5 जिलों में एसपी रहे मयंक अवस्थी की मुश्किलें बढ़ीं: उच्च न्यायालय के निर्देश पर होगी विभागीय जांच…

उच्च न्यायालय के निर्देश पर होगी विभागीय जांच…
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अवस्थी को 5 लाख रुपए क्षतिपूर्ति जमा करने के आदेश

भोपाल। पुलिस मुख्यालय में पदस्थ 2012 बैच के आईपीएस मयंक अवस्थी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। मप्र उच्च न्यायालय की ग्वालियर बेंच ने हत्या के एक प्रकरण में आरोपी को झूठा फंसाने और कॉल डिटेल नष्ट करने के मामले में मयंक अवस्थी के खिलाफ विभागीय जांच और अवमानना की कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

अवस्थी पिछली सरकारों के समय अलग-अलग पांच जिलों के पुलिस अधीक्षक रहे हैं। एक बार फिर उनका नाम मैदानी पदस्थापना के लिए चर्चा में है। न्यायालय ने अवस्थी को 5 लाख रुपए क्षतिपूर्ति जमा करने के आदेश भी दिए हैं।

न्यायालय ने पुलिस महानिदेशक को कार्रवाई करने को कहा है। अवस्थी ने दतिया पुलिस अधीक्षक रहते ट्रायल न्यायालय को झूठी जानकारी दी कि रिकॉर्ड सुरक्षित रखा गया है, जबकि बाद में पुलिस ने कहा कि रिकॉर्ड सुरक्षित करना भूल गए।

इसको लेकर आरोपी ने उच्च न्यायालय में शरण ली। आरोपी मानवेंद्र सिंह ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर बताया कि पुलिस ने झूठा फंसाया और जरूरी मोबाइल डाटा नष्ट कर दिया गया। जांच में सामने आया कि 17 सितंबर 2018 को रिकॉर्ड सुरक्षित रखने संबंधी जानकारी एसपी को भेज दी गई थी, फिर भी कोर्ट को गलत जानकारी दी गई।

उच्च न्यायालय ने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक से पूछा कि क्या ऐसे अधिकारी विभाग में बने रहने योग्य हैं और उन्हें मैदानी पदस्थापना दी जा सकती है? यह राशि व्यक्तिगत तौर पर देनी होगी। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव गृह जेएन कंसोटिया ने बताया कि अभी राज्य शासन को उच्च न्यायालय का इस संबंध में कोई आदेश नहीं मिला है।

इन जिलों में रहे हैं पुलिस अधीक्षक

आईपीएस मयंक अवस्थी 13 साल की नौकरी में प्रदेश के कटनी, खरगोन, दतिया, पन्ना और सीहोर जिले में पुलिस अधीक्षक रहे हैं। राज्य शासन ने उन्हें पिछले साल अक्टूबर में सीहोर से हटाकर पुलिस मुख्यालय पदस्थ किया था। वे फिलहाल गुप्तवार्ता में सहायक पुलिस महानिरीक्षक हैं।

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