक होगा।

- थाने या कार्यालय में अगर कोई विधायक या सांसद आए, तो उनसे प्राथमिकता के आधार पर मिलें और समस्या सुनें।

- फोन पर भी बात हो तो सौम्यता से पेश आएं और उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुनें।

इस आदेश को लेकर चर्चाएं इसलिए भी तेज हो गई हैं क्योंकि हाल ही में मध्यप्रदेश के कई जिलों में पुलिस अधिकारियों और विधायकों के बीच टकराव की स्थिति सामने आई है। कटनी में विधायक संदीप जायसवाल और एसपी अभिजीत राजन के बीच तनाव की खबरें आईं, वहीं मऊगंज में विधायक प्रदीप पटेल को लेकर एक टीआई की टिप्पणी ने विवाद खड़ा कर दिया। नर्मदापुरम के वरिष्ठ विधायक सीताशरण शर्मा ने भी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोला, जबकि पिचौर के विधायक प्रीतम लोधी और शिवपुरी एसपी अमन सिंह राठौर के बीच भी टकराव की स्थिति बनी रही। इन लगातार बढ़ते विवादों के मद्देनजर ही डीजीपी ने यह सख्त आदेश जारी कर स्पष्ट किया कि जनप्रतिनिधियों के साथ सम्मानजनक व्यवहार हर हाल में सुनिश्चित किया जाए।

पहले भी जारी हो चुके हैं आदेश:

DGP मकवाना ने अपने आदेश में 2004 से लेकर 2022 तक सरकार द्वारा जारी किए गए 8 परिपत्रों का भी उल्लेख किया है, जो जनप्रतिनिधियों के सम्मान और व्यवहार को लेकर थे। अब इन्हें एक बार फिर सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।

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