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कांग्रेस का दामन थामने तैयार हैं कन्हैया?

कांग्रेस का दामन थामने तैयार हैं कन्हैया?
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भोपाल। मध्यप्रदेश के राजनीतिक अखाड़े में उपचुनाव की दस्तक के साथ हर रोज अलग-अलग राजनीतिक समीकरण अस्तित्व में आते दिखाई दे रहे हैं, और इस बार उपचुनाव में जो सबसे अहम कड़ी के तौर पर नजर आ रहा है वह है दलबदल। जिस तरह कांग्रेस में व्यापक स्तर पर टूट के बाद प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी, अब कांग्रेस भी इसी रास्ते पर चलकर अपनी खाली जगह को भरने की कोशिश में जुटी हुई है, और इस कड़ी में गुना जिले से संभावित हेरफेर की एक अहम खबर सामने आ रही है।इसके तहत कभी समाजवादी विचारधारा यानि जनता दल से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत करते हुए दलबदल कर भाजपा सरकार में मंत्री रहे कन्हैया लाल अग्रवाल ने अपने बागी तेवर दिखाने शुरु कर दिए हैं। उनका कहना है कि भाजपा में मेरे साथ अन्याय हुआ, लेकिन बस अब बहुत हुआ। खुद कन्हैया लाल अग्रवाल का दावा है कि यदि कांग्रेस ने उनकी शर्तें मान लीं, तो वह बामौरी से उप चुनाव के रण में उतरेंगे, अग्रवाल का दावा है, कि इस बार कांग्रेस के नेता उन्हें लेकर काफी गंभीर है और उन्हें विधानसभा का टिकट मिल सकता है, इस स्थिति में वो कांग्रेस का दामन थामने में कतई देर नहीं लगाएंगे। कौन है कन्हैया लाल अग्रवाल ?

दरअसल कन्हैया लाल अग्रवाल भाजपा के बागी है, जिन्हें 2018 में पार्टी ने बामोरी विधानसभा सीट से टिकट नहीं दिया था। 2008 में इस सीट से जीतकर वह 20 दिसम्बर 2008 से 2013 तक शिवराज सरकार में मंत्री रह चुके हैं, लेकिन इस बार टिकट न मिलने से नाराज होकर वह निर्दलीय मैदान में उतरे, और बिना किसी दल के बैनर के वह तीसरे नंबर पर रहे। क्षेत्र में उनकी पकड़ को देखते हुए, अब कांग्रेस उनकी तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ा रही है, हालांकि कांग्रेस से टिकट के लिए वह काफी जद्दोजहद कर चुके हैं, और 2018 में वह सिंधिया के साथ मंच भी साझा कर चुके हैं, लेकिन फिलहाल कांग्रेस के गुण गा रहे अग्रवाल अब सिंधिया पर भी निशाना साधने से नहीं चूक रहे हैं ।

कन्हैया लाल अग्रवाल से "स्वदेश" की बातचीत के कुछ खास अंश-

सवाल- क्या माना जाए, कि आपने कांग्रेस में जाने का पूरा मन बना लिया है ?

जवाब- नहीं, पूरा मन अभी नहीं बना है, अभी सिर्फ कांग्रेस के नेताओं से मेरी सतही बातचीत चल रही है। मैंने कांग्रेस के सामने बामोरी विधानसभा सीट से टिकट की मांग के साथ कुछ शर्तें रखी हैं, अगर मेरी यह मांग पूरी होती है, तो मैं जरूर कांग्रेस में शामिल होऊंगा, और पार्टी को इस क्षेत्र में दावे के साथ जीत दिलाऊंगा।

सवाल- आपकी कांग्रेस के किन-किन नेताओं से बात चल रही है ?

जवाब- इस विषय में फिलहाल में कुछ भी नहीं बताऊंगा, लेकिन मेरी मांग को लेकर पार्टी काफी गंभीर है और मुझे लग रहा है, कि जिस स्थिति में वो अभी है, ऐसे में उसे मजबूत चेहरों की जरूरत है और वह मुझे मौका जरूर देगी।

सवाल- क्या भाजपा की तरफ से आपको मनाने कोई आया ?

जवाब- भाजपा और कांग्रेस दोनों ही नेता मुझसे लगातार मिलते रहते हैं, और मुझे उनसे मिलने में कभी कोई समस्या नहीं आई। लेकिन रही बात भाजपा की तरफ से मुझे मनाने की, तो शिवराज सिंह जी चौहान के इर्दगिर्द रहने वाले नेताओं के झुंड के कारण ही मुझे 2018 में मौका नहीं मिल सका, फिलहाल मैं भाजपा को लेकर ज्यादा गंभीर नहीं हूं।

सवाल- अगर कांग्रेस ने मौका नहीं दिया, तो क्या निर्दलीय या किसी और दल के साथ मैदान में जाएंगे?

जवाब- जैसा कि मैंने बताया, कि कांग्रेस इस बार मुझे लेकर काफी गंभीर नजर आ रही है, ऐसे में इस बात की संभावना काफी कम है, कि वह मुझे मौका नहीं देगी। लेकिन अगर ऐसा होता है, तो मैं निर्दलीय तो बिल्कुल भी मैदान में नहीं जाऊंगा। रही बात किसी दूसरे दल की, तो उसके लिए सोचने के लिए अभी काफी समय है।

सवाल- सिंधिया के साथ 22 कांग्रेस विधायकों के दलबदल को कैसे देखते हैं ?

जवाब- यह सवाल आप मुझसे ही नहीं, बल्कि किसी से भी पूछे, कोई भी इसे सही नहीं कहेगा। हर कोई इस पर सवाल खड़ा करेगा। यह सीधे तौर पर प्रजातंत्र के मूल्यों पर चोट है। अगर हमें जनता नहीं जिता रही, तो हम विधायकों को खरीद कर जीत जाएं। यह तानाशाही का दूसरा रूप है, मैं इसका विरोध करता हूं।

Updated : 5 Jun 2020 9:28 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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