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Sehore : बोरवेल में गिरी 3 साल की बच्ची, 18 घंटे से रेस्क्यू जारी, सेना ने संभाला मोर्चा

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बच्ची को निकालने के प्रयास लगातार जारी हैं

Sehore : बोरवेल में गिरी 3 साल की  बच्ची,  18 घंटे से रेस्क्यू जारी, सेना ने संभाला मोर्चा
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सीहोर/वेबडेस्क। मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में मंगलवार दोपहर 1.00 बजे बोरवेल के खुले गड्ढे में गिरी ढाई साल की बच्ची को निकालने के लिए बीते 22 घंटों से बचाव अभियान जारी है। 10 से ज्यादा जेसीबी और पोकलेन की मदद से पांच फीट दूरी पर समानांतर गड्ढा खोदा जा रहा है। बच्ची 300 फीट गहरे बोरवेल में 29 फीट नीचे फंसी हुई थी। बुधवार दोपहर 12.00 बजे तक 32 फीट ही खुदाई हो चुकी है लेकिन खुदाई के दौरान बाइब्रेशन होने के कारण बच्ची खिसककर 50 फीट पर नीचे जा पहुंची है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी हालात पर नजर रखते हुए लगातार अपडेट ले रहे हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि बच्ची को निकालने के प्रयास लगातार जारी है लेकिन खोदते समय बाइब्रेशन के कारण वह नीचे खिसक गई है। हमने आर्मी को कॉल कर मौके पर भेजा है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ पहले से काम कर रही है। हमारा पूरा प्रयास है कि बच्ची को सुरक्षित निकाल लिया जाए।

एसडीएम अमन मिश्रा ने बताया कि मंगलवार दोपहर में जिले के ग्राम मुंगावली निवासी राहुल कुशवाह की ढाई साल की पुत्री सृष्टि पास के खेत में खेलते समय खुले बोरवेल के गड्ढे में गिर गई थी। इसकी सूचना मिलते ही जिला प्रशासन ने युद्धस्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। उन्होंने बताया कि बोरवेल के अंदर पाइप के जरिए ऑक्सीजन पहुंचाया जा रही है। एंबुलेंस सहित अन्य आवश्यक उपकरण घटनास्थल पर उपलब्ध हैं। प्रभारी कलेक्टर आशीष तिवारी, एसपी मयंक अवस्थी, डीआईजी मोनिका शुक्ला सहित अन्य अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद हैं। बच्ची को बाहर निकालने के लिए पुलिस, प्रशासन व एनडीआरएफ का अमला जुटा हुआ है। मुख्यमंत्री चौहान के निर्देश पर अब आर्मी को भी रेस्क्यू के लिए बुला लिया गया है। फिलहाल आर्मी के कुछ अधिकारी ही मौके पर पहुंचे हैं। जल्द ही उनकी पूरी टीम यहां होगी और बचाव कार्य को गति मिलेगी।

जिला पंचायत सीईओ आशीष तिवारी का कहना है कि बच्ची में मूवमेंट नजर नहीं आ रहा है। लगातार रेस्क्यू जारी है। खुदाई करने वाले दल के सदस्यों का कहना है कि जहां पहले बच्ची करीब 25 फीट पर नजर आ रही थी, अब वह खिसककर 50 फीट गहराई में जा चुकी है। दरअसल, यहां 12 फीट के बाद मजबूत पत्थर आना शुरू हो गया था, जिसको लगातार हाइड्रोलिक ब्रेकन, रॉक ड्रिल मशीन, पोकलेन मशीन के पत्थर तोड़ने पर निकालने से हुए कंपन के कारण बच्ची और नीचे खिसककर करीब 50 फीट गहराई में पहुंच गई। बच्ची की सलामती के लिए हजारों लोग प्रार्थना कर रहे हैं।

Updated : 7 Jun 2023 9:41 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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