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धार में निर्माणाधीन बांध को बचाने के लिए सेना ने संभाला मोर्चा, साइड से बनाई जा रही नहरें

धार में निर्माणाधीन बांध को बचाने के लिए सेना ने संभाला मोर्चा, साइड से बनाई जा रही नहरें
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धार। मप्र के धार जिले में धरमपुरी स्थित कारम नदी पर निर्माणाधीन बांध में रिसाव और मिट्टी धसने से उत्पन्न खतरे को देखते हुए 18 गांवों को खाली कराकर रहवासियों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। बांध को बचाने के लिए जल संसाधन विभाग लगातार काम कर रहा है और अब सेना के जवान भी मौके पर पहुंच गए हैं और बांध को बचाने के लिए मोर्चा संभाल लिया है। सेना के जवानों का शुक्रवार रात 2 बजे धार पहुंचना शुरू हुआ था और शनिवार सुबह 9.30 बजे तक 40 जवान यहां पहुंच चुके हैं।

बता दें कि कारम नदी पर कोठीदा-भारुडपुरा गांव के पास 590 मीटर लंबे और 52 मीटर ऊंचे मिट्टी के बांध का निर्माण जल संसाधन विभाग ने दिल्ली की एएमएस कंस्ट्रक्शन कंपनी से कराया है। इसका 75 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। अब तब 174 करोड़ रुपये व्यय हो चुके हैं। इसमें गुरुवार दोपहर को रिसाव शुरू हुआ। इससे बांध को नुकसान की आशंका को देखते हुए जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने रिसाव को बंद कराने का काम किया, लेकिन शुक्रवार को मिट्टी धस गई। इससे बांध के टूटने का खतरा पैदा हो गया। इसके बाद आसपास के गांवों को शिफ्ट कराने का काम शुरू किया गया।

गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा ने बताया कि डैम को लेकर एक शुक्रवार को हाईलेवल मीटिंग मंत्रालय में बुलाई गई थी। इसमें सेना की मदद लेने का फैसला लिया गया था। सेना के जवान मौके पर पहुंच गए हैं। एनडीआरएफ टीमें भी रवाना की गई हैं। हर टीम में 30 से 35 ट्रेंड जवान शामिल हैं। वहीं, शनिवार सुबह 8.00 बजे जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट और उद्योग संवर्धन मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव भी मौके पर पहुंचे और बांध पर चल रहे कार्यों का जायजा लिया।

जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने बताया कि विशेषज्ञों की जांच समिति गठित कर दी गई है। जल्द रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। लापरवाही पाए जाने पर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। रातभर बांध के बाईं तरफ पहाड़ से करीब पानी निकालने के लिए खुदाई होती रही। काम जारी है। स्थिति नियंत्रण में है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर यहां कैंप किए हुए हैं। संभागायुक्त डॉक्टर पवन शर्मा ने खरगोन कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम और दूसरे अधिकारियों के साथ आज तड़के 4 बजे तक ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।

बता दें कि धार के भरुडपुरा और कोठीदा गांवों के बीच कारम नदी पर बनाए जा रहे डैम में गुरुवार से लीकेज के बाद पानी का रिसाव शुरू हुआ था। शुक्रवार सुबह बांध के एक तरफ की मिट्टी बह गई। इससे डैम की वॉल का बड़ा हिस्सा ढह गया। इसके बाद खतरे के मद्देनजर प्रशासन ने डैम के आसपास के 18 गांव खाली करा लिए। इनमें धार जिले के 12 और खरगोन के 6 गांव शामिल हैं। इससे करीब 40 हजार लोग प्रभावित हुए हैं। डैम से प्रभावित होने वाले गांवों में धारा 144 लगा दी गई है। वहीं, डैम का पानी जिस नदी में जाएगा, उस पर आगरा-मुंबई नेशनल हाईवे-3 का पुल है। हाईवे पर ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए प्रशासन की टीम तैनात है। वाहनों की आवाजाही कम कर दी गई है। डैम क्षेत्र से 4 किलोमीटर दूर आगरा-मुंबई हाईवे को मानपुर से लेकर खलघाट तक डायवर्ट कर दिया गया है।

Updated : 13 Aug 2022 2:56 PM GMT
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स्वदेश डेस्क

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