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मप्र में महिला दिवस पर लव जिहाद के खिलाफ विधानसभा में कानून पारित

मप्र में महिला दिवस पर लव जिहाद के खिलाफ विधानसभा में कानून पारित
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भोपाल। महिला दिवस के अवसर पर प्रदेश की विधानसभा में आज लव जिहाद के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा बनाया गया धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2021 पारित हो गया। इस दौरान भाजपा विधायकों ने सदन में जय श्रीराम के नारे भी लगाए। इस दौरान सदन का संचालन एक महिला सदस्य द्वारा किया गया। आसंदी पर कांग्रेस विधायक झूमा सोलंकी बैठी हुई थीं।

कांग्रेस विधायक गोविन्द सिंह ने कहा कि लव जिहाद के खिलाफ विधेयक का कोई मतलब नहीं है। इससे जीवन दूभर हो जाएगा। इसमें धोखाधड़ी और धर्म परिवर्तन के लिए जो धाराएं लगाई गई हैं, इनका संविधान में पहले ही प्रावधान है। यूपी और उत्तराखंड की नकल कर नरोत्तम मिश्रा यह विधेयक प्रदेश में पारित करना चाहते हैं। इस तरह के कानूनों से व्यक्तिगत स्वतंत्रता और धर्म चुनने का अधिकार बाधित होता है।

हिना कांवरे ने पूछा सवाल

वहीं, कांग्रेस विधायक हिना कांवरे ने सरकार से इस विधेयक को लाने का कारण पूछा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऐसे कितने मामले सामने आए हैं कि यह विधेयक लाना पड़ा? पहले से कानून है तो इसकी जरूरत क्यों महसूस हुई? युवाओं को रोजगार मिलेगा तो कानून तो इस कानून में संसोधन की जरूरत नहीं होगी। इसके बाद कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना ने सरकार से पूछा कि यह विधेयक क्यों लाया गया है, क्या विधेयक डराने और धमकाने के लिए लाया गया है?

विधेयक जन सामान्य की आवाज -

इस पर भाजपा विधायक यशपाल सिंह सिसोसिया ने कहा कि यह विधेयक जन सामान्य की आवाज है। सदन में चर्चा के लिए तो यह आज आया है, लेकिन कस्बों, गांवों में व्यापक चर्चा पहले से ही रही है। बेटी को हम बचाने की बात करते हैं, यह उसी का हिस्सा है। इसमें एक वर्ग विशेष का कहीं कोई उल्लेख नहीं है। वहीं, भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि इसका सबसे ज्यादा नुकसान आदिवासी को है, जहां सबसे ज्यादा धर्म परिवर्तन करके योजनाओं का लाभ लिया जाता है।

ये है विधेयक -

उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश सरकार ने लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश के माध्यम से 9 जनवरी 2021 को धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2021 राज्य में 6 माह की अवधि के लिए लागू किया था। इस कानून में प्रलोभन देकर, बहलाकर, बलपूर्वक या मतांतरण करवाकर विवाह करने या करवाने वाले को एक से 10 साल के कारावास और अधिकतम एक लाख रुपये तक से दंडित करने का प्रावधान है। इस कानून के लागू होने के बाद से लेकर अब तक प्रदेश में 23 मामले दर्ज हो चुके हैं। इनमें भोपाल संभाग में सात, इंदौर में पांच, जबलपुर व रीवा में चार-चार और ग्वालियर में तीन मामले दर्ज हुए हैं।


Updated : 12 Oct 2021 10:52 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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