एमपी में सरकारी कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले, अब 1000000 तक ​इलाज का मिलेगा कैशलेस

एमपी में सरकारी कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले, अब 1000000 तक ​इलाज का मिलेगा कैशलेस
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एमपी सरकार अपने कर्मचारियों के लिए नए साल की शुरूआत में बड़ा तोहफा दे सकती है। करीब 15 लाख से अधिक कर्मचारियों को आयुष्मान जैसी स्वास्थ्य सुविधा देने की तैयारी कर रही है।

भोपालः मध्यप्रदेश के लाखों अधिका​री और कर्मचारियों को नए साल में बड़ी खुशखबरी मिलने जा रही है। साल 2026 के प्रारंभ में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की सरकार प्रदेश के कर्मचारियों के लिए आयुष्मान भारत की तर्ज पर एक भव्य स्वास्थ्य सुविधा योजना शुरू करने वाली है। इसमें अधिकारी, कर्मचारी और पेंशनभोगी शामिल होंगे। इस प्रस्तावित योजना के तहत अब गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए कर्मचारियों को 10 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज उपलब्ध कराया जाएगा।

वर्तमान में एमपी के कर्मचारी पहले खुद इलाज का खर्च उठाते हैं और बाद में विभाग से रिइंबर्समेंट के लिए आवेदन करते हैं। इस प्रोसेस में कई बार पूरा पैसा वापस नहीं मिल पाता है। लेकिन, नई व्यवस्था में हरियाणा और राजस्थान की तरह अस्पताल में सीधे कार्ड के जरिए इलाज होगा।

किन बीमारी पर कितना मिलेगा कवर

इसमें सामान्य बीमारियों के लिए 5 लाख और गंभीर स्थितियों में 10 लाख रुपये तक का कवर मिलेगा। इस योजना का लाभ उठाने वाले लाभार्थियों की कुल संख्या संभावित 15 लाख से अधिक है। आंकड़ों के अनुसार, इसमें लगभग 7.5 लाख नियमित कर्मचारी, 2.5 लाख संविदा कर्मचारी और करीब 5 लाख पेंशनभोगी शामिल हो सकते हैं।

ग्राउंड लेवल वाले कर्मचारी भी होंगे शामिल

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पंचायत सचिव, ग्राम रोजगार सहायक और कोटवार जैसे मैदानी अमले को भी इसमें कवर किया जा रहा है। योजना के संचालन के लिए कर्मचारियों के वेतन और पेंशन से 250 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक का मासिक अंशदान लिया जाएगा। वहीं, बाकी का बड़ा हिस्सा सरकार वहन करेगी। कर्मचारी संगठनों की लंबे समय से चली आ रही इस मांग को अब कैबिनेट की मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इससे प्रदेश के लाखों परिवारों को स्वास्थ्य सुरक्षा की बड़ी गारंटी मिलेगी।

प्रमोशन में आरक्षण पर क्या है स्थिति

प्रमोशन में आरक्षण के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने बताया है कि प्रदेश में कुल 9.50 लाख पद स्वीकृत हैं। इनमें 6 लाख 45 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार करीब साढ़े 4 लाख पेंशनर्स हैं। वहीं, प्रदेश में संविदा अधिकारी कर्मचारियों की संख्या देखी जाये तो करीब 2 से ढाई लाख है।

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