'आधार' के लिए घंटों की कतार: राजधानी में ही सुबह 6 बजे से शुरू हो जाती है लाइन, छोटे जिलों में हालात और खराब, दूरदराज के क्षेत्रों में केंद्र बंद…

विशेष संवाददाता, भोपाल। भारत में रहने और सरकारी सुविधाओं का लाभ लेने का सबसे बड़ा हथियार 'आधार' है। 'आधार' के बिना स्कूल, कॉलेज में प्रवेश लेने से लेकर, वित्तीय संस्थाओं में खाते खुलवाना और सरकारी सुविधाएं लेना संभव नहीं है।
लेकिन इन दिनों प्रदेश में आधार केंद्रों के बाहर लंबी-लंबी कतारें लोगों को काफी परेशान कर रही हैं। इसके कई कारण हैं लेकिन मुख्य कारण आधार केंद्र और मशीनों की कम संख्या होना है। जिला मुख्यालयों पर ही ग्राहक सेवा केंद्र (सीएससी) के भरोसे ही आधार सेवा है। अधिक भीड़ होने की वजह से अवैध वसूली के मामले भी जिला प्रशासन तक पहुंच रहे हैं।
'स्वदेश' संवाददाता ने पिछले दिनों में राजधानी समेत अन्य जिलों के आधार केंद्र एवं सीएससी पर पहुंचकर स्थिति को देखा। राजधानी के आशिमा मॉल और एमपी नगर जोन एक स्थित आधार केंद्र यूआईडीएआई द्वारा संचालित हो रहे हैं। इन केंद्रों पर आधार बनवाने, अपडेट कराने के लिए 4 से 6 घंटे तक इंतजार करना पड़ता है। सबसे ज्यादा समय ऑशिमा मॉल केंद्र पर लगता है। यहां केंद्र खुलने से पहले ही कतार लगना शुरू हो जाती है।
छोटे जिलों की स्थिति ज्यादा खराब
'आधार' अपडेशन एवं बनवाने को लेकर छोटे जिलों में स्थिति ज्यादा खराब है। जिला मुख्यालयों पर 2 या 3 केंद्र ही संचालित हैं। शिवपुरी, श्योपुर, निमाड़ी, दमोह, पन्ना, रायसेन, उमरिया, शहडोल, मंडला, बालाघाट जैसे जिलों में केंद्रों के साथ-साथ मशीनों की संख्या भी कम है। भोपाल, इंदौर के आधार केंद्रों पर छोटे जिलों से भी लोग पहुंच रहे हैं।
एक मशीन से 70 प्रकरण निपटते हैं
एक आधार मशीन से दिनभर में अधिकतम 70 प्रकरण निपटते हैं। मप्र में 'स्वान' के नेटवर्क पर मशीनें संचालित होती हैं। सुबह 9 से पहले या शाम को 6:30 के बाद आधार अपडेट करने पर संचालक की आईडी ब्लैकलिस्ट होने का खतरा रहता है। चूंकि आधार राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मसला है, इसलिए आधार पंजीकरण से लेकर अपडेशन तक सुरक्षा मानकों का ध्यान रखा जा रहा है।
छोटे-छोटे बच्चे भी लाइनों में खड़े
आधार केंद्रों पर सबसे ज्यादा छोटे बच्चों के मामले आ रहे हैं। जिसमें 5 साल से अधिक उम्र पर बायोमैट्रिक अपडेट कराना अनिवार्य होता है। साथ ही शिक्षा मंत्रालय ने विद्यार्थियों के लिए अपार आईडी को अनिवार्य कर दिया है। अपार आईडी, आधार से बनती है। बच्चों को लेकर परिजन आधार केंद्र पहुंच रहे हैं। उन्हें घंटों लाइन में खड़े होना पड़ता है।
ये हैं परेशानी के मुख्य कारण
- कोराना से पहले बैंक, पोस्ट ऑफिस समेत अन्य संस्थाओं में जो केंद्र खोले गए थे, वे धीरे-धीरे बंद हो गए हैं।
- सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार अनिवार्य है। लेकिन ई-केवायसी कराने पर आधार से नाम, उपनाम मैच नहीं हो रहे।
- कुछ मामलों में जन्मतिथि, पता एवं मोबाइल फोन नंबर बदलवाने भी आधार केंद्र पहुंचाना पड़ता है।
- कई मामलों में अभिभावक बच्चों के एक से अधिक जन्म प्रमाण पत्र बनवा लेेते हैं।
- ग्रामीण क्षेत्र में आधार केंद्रों का ढांचा नहीं है।
इनका कहना है -
“वैसे तो मशीनों की संख्या पर्याप्त है, रही बात घंटों लाइन की तो इस संबंध में यूआईडीआईए से दिल्ली बात करता हूं। कहीं सर्वर की समस्या तो नहीं है।” - आशीष वशिष्ठ, एमडी, मप्र राज्य इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम
