मुख्यमंत्री आवास पर बनी केवट जयंती, कहा - समाज की उन्नति में नहीं छोड़ी जाएगी कोई कसर
शासकीय तालाब और जल-संरचनाओं पर पहला हक मछुआरों का है
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भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भगवान श्रीराम और मैया सीता को निषादराज केवट ने गंगा पार लगाया था। केवट की श्रीराम के प्रति असीम श्रद्धा और भक्ति थी। निषादराज भारतीय समाज के लिए भगवान से कम नहीं है। केवट समाज सरल, मेहनती और साहसी समाज है। केवट समाज ने आजादी की लड़ाई में अंग्रेजों को धूल चटा दी थी। उन्होंने कहा कि केवट समाज की प्रगति विकास और उन्नति में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। मिलकर सब साथ चलेंगे। पूरी ताकत से आगे बढ़ेंगे।
मुख्यमंत्री चौहान सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर केवट जयंती कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष सीताराम बाथम, पिंटू केवट, राकेश बाथम, प्रेमलाल वर्मन, राजू बाथम, महेश केवट सहित अन्य पदाधिकारी और समाज के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
पहला हक मछुआरों का है
मुख्यमंत्री ने कहा कि शासकीय तालाब और जल-संरचनाओं पर पहला हक मछुआरों का है। दबंगों से तालाबों का कब्जा वापस लेकर मछुआरों को दिया जाएगा। प्रदेश में अभियान चला कर केवट समाज को कब्जा देने का कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि समिति बना कर शासकीय सेवा के लिए जाति प्रमाण-पत्र की विसंगति दूर करेंगे। शासकीय सेवा में जो कर्मचारी हैं, उन्हें सेवा से बाहर नहीं किया जाएगा। जहाँ केवट समाज की बहुलता है वहाँ निषादराज स्मारक, भवन बनाएंगे एवं मूर्तियाँ लगाई जाएंगी।
5 प्रतिशत सीट्स रिजर्व
उन्होंने कहा कि केवट समाज के युवाओं को परम्परागत व्यवसाय के अलावा दूसरे व्यवसायों में भी आगे आने की कोशिश करनी चाहिए। मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना में काम-धंधे के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी हिन्दी में की जा रही है, जिससे हमारे बच्चे अंग्रेजी के कारण पीछे न रह जाएँ। सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए मेडिकल की सीटों में 5 प्रतिशत सीट्स रिजर्व कर दी गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि लाड़ली बहना योजना में बहनों के खातों में 1000 रूपए हर महीने डाले जाएंगे।
स्वदेश डेस्क
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